धातु एवं अधातु Science Class 10 Chapter 3 Question Answer in Hindi

Prabhakar
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Class 10 Chapter 3 Question Answer in Hindi
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धातु एवं अधातु Science Class 10 Chapter 3 Question Answer in Hindi : Introduction

This article contains all VVI Question Answers (subjective) from Class 10th Chemistry Chapter 3 "Metals And Nonmetals". These questions are of short-answer and long-answer type.


Dear students, यहाँ बिहार बोर्ड रसायन विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 3 Question Answer के अन्तर्गत प्रकाशित इन सभी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़-पढ़ कर याद करने का प्रयास करें। याद हो जाने के पश्चात् इन्हें अपने नोटबुक में लिखना न भूलें।

तो चलिए आज हम सबसे पहले “धातु एवं अधातु” अध्याय के लघु उत्तरीय प्रश्नों को पढ़ते हैं और तत्पश्चात दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।


Class 10th Chemistry Chapter 3 Question Answer (Short Answer Type)

In the annual board examination of Science subject, 8 short answer type questions are asked in Chemistry section, in which at least 1 question from the chapter “Metals And Nonmetals” is definitely included. Out of these 8 questions, only 4 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.


रसायन विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 3 Question Answer


1. ऐसी धातु का उदाहरण दीजिए जो
(A) कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(B) चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।
उत्तर:- (A) पारा (Hg) ऐसी धातु है जो कमरे के ताप पर द्रव होती है।
(B) सोडियम (Na) ऐसी धातु है जिसे चाकू से आसानी से काटा जा सकता है।

2. ऊष्मा के दो उत्तम चालक और दो दुर्बल चालक धातुओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:- ऊष्मा के दो उत्तम चालक सिल्वर (Ag) एवं कॉपर (Cu) हैं। वहीं ऊष्मा के दो दुर्बल चालक लेड (Pb) और मर्करी (Hg) हैं।

3. एक धातु तथा एक अधातु का उदाहरण दीजिए जो कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहते हैं।
उत्तर:- कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में रहने वाला धातु पारा (Hg) और अधातु ब्रोमिन (Br) हैं।

4. आघातवर्ध्यनीयता किसे कहते है?
उत्तर:- धातुओं का वह गुण जिसके कारण इन्हें पीटकर पतली चादर बनाया जा सकता है, आघातवर्ध्यनीयता कहलाता है। सोना सर्वाधिक आघातवर्ध्य धातु है।

5. तन्यता किसे कहते हैं?
उत्तर:- धातु के पतले तार के रूप में खींचें जाने की क्षमता को तन्यता कहते हैं। सोना सर्वाधिक तन्य धातु है। एक ग्राम सोने से 2 km लंबा तार बनाया जा सकता है।

6. दो भौतिक गुणों के आधार पर धातु एवं अधातु में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:- भौतिक गुणों के आधार पर धातु एवं अधातु में अंतर –
धातु अधातु
(i) धातुएँ आघातवर्ध्य और तन्य होती हैं। अर्थात इन्हें पीटकर पतली चादर बनाया जा सकता है और खींचकर तार भी बनाया जा सकता है। (i) अधातुएँ भंगुर होती हैं। इसलिए इनसे चादरें या तार नहीं बनायी जा सकती हैं।
(ii) धातुओं के द्रवणांक और क्वथनांक उच्च होते हैं। (ii) अधातुओं के द्रवणांक और क्वथनांक निम्न होते हैं।

7. प्लैटिनम, सोना एवं चांँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है। कारण बताइए।
उत्तर:- प्लैटिनम, सोना एवं चांँदी बहुत कम अभिक्रियाशील धातुएँ हैं। इनका संक्षारण आसानी से नहीं होता है। इसलिए इनकी विशिष्ट धात्विक चमक लंबे समय तक एक जैसी बनी रहती है। साथ ही, इनकी तन्यता और आघातवर्ध्यनीयता अधिक होती हैं। यही कारण है कि प्लैटिनम, सोना एवं चांँदी का उपयोग आभूषण बनाने के लिए किया जाता है।

8. उभयधर्मी ऑक्साइड क्या होते हैं? दो उभयधर्मी ऑक्साइडों का उदाहरण दीजिए।
उत्तर:- ऐसे ऑक्साइड अम्लीय और क्षारकीय दोनों प्रकार के गुण प्रदर्शित करते हैं, उन्हें उभयधर्मी ऑक्साइड कहा जाता है। जिंक ऑक्साइड (ZnO) और ऐल्युमिनियम ऑक्साइड (Al₂O₃) दोनों उभयधर्मी ऑक्साइड है।

Science Class 10 Chapter 3 Question Answer


9. उभयधर्मी ऑक्साइड के कोई दो उदाहरण दें। इनकी अम्ल एवं क्षारक से अभिक्रिया के रासायनिक समीकरण लिखें।
उत्तर:- उभयधर्मी ऑक्साइड के दो उदाहरण हैं – जिंक ऑक्साइड (ZnO) और ऐल्युमिनियम ऑक्साइड (Al₂O₃)।
जिंक ऑक्साइड की अम्ल के साथ अभिक्रिया –
ZnO + 2HCl ➞ ZnCl₂ + H₂O
जिंक ऑक्साइड की क्षारक के साथ अभिक्रिया –
ZnO + NaOH ➞ Na₂ZnO₂ + H₂O
ऐल्युमिनियम ऑक्साइड की अम्ल के साथ अभिक्रिया –
Al₂O₃ + 6HCl ➞ 2AlCl₃ + 3H₂O
ऐल्युमिनियम ऑक्साइड की क्षारक के साथ अभिक्रिया –
Al₂O₃ + 2NaOH ➞ 2NaAlO₂ + H₂O

10. सोडियम को किरोसिन में डुबो कर क्यों रखा जाता हैं?
उत्तर:- सोडियम वायु में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करता है। इस अभिक्रिया में अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे आग पकड़ लेती है। इसलिए सोडियम को सुरक्षित रखने और आकस्मिक आग को रोकने के लिए इसे किरोसिन में डुबो कर रखा जाता हैं।

11. सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम को तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है, क्यों?
उत्तर:- सोडियम, पोटैशियम एवं लीथियम अति अभिक्रियाशील धातुएँ हैं। इन्हें वायु में खुला रखने पर ये वायु में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करते है। इस अभिक्रिया में अधिक मात्रा में ऊष्मा उत्पन्न होती है जिससे आग पकड़ लेती है। इसलिए इन धातुओं को तेल के अंदर संग्रहीत किया जाता है।

12. ऐनोडीकरण क्या है?
उत्तर:- ऐनोडीकरण ऐल्युमिनियम सतह पर मोटी ऑक्साइड की परत बनाने की प्रक्रिया है। ऐल्युमिनियम को खुली वायु में छोड़ देने पर उसकी सतह पर ऑक्साइड की पतली परत बन जाती है। यह परत ऐल्युमिनियम को संक्षारण से बचाती है। विद्युत अपघटन के द्वारा इस परत को मोटा किया जा सकता है। इसके लिए ऐल्युमिनियम धातु को ऐनोड बनाकर तनु सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ इसका विद्युत अपघटन किया जाता है। ऐनोड पर मुक्त ऑक्सीजन गैस ऐल्युमिनियम से अभिक्रिया कर इसकी सतह पर ऑक्साइड की एक मोटी परत का निर्माण करती है।

13. ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए क्यों किया जाता है?
उत्तर:- ऐलुमिनियम ऊष्मा का सुचालक है। इसका गलनांक उच्च होता है और यह सस्ता भी है। साथ ही अत्यंत अभिक्रियाशील होने के कारण यह वायु में उपस्थित ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके अपनी सतह पर ऐलुमिनियम ऑक्साइड की पतली परत बनाता है, जो इसे जंग लगने से बचाती है। इन्हीं कारणों से ऐलुमिनियम का उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।

14. इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए
(i) भाप के साथ आयरन।
(ii) जल के साथ कैल्सियम तथा पोटैशियम।
उत्तर:- (i) भाप के साथ आयरन की अभिक्रिया के लिए समीकरण –
3Fe (s) + 4H₂O (g) ➞ Fe₃O₄ (s) + 4H₂ (g)
(ii) जल के साथ कैल्सियम की अभिक्रिया के लिए समीकरण –
Ca (s) + 2H₂O (l) ➞ Ca(OH)₂ (aq) + H₂ (g)
जल के साथ पोटैशियम की अभिक्रिया के लिए समीकरण –
2K (s) + 2H₂O (l) ➞ 2KOH (aq) + H₂ (g) + ऊष्मा

15. दो धातुओं के नाम बताइए जो ठंडे जल के साथ भी अभिक्रिया कर लेती हैं और दो धातुएँ जो जल के साथ बिलकुल अभिक्रिया नहीं करती हैं।
उत्तर:- सोडियम (Na) एवं पोटैशियम (K) दो ऐसी धातुएँ हैं जो ठंडे जल के साथ भी अभिक्रिया कर लेती हैं और सिल्वर (Ag) और गोल्ड (Au) दो ऐसी धातुएँ हैं जो जल के साथ बिलकुल अभिक्रिया नहीं करती हैं।

16. एक ऐसी धातु का नाम बताइए जो शीतल जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है परन्तु गर्म जल के साथ अभिक्रिया करता है। इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखें।
उत्तर:- मैग्नीशियम शीतल जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है परन्तु गर्म जल के साथ अभिक्रिया कर मैग्नीशियम हाइड्रऑक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करता है। इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण है –
Mg (s) + 2H₂O (l) ➞ Mg(OH)₂ (aq) + H₂ (g)

कक्षा 10 विज्ञान पाठ 3 धातु एवं अधातु प्रश्न उत्तर


17. एक ऐसी धातु का नाम बताइए जो शीतल जल या गर्म जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है परन्तु भाप के साथ अभिक्रिया करता है। इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखें।
उत्तर:- ऐलुमिनियम शीतल जल या गर्म जल के साथ अभिक्रिया नहीं करता है परन्तु भाप के साथ अभिक्रिया कर ऐलुमिनियम ऑक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस प्रदान करता है। इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण है –
2Al (s) + 3H₂O (g) ➞ Al₂O₃ (s) + 3H₂ (g)

18. अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो कौन सी गैस निकलती है?
उत्तर:- अभिक्रियाशील धातु को तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल में डाला जाता है तो हाइड्रोजन गैस निकलती है। वस्तुतः अभिक्रियाशील धातुएँ हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर क्लोराइड लवण बनाती है और हाइड्रोजन गैस मुक्त करती है।

19. आयरन के साथ तनु H₂SO₄ की रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:- आयरन के साथ तनु H₂SO₄ की अभिक्रिया होने पर आयरन (II) सल्फेट लवण बनता है और हाइड्रोजन गैस मुक्त होती है।
Fe(s) + H₂SO₄(aq) ➞ FeSO₄(aq) + H₂(g)

20. दो धातुओं के नाम बताइए जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देंगे तथा दो धातुएँ जो ऐसा नहीं कर सकती हैं।
उत्तर:- कैल्सियम (Ca) एवं मैग्नीशियम (Mg) दो ऐसी धातुएँ हैं जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित करतीन हैं और पारा (Hg) और सिल्वर (Ag) दो ऐसी धातुएँ हैं जो तनु अम्ल से हाइड्रोजन को विस्थापित नहीं करती हैं।

21. जब धातुएँ नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करती है तब हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित नहीं होती है, क्यों?
उत्तर:- नाइट्रिक अम्ल (HNO₃) एक प्रबल ऑक्सीकारक है। यह धातु के साथ अभिक्रिया में उत्पन्न हाइड्रोजन गैस (H₂) को ऑक्सीकृत करके जल में परिवर्तित कर देता है और स्वयं नाइट्रोजन के किसी ऑक्साइड (N₂O, NO, NO₂) में अपचयित हो जाता है। इसलिए जब धातुएँ नाइट्रिक अम्ल के साथ अभिक्रिया करती है तब हाइड्रोजन गैस उत्सर्जित नहीं होती है