Table of Contents (toc)
हमारा पर्यावरण Class 10 Biology Chapter 8 Question Answer: Introduction
This article contains all VVI Question Answers (Subjective) from Class 10th Biology Chapter-8 “Our Environment”. These questions are of short-answer and long-answer type.
प्रिय विद्यार्थियों, बिहार बोर्ड जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 8 Question Answer के अन्तर्गत प्रकाशित इन सभी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़-पढ़ कर याद करने का प्रयास करें। याद हो जाने के पश्चात् इन्हें अपने नोटबुक में लिखना न भूलें।
तो चलिए आज हम सबसे पहले ‘हमारा पर्यावरण’ पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्नों को पढ़ते हैं और तत्पश्चात दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।
Class 10th Biology Chapter 8 Question Answer (Short Answer Type)
In the annual board examination of Science subject, 8 short answer type questions are asked in Biology section, in which at least 1 question from the chapter “Our Environment” is definitely included. Out of these 8 questions, only 4 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.
जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 8 Question Answer
1. पर्यावरण क्या है?
उत्तर:- पर्यावरण हमारे चारों ओर का वातावरण एवं परिवेश है जो सजीवों को सभी तरफ से घेरे रहता है व उनके जीवन को प्रभावित करता है। यह वायुमंडल, जलमंडल, स्थलमंडल और जीवमंडल से बना होता है। इसके जैविक घटकों में सभी वनस्पतियाँ और जीव-जंतु शामिल हैं, और अजैविक घटकों में जल, अग्नि, वायु, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश, जलवायु आदि शामिल हैं।
2. प्रदूषण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- ऐसे पदार्थ जो किसी जैविक प्रक्रम द्वारा अपघटित नहीं होते हैं जिससे वे लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं और पर्यावरण के अन्य सदस्यों को हानि पहुँचाते हैं, प्रदूषण कहलाते हैं।
3. जैवनिम्नीकरणीय और गैर-जैवनिम्नीकरणीय पदार्थों के बीच अंतर बताइए। इनके उदाहरण दीजिए।
उत्तर:- वैसे पदार्थ जिनका अपघटन सूक्ष्मजीवों (जीवाणु व कवक) द्वारा हो जाता है, वे जैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे कि कागज, लकड़ी, फलों के छिलके, जीवों के मृत शरीर। जबकि वैसे पदार्थ जिनका सूक्ष्मजीवों (जीवाणु व कवक) द्वारा अपघटन नहीं होता है और वे पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं, वे अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ कहलाते हैं। जैसे कि प्लास्टिक, रबर, DDT, ऐल्युमिनियम के बर्तन।
4. क्या कारण है कि कुछ पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं और कुछ अजैव निम्नीकरणीय?
उत्तर:- कुछ पदार्थों का अपघटन सूक्ष्मजीवों (जीवाणु व कवक) द्वारा हो जाता है, ऐसे पदार्थ जैव निम्नीकरणीय होते हैं। जैसे कि कागज, लकड़ी, फलों के छिलके, जीवों के मृत शरीर।
जबकि कुछ पदार्थ सूक्ष्मजीवों (जीवाणु व कवक) द्वारा अपघटित नहीं होते है और पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं, ऐसे पदार्थ अजैव निम्नीकरणीय होते हैं। जैसे कि प्लास्टिक, रबर, DDT, ऐल्युमिनियम के बर्तन।
5. हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे से कौन-सी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं?
उत्तर:- हमारे द्वारा उत्पादित अजैव निम्नीकरणीय कचरे सूक्ष्मजीवों (जीवाणु व कवक) द्वारा अपघटित नहीं होते है और पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं। ये पर्यावरण में प्रदूषण फैलाते हैं और विभिन्न बीमारियों का कारण बनते हैं।
जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 8 प्रश्न उत्तर
6. ऐसे दो तरीके सुझाइए जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:- दो तरीके जिनमें जैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं –
(क) जैव निम्नीकरणीय पदार्थों से दुर्गंध और गंदगी फैलती है। इनसे पर्यावरण में हानिकारक जीवाणु बढ़ते हैं जो कई प्रकार की बीमारियों को फैलाने के कारक बनते हैं।
(ख) जैव निम्नीकरणीय पदार्थ के अपघटन से कई सरल अकार्बनिक पदार्थ बनते हैं जो मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाते हैं।
7. ऐसे दो तरीके बताइए जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं।
उत्तर:- दो तरीके जिनमें अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ पर्यावरण को प्रभावित करते हैं –
(क) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ सूक्ष्मजीवों द्वारा अपघटित नहीं होते हैं और पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं। ये पर्यावरण में प्रदूषण फैलाते हैं।
(ख) अजैव निम्नीकरणीय पदार्थ आहार श्रृंखला में प्रत्येक उच्चतर पोषी स्तर पर बढ़ती हुई मात्रा में एकत्रित होते जाते हैं और जीवों में बीमारी का कारण बनते हैं।
8. यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो क्या इनका हमारे पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा?
उत्तर:- यदि हमारे द्वारा उत्पादित सारा कचरा जैव निम्नीकरणीय हो तो भी इनका हमारे पर्यावरण पर प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि जैव निम्नीकरणीय पदार्थों के सड़ने से दुर्गंध और गंदगी फैलती है। इनसे पर्यावरण में हानिकारक जीवाणु बढ़ते हैं जो कई प्रकार की बीमारियों को फैलाने के कारक बनते हैं।
9. पारितंत्र से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- पारितंत्र जीवमंडल की एक स्वपोषित संरचनात्मक और कार्यात्मक इकाई है। जीवमंडल के विभिन्न घटक तथा उनके बीच ऊर्जा का आदान-प्रदान, सभी एक साथ मिलकर पारितंत्र का निर्माण करते हैं।
10. जैव और अजैव घटक के बारे में बताएँ।
उत्तर:- किसी पारितंत्र के दो मुख्य अवयव या घटक होते हैं, जैव और अजैव घटक। पारितंत्र के सभी सजीव जैसे पेड़-पौधे, मानव, जंतु और सूक्ष्मजीव जैव घटक कहलाते हैं। पारितंत्र के भौतिक कारक जैसे तापमान, वर्षा, पवन, मृदा, सूर्य का प्रकाश आदि अजैव घटक कहलाते हैं।
Biology Class 10 Chapter 8 Question Answer in Hindi
11. खेतों को कृत्रिम पारितंत्र क्यों कहते हैं?
उत्तर:- खेतों को कृत्रिम पारितंत्र कहा जाता है क्योंकि वे मानव द्वारा बनाए और प्रबंधित किए जाते हैं। प्राकृतिक पारितंत्रों के विपरीत, खेतों में जैविक और अजैविक घटकों को मानव गतिविधियों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। जैसे कि फसल उगाना, निराई करना, सिंचाई करना, उर्वरक डालना और कीटनाशकों का उपयोग करना।
12. कृत्रिम पारितंत्र और प्राकृतिक पारितंत्र के तीन-तीन उदाहरण लिखें।
उत्तर:- खेत, बगीचा तथा जलजीव शाला कृत्रिम पारितंत्र हैं और वन, तालाब और झील प्राकृतिक पारितंत्र है।
13. पारितंत्र के जैव घटकों को किन तीन वर्गों में बाँटा गया है?
उत्तर:- पारितंत्र के जैव घटकों को तीन वर्गों उत्पादक, उपभोक्ता और अपमार्जक में बाँटा गया है। किसी भी पारितंत्र में हरे पौधे उत्पादक, शाकाहारी व मांसाहारी जीव उपभोक्ता ओर सूक्ष्मजीव अपमार्जक होते हैं।
14. उत्पादक से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- वैसे जीव जो सूर्य के प्रकाश और क्लोरोफिल की उपस्थिति में अकार्बनिक यौगिकों से कार्बोहाइड्रेटों का संश्लेषण करते हैं, उत्पादक कहलाते हैं। उदाहरण – हरे पौधे और नील-हरित शैवाल।
15. उत्पादक एवं उपभोक्ता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- वैसे जीव जो सूर्य के प्रकाश और क्लोरोफिल की उपस्थिति में अकार्बनिक यौगिकों से कार्बोहाइड्रेटों का संश्लेषण करते हैं, उत्पादक कहलाते हैं। उदाहरण – हरे पौधे और नील-हरित शैवाल। वैसे जीव जो अपने भोजन के लिए उत्पादकों पर प्रत्यक्ष रूप से अथवा परोक्ष रूप से निर्भर होते हैं, उपभोक्ता कहलाते हैं। उदाहरण – मनुष्य, हिरण, बाघ।
जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 8 के महत्वपूर्ण प्रश्न
16. पारितंत्र में अपमार्जकों की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:- अपमार्जक अपघटन के द्वारा मृत जीवों के शरीर और वर्ज्य पदार्थों में उपस्थित जटिल कार्बनिक पदार्थों को सरल अकार्बनिक पदार्थों में बदल देते हैं जो मिट्टी (भूमि) के साथ मिल जाते हैं। पारितंत्र में अपमार्जकों की यही भूमिका होती है।
17. आहार श्रृंखला क्या है? उदाहरण दें।
उत्तर:- एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का एकदिशीय प्रवाह उसमें स्थित श्रृंखलाबद्ध तरीके से जुड़े जीवों के द्वारा होता है। जीवों की इस श्रृंखला को आहार श्रृंखला कहते हैं। उदाहरण के लिए घास ➞ हिरण ➞ शेर, एक आहार श्रृंखला हैं, जिसमें घास प्रथम पोषी स्तर पर, हिरण द्वितीय पोषी स्तर पर और शेर तृतीय पोषी स्तर पर रहता है।
18. तालाब की सामान्य आहार-श्रृंखला लिखिए।
उत्तर:- तालाब की सामान्य आहार-श्रृंखला है :
पादप प्ल्वक और जलीय पौधे ➞ छोटे जलीय जीव ➞ मछली ➞ पक्षी।
19. पोषी स्तर क्या हैं? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए तथा इसमें विभिन्न पोषी स्तर बताइए।
उत्तर:- एक आहार श्रृंखला में कई चरण होते हैं और प्रत्येक चरण पर ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। आहार श्रृंखला के इन्हीं चरणों को पोषी स्तर कहते हैं। उदाहरण के लिए घास ➞ हिरण ➞ बाघ, एक आहार श्रृंखला हैं, जिसमें घास प्रथम पोषी स्तर पर, हिरण द्वितीय पोषी स्तर पर और बाघ तृतीय पोषी स्तर पर रहता है।
20. क्या होगा यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें?
उत्तर:- यदि हम एक पोषी स्तर के सभी जीवों को समाप्त कर दें तो उस पोषी स्तर के निचले पोषी स्तर के जीवों की संख्या बढ़ जाएगी और अगली पोषी स्तर के जीव भोजन की कमी के कारण मर जाएँगे।
हमारा पर्यावरण पाठ के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
21. क्या किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने का प्रभाव भिन्न-भिन्न पोषी स्तरों के लिए अलग-अलग होगा? क्या किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव है?
उत्तर:- एक आहार श्रृंखला के किसी पोषी स्तर के सभी सदस्यों को हटाने पर उसके पिछले पोषी स्तर के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी होती है जबकि उसके अगली पोषी स्तर के सदस्य भोजन की कमी के कारण मरने लगते हैं या पलायन करते हैं।
नहीं, किसी पोषी स्तर के जीवों को पारितंत्र को प्रभावित किए बिना हटाना संभव नहीं है।
22. आहार जाल क्या है?
उत्तर:- विभिन्न आहार श्रृंखला की लंबाई और जटिलता में काफी अंतर होता है। आमतौर पर प्रत्येक जीव को दो या अधिक प्रकार के जीवों द्वारा खाया जाता है जो स्वयं अनेक प्रकार के जीवों का आहार बनते हैं। अतः आहार श्रृंखलाएँ सीधी न होकर शाखित होती है और विभिन्न आहार श्रृंखलाओं की शाखाएँ आपस में जुड़कर आहार जाल बनाते हैं।
23. जैव-आवर्धन क्या है?
उत्तर:- किसी आहार-श्रृंखला में गैर-जैवनिम्नीकरणीय रासायनिक पदार्थों (पीड़कनाशियों) का प्रत्येक उच्चतर पोषी स्तर पर बढ़ती हुई मात्रा में एकत्रित होते जाना जैव आवर्धन कहलाता है।
24. जैविक आवर्धन (Biological magnification) क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा?
