
भारतमहिमा पाठ का अर्थ Class 10 Sanskrit Chapter 5 Question Answer and Notes : Introduction
This article contains all VVI Question Answers (2 marks each) from Class 10th Sanskrit book “Piyusham Part-2” Chapter 5 “Bharat Mahima”. This also contains the hindi meaning of the Bharat Mahima chapter.
प्रिय विद्यार्थियों, बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत पाठ 5 प्रश्न उत्तर को पढ़ने से पहले आपको भारतमहिमा पाठ का अर्थ जानना आवश्यक हो जाता है। क्योंकि इस पाठ को हिन्दी में पढ़ने के पश्चात् ही आप इसमें लिखी बातों को अधिक आसानी से याद कर पाएँगे।
इसलिए आज हम सबसे पहले भारतमहिमा पाठ का अर्थ हिन्दी में पढ़ेंगे और तत्पश्चात प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।
भारतमहिमा पाठ का अर्थ (हिन्दी में)
संस्कृत विषय तब तक कठिन लगता हैं जब तक कि उसका हिन्दी अनुवाद हमें पता नहीं रहता। किसी भी पाठ का हिन्दी में अनुवाद करते ही वह हमें बहुत रोचक लगने लगता है। भारतमहिमा पाठ में हमारे देश भारतवर्ष की विशेषताओं का बखान किया गया है। इस पाठ के अध्ययन से हमें हमारे देश की महानता के बारे में जानकारी प्राप्त होती है। हमारे भारत देश की महिमा का गुणगान देवगण भी करते हैं। हमारी भारतभूमि स्वर्ग और मोक्ष को प्रदान करने का साधन प्रदान करती है। यहाँ हम भारतमहिमा पाठ का हिन्दी अनुवाद करते हुए इसके अर्थ को भी समझेंगे। परंतु इन सबसे पहले भारतमहिमा पाठ से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी प्राप्त करते हैं।
कक्षा 10 संस्कृत पाठ 5 नोट्स
- हमारे देश को भारतवर्ष के नाम से जाना जाता है।
- भारत की महिमा सर्वत्र गायी जाती है।
- भारत को धरती पर स्वर्ग कहा गया है।
- भारत के प्रति भक्ति रखना हमारा कर्तव्य होना चाहिए।
- ‘भारत-महिमा’ पाठ में पाँच श्लोक (पद्य) है। इनमें से दो श्लोक पुराणों से लिए गए है और अन्य तीन श्लोक आधुनिक है।
कक्षा 10 संस्कृत पाठ 5 भारतमहिमा का हिन्दी अनुवाद
‘भारतमहिमा’ पाठ में कुल पाँच श्लोक (पद्य) है। इनमें से दो श्लोक पुराणों से लिए गए है और अन्य तीन श्लोक आधुनिक है। नीचे सभी पाँचों श्लोकों का हिन्दी अनुवाद बताया गया है और महत्वपूर्ण बिंदुओं की जानकारी दी गई है।
भारतमहिमा पाठ का पहला श्लोक गायन्ति देवाः किल ..... का हिन्दी अर्थ
स्वर्गापवर्गास्पदमार्गभूते भवन्ति भूयः पुरुषाः सुरत्वात्।।
भावार्थ: “गायन्ति देवाः किल ..... ।” श्लोक को “विष्णु पुराण” से लिया गया है। इस श्लोक में बताया गया है कि देवता गीत गाते हैं – वे मनुष्य धन्य हैं जो स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करने के साधन-स्वरूप भारत भूमि में देवताओं से भी बढ़कर हैं।
- देवता भारत की महिमा के गीत गाते हैं।
- देवगण कहते हैं कि वे पुरुष धन्य हैं जिन्होंने भारत भूमि पर जन्म लिया हैं।
- भारत भूमि स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करने वाली है।
- भारत में जन्म लेने वाले पुरुष देवता समान हो जाते हैं।
भारतमहिमा पाठ का दुसरा श्लोक अहो अमीषां ..... का अर्थ
यैर्जन्म लब्धं नृषु भारताजिरे मुकुन्दसेवौपयिकं स्पृहा हि नः॥
भावार्थ: “अहो अमीषां ......... ।” श्लोक को “भागवत पुराण” से संकलित किया गया है। इस श्लोक में बताया गया है कि देवता गाते हुए कहते हैं – उन पुरुषों के लिए इससे सुन्दर बात क्या है कि उन्होंने भारतवर्ष में भगवान श्रीहरि की सेवा के योग्य जन्म लिया है। भगवान स्वयं इन लोगों से प्रसन्न होते हैं। हमारी भी (देवता) यही इच्छा है।
