
Dear Students, an important question “Prove that R=2f in a convex mirror” from the chapter 'Reflection of Light' is given here by NextGen Study team.
Also, after this question, another important numerical question and its answer has been given from the chapter Reflection of Light.
उत्तल दर्पण में सिद्ध करें कि दर्पण की वक्रता-त्रिज्या उसकी फोकस-दूरी की दोगुनी होती है
तो चलिए आज हम सबसे पहले बिहार बोर्ड कक्षा-10 भौतिक विज्ञान का महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तल दर्पण में R तथा f के बीच संबंध को उत्तर सहित पढ़ते हैं फिर इसके बाद एक और महत्वपूर्ण प्रश्न को देखेंगे।
उत्तल दर्पण का परावर्तक सतह इसके वक्रता-केन्द्र के विपरित ओर रहता हैं। इसका आंतरिक भाग रजतित रहता है। इसका उपयोग मोटरकार, बस आदि वाहनों में साईड मिरर/पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में किया जाता है।
Prove that in convex mirror f=R/2
उत्तर:- ध्रुव P और वक्रता-केंद्र C वाले उत्तल दर्पण के मुख्य अक्ष (PC) के समांतर और निकट एक आपतित किरण AB लिया। यह किरण दर्पण के फोकस (F) की दिशा में परावर्तित होती है। B से C को मिला दिया और C को आगे C' तक बढ़ाया।
उत्तल दर्पण में सिद्ध करें कि R=2f
माना कि उत्तल दर्पण की फोकस दूरी f और वक्रता त्रिज्या R है।

परावर्तन के नियम से,
ㄥABC' = ㄥC'BF' (i = r)
और ㄥC'BF' = ㄥCBF (शीर्षाभिमुख कोण)
अतः ㄥABC' = ㄥCBF .... (i)
चूँकि, AB∥PC
∴ ㄥABC' = ㄥBCF (संगत कोण) .... (ii)
समी० (i) और (ii) से,
ㄥCBF = ㄥBCF
⇒ BF = CF (त्रिभुज में समान कोण के सामने की भुजा) .... (iii)
छोटे द्वारक के उत्तल दर्पण में B, P के बहुत निकट होता है।
∴ BF = PF .... (vi)
समी० (iii) और (iv) से,
PF = CF
⇒ PF = CF = PC/2
⇒ f = R/2
या R = 2f
इस प्रकार सिद्ध होता है कि उत्तल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या उसकी फोकस-दूरी की दोगुनी होती है, अर्थात R = 2f।
ㄥABC' = ㄥC'BF' (i = r)
और ㄥC'BF' = ㄥCBF (शीर्षाभिमुख कोण)
अतः ㄥABC' = ㄥCBF .... (i)
चूँकि, AB∥PC
∴ ㄥABC' = ㄥBCF (संगत कोण) .... (ii)
समी० (i) और (ii) से,
ㄥCBF = ㄥBCF
⇒ BF = CF (त्रिभुज में समान कोण के सामने की भुजा) .... (iii)
छोटे द्वारक के उत्तल दर्पण में B, P के बहुत निकट होता है।
∴ BF = PF .... (vi)
समी० (iii) और (iv) से,
PF = CF
⇒ PF = CF = PC/2
⇒ f = R/2
या R = 2f
इस प्रकार सिद्ध होता है कि उत्तल दर्पण की वक्रता-त्रिज्या उसकी फोकस-दूरी की दोगुनी होती है, अर्थात R = 2f।
एक अन्य प्रश्न
18 cm फोकस-दूरी वाले दर्पण से कुछ दूरी पर रखे बिंब का प्रतिबिंब आकार में 1/3 दिखाई देता है। दर्पण से बिंब की दूरी ज्ञात करें। दर्पण और प्रतिबिंब की प्रकृति बतायें।
उत्तर- दर्पण की फोकस-दूरी, f = 18 cm
माना, बिंब की ऊँचाई = h cm
इसलिए प्रतिबिंब की ऊँचाई = h/3 cm
अब, दर्पण के आवर्धन-सूत्र से,
माना, बिंब की ऊँचाई = h cm
इसलिए प्रतिबिंब की ऊँचाई = h/3 cm
अब, दर्पण के आवर्धन-सूत्र से,

अतः दर्पण से बिंब की दूरी = 36 cm
और दर्पण से प्रतिबिंब की दूरी = 12 cm
चूँकि, प्रतिबिंब-दूरी धनात्मक है। अतः प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
पुनः वस्तु-दूरी (36 cm) दर्पण के फोकस-दूरी (18 cm) का दुगुना है।
इसलिए यह दर्पण एक अवतल दर्पण नहीं हो सकता है। क्योंकि अवतल दर्पण की स्थिति में प्रतिबिंब दर्पण के सामने वस्तु-दूरी (36 cm) के बराबर दूरी पर बनता।
अतः यह एक उत्तल दर्पण है और प्रतिबिंब की प्रकृति आभासी, सीधा और बिंब से छोटा है।
और दर्पण से प्रतिबिंब की दूरी = 12 cm
चूँकि, प्रतिबिंब-दूरी धनात्मक है। अतः प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
पुनः वस्तु-दूरी (36 cm) दर्पण के फोकस-दूरी (18 cm) का दुगुना है।
इसलिए यह दर्पण एक अवतल दर्पण नहीं हो सकता है। क्योंकि अवतल दर्पण की स्थिति में प्रतिबिंब दर्पण के सामने वस्तु-दूरी (36 cm) के बराबर दूरी पर बनता।
अतः यह एक उत्तल दर्पण है और प्रतिबिंब की प्रकृति आभासी, सीधा और बिंब से छोटा है।
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