उत्तर:- किसी आहार-श्रृंखला में अजैव निम्नीकरणीय रासायनिक पदार्थों (पीड़कनाशियों) का प्रत्येक उच्चतर पोषी स्तर पर बढ़ती हुई मात्रा में एकत्रित होते जाना जैविक आवर्धन कहलाता है। हाँ, पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होगा, क्योंकि अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों की मात्रा प्रत्येक पोषी स्तर पर उत्तरोत्तर बढ़ती जाती है। किसी जीव में अजैव निम्नीकरणीय पदार्थों की मात्रा ही उस जीव को प्रभावित करती है।
25. ओजोन क्या है? इसके महत्व को बताएँ।
उत्तर:- ओजोन ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से मिलकर बना यौगिक है। हमारे वायुमंडल के समताप मंडल में ओजोन की परत पायी जाती है। यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरणों से पृथ्वी को सुरक्षा प्रदान करती है। यह पराबैंगनी विकिरण जीवों के लिए अत्यंत हानिकारक है। यह जीवों में त्वचा का कैंसर रोग उत्पन्न करती है। इस प्रकार ओजोन का हमारे वायुमंडल में विशेष महत्त्व है।
Class 10 Science Chapter 15 Question Answer in Hindi
26. ओजोन परत के क्षय का कारण लिखें।
उत्तर:- ओजोन परत के क्षय का कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) जैसे रसायन है। ये रसायन ओजोन (O₃) से अभिक्रिया कर उसे आण्विक ऑक्सीजन (O₂) और परमाण्विक ऑक्सीजन (O) में विखंडित कर ओजोन परत का क्षय करते हैं।
27. ऐरोसॉल रसायन के हानिकारक प्रभाव क्या है?
उत्तर:- ऐरोसॉल रसायन के हानिकारक प्रभाव यही है कि ये CFC जैसे हानिकारक गैसों का उत्सर्जन करते हैं जो ओजोन परत का क्षय करते है।
28. ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय क्यों है। इस क्षति को सीमित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर:- ओजोन परत की क्षति होने से सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी विकिरणों के पृथ्वी तक पहुँचने की संभावना बढ़ जाती है। जिससे मानव एवं अन्य जीवों में त्वचा का कैंसर रोग उत्पन्न करती है। इसलिए ओजोन परत की क्षति हमारे लिए चिंता का विषय है। CFC का उत्सर्जन ओजोन परत की क्षय का मुख्य कारण है। इस क्षति को सीमित करने के लिए 1987 के संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि CFC के उत्पादन को 1986 के स्तर तक ही सीमित रखा जाए।
29. ग्रीनहाउस प्रभाव किसे कहते हैं?
उत्तर:- पृथ्वी के वायुमंडल में कुछ गैसें, जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन और जल वाष्प, सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करती हैं और फिर उसे ऊष्मा के रूप में वापस वायुमंडल में छोड़ती हैं। यह प्रक्रिया ग्रीनहाउस प्रभाव कहलाती है। इसके कारण सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में पृथ्वी का तापमान सामान्य बना रहता है।
30. आप कचरा निपटान की समस्या कम करने में क्या योगदान कर सकते हैं? किन्हीं दो तरीकों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:- हम कचरा निपटान की समस्या कम करने में निम्न प्रकार से योगदान दे सकते हैं –
(क) हम जैव निम्नीकरणीय पदार्थों से बने वस्तुओं के उपयोग को प्राथमिकता देंगे और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करेंगे।
(ख) जैव निम्नीकरणीय और अजैव निम्नीकरणीय कचरों को अलग-अलग जमा करके भी कचरा निपटान की समस्या कम की जा सकती है।
Our Environment Biology Class 10 Chapter 8
31. अपशिष्ट पदार्थ का अनुपयुक्त निपटान पर्यावरण के लिए एक अभिशाप है। कैसे?
उत्तर:- अपशिष्टों से हमारा पर्यावरण, वायु, मृदा और जल प्रदूषित होते हैं, तथा इनसे सभी जीवधारियों पर हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। इसलिए अपशिष्ट पदार्थ का अनुपयुक्त निपटान पर्यावरण के लिए एक अभिशाप है।
32. बाजार में खरीददारी करते समय प्लास्टिक की थैलियों की अपेक्षा कपड़े के थैले क्यों लाभप्रद हैं?
उत्तर:- बाजार में खरीददारी करते समय प्लास्टिक की थैलियों की अपेक्षा कपड़े के थैले लाभप्रद हैं, क्योंकि
(क) ये प्लास्टिक की थैलियों की अपेक्षा मजबूत होते हैं।
(ख) इन्हें दोबारा प्रयोग में लाया जा सकता है।
(ग) ये जैव निम्नीकरणीय पदार्थ के बने होते हैं।
(घ) ये पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करते हैं।
यहाँ पर हमारा पर्यावरण अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन सभी प्रश्नों को समझ गए होंगे और याद भी कर लिए होंगे। इन्हें अपने नोटबुक में लिखने का प्रयास करें।
अब हम हमारा पर्यावरण अध्याय के महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे।
Class 10 Biology Chapter 8 Question Answer (Long Answer Type)
In the annual board examination of Science subject, 2 long answer type questions are asked in Biology section, in which 1 question may be from the chapter “Our Environment”. Out of these 2 questions, only 1 question has to be answered and 5 marks are fixed for each of these questions.
जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 8 नोट्स
1. आहार श्रृंखला क्या है? इसे एक उदाहरण द्वारा समझाएँ।
उत्तर:- एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का एकदिशीय प्रवाह उसमें स्थित श्रृंखलाबद्ध तरीके से जुड़े जीवों के द्वारा होता है। जीवों की इस श्रृंखला को आहार श्रृंखला कहते हैं।
उदाहरण: घास, हिरण और बाघ तीनों मिलकर एक आहार श्रृंखला बनाते हैं, जिसमें घास प्रथम पोषी स्तर पर, हिरण द्वितीय पोषी स्तर पर और बाघ तृतीय पोषी स्तर पर रहता है। इस आहार श्रृंखला में घास उत्पादक है, हिरण प्राथमिक उपभोक्ता और बाघ द्वितीयक उपभोक्ता है। ऊर्जा का स्थानांतरण घास से हिरण में और फिर हिरण से बाघ में होता है।
2. पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह कैसे होता है?
उत्तर:- पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय होता है। एक पारिस्थितिक तंत्र के किसी आहार श्रृंखला में कई स्तर होते हैं और प्रत्येक स्तर पर ऊर्जा का स्थानांतरण होता है। इन स्तरों को पोषी स्तर कहते हैं। प्रथम पोषी स्तर पर हरे पौधे होते हैं जो सौर ऊर्जा का प्रयोग करते हुए अकार्बनिक यौगिकों से कार्बोहाइड्रेटों का संश्लेषण करते हैं। द्वितीय पोषी स्तर पर शाकाहारी जंतु, तृतीय पोषी स्तर पर मांसाहारी जंतु और चतुर्थ पोषी स्तर पर उच्च श्रेणी के मांसाहारी जंतु होते हैं। प्रत्येक स्तर के उपभोक्ता खाए हुए भोजन की मात्रा का लगभग 10% ही जैव मात्रा में बदल पाता है जो अगले स्तर के उपभोक्ता को प्राप्त होता है। इस प्रकार आहार श्रृंखला के प्रत्येक पोषी स्तर पर उपलब्ध ऊर्जा का लगभग 10% ही अगले पोषी स्तर के उपभोक्ता तक पहुँचता है।
Our Environment Biology Class 10th PDF Download
3. अपशिष्ट पदार्थों के चक्रण को उदाहरण देकर समझाएँ।
उत्तर:- अपशिष्ट पदार्थ दो प्रकार के होते हैं –
(क) जैव निम्नीकरणीय एवं (ख) जैव अनिम्नीकरणीय।
(क) जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों का चक्रण: जीवाणु और कवक जैसे सूक्ष्मजीव जैव निम्नीकरणीय अपशिष्टों (जंतुओं और पौधों के अवशेष व वर्ज्य पदार्थ) को अपघटित कर सरल अकार्बनिक यौगिकों में बदल देते हैं, जो मिट्टी (भूमि) में चले जाते हैं और पौधों द्वारा पुनः उपयोग में लाये जाते हैं। पौधों से ये विभिन्न उपभोक्ताओं में पहुँचकर पुनः वर्ज्य पदार्थों या अवशेष का रूप लेते हैं और जीवाणुओं एवं कवकों द्वारा अपघटित किए जाते हैं।
उदाहरण के लिए, जब कोई शेर मर जाता है तो समय के साथ जीवाणु और कवक जैसे सूक्ष्मजीव उसके शरीर को अपघटित कर सरल अकार्बनिक यौगिकों में बदल देते हैं, जो मिट्टी (भूमि) में चले जाते हैं और पौधों द्वारा पुनः उपयोग में लाये जाते हैं। पौधों से ये अकार्बनिक यौगिक विभिन्न उपभोक्ताओं से होते हुए पुनः शेर तक पहुँचते हैं।
(ख) जैव अनिम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों का चक्रण: जैव अनिम्नीकरणीय अपशिष्ट पदार्थों का अपघटन आसानी से नहीं होता हैं। ये लंबे समय तक पर्यावरण में बने रहते हैं, जैसे ऐलुमिनियम के डिब्बे, प्लैस्टिक, डी. डी. टी. आदि। ये सभी प्रदूषण के मुख्य स्रोत हैं और जीवों को हानि पहुँचाते हैं। इनका पुनर्चक्रण करके नये उत्पाद बनाए जाते हैं।