- भारत ईश्वर के द्वारा बनाया गया एक सुंदर देश है।
- भारत की शोभा देखकर स्वयं भगवान श्रीहरि प्रसन्न होते है।
- भारत में जन्म लेने वाले मनुष्य हरि की सेवा करने योग्य होते हैं।
- भारत में जन्म लेने वाले लोगों से स्वयं हरि प्रसन्न होते है।
- देवता भारत भूमि में जन्म लेने की इच्छा रखते हैं ताकि वे हरि की सेवा कर सके।
भारतमहिमा पाठ का तीसरा श्लोक इयं निर्मला वत्सला ..... का अर्थ
विभिन्ना जना धर्मजातिप्रभेदै-रिहैकत्वभावं वहन्तो वसन्ति॥
भावार्थ: “इयं निर्मला वत्सला ........ ।” एक आधुनिक संस्कृत पद्य है। इस श्लोक में भारत की महिमा का वर्णन करते हुए बताया गया है कि यह भारतवर्ष प्रसिद्ध है, यह मातृभूमि सदैव पवित्र और स्नेहमयी है जहाँ विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग एकता की भावना धारण कर रहते हैं।
- निर्मला और वत्सला भारत भूमि को कहा गया है।
- भारत भूमि हमेशा से पवित्र और ममतामयी रही है।
- भारत देश में विभिन्न धर्मों और जातियों के लोग बिना भेदभाव किए एकता की भावना धारण कर के रहते हैं।
भारतमहिमा पाठ का चौथा श्लोक विशालास्मदीया धरा ..... का अर्थ
वनैः पर्वतैर्निर्झरैर्भव्यभूति-र्वहन्तीभिरेषा शुभा चापगाभिः।।
भावार्थ: “विशालास्मदीया धरा .......... ।” एक आधुनिक संस्कृत पद्य है। इस श्लोक में भारत की महिमा का वर्णन करते हुए बताया गया है कि हमारी भारतभूमि विशाल, सुन्दर, शुभ और भव्य है और यह सदैव समुद्र, पर्वत, झरनों और नदियों के प्रवाह से सुसज्जित रहती है।
- हमारी भारतभूमि विशाल और रम्य (सुंदर) है।
- भारतभूमि सागरों, पर्वतों, झरनों और बहती हुई नदियों से सदा सेवित है।
भारतमहिमा पाठ का पाँचवाँ श्लोक जगद्गौरवं भारतं ..... का अर्थ
भवेद् देशभक्तिः समेषां जनानां परादर्शरूपा सदावर्जनीया।।
भावार्थ: “जगद्गौरवं भारतं .........।” एक आधुनिक संस्कृत पद्य है। इस श्लोक में भारत की महिमा का गुणगान करते हुए संदेश दिया गया है कि सुन्दर और जगत के गौरव इस भारत की हमें सदैव पूजा करनी चाहिए। हम सभी लोगों की देशभक्ति दूसरों के लिए अनुकरणीय और आदर्श होनी चाहिए।
- भारत देश जगत (संसार) का गौरव है।
- भारतभूमि हमारे लिए सदा पूजनीय है।
- भारत के प्रति हममें आदर्श देशभक्ति की भावना होनी चाहिए।
- भारतीय लोगों की देशभक्ति आदर्श और अनुकरणीय है।
यहाँ पर “भारतमहिमा पाठ का अर्थ” समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन इन्हें समझ कर याद कर लिए होंगे।
अब हम “भारतमहिमा” अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न और उनके उत्तर पढ़ेंगे। इससे आप भारतमहिमा पाठ के तथ्यों को और अधिक सरलता से समझ पायेंगे और परीक्षा में इस पाठ से पूछे गए प्रश्नों का answer भी दे सकेंगे।
Class 10 Sanskrit Chapter 5 Question Answer
In the annual board examination of Sanskrit subject, 16 short answer type questions are asked, in which 1 or 2 questions from the chapter “Bharat Mahima” are definitely included. Out of these 16 questions, only 8 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.
कक्षा 10 संस्कृत अध्याय 5 भारतमहिमा प्रश्न उत्तर
Class 10 Sanskrit Chapter 5 Bharat Mahima Question Answer
अथवा, भारतभूमि कैसी है और यहाँ कौन लोग रहते हैं?
कक्षा 10 संस्कृत पाठ 5 भारतमहिमा प्रश्न उत्तर
Bharat Mahima Chapter Question Answer pdf
अथवा, पठित पाठ के आधार पर भारतवर्ष की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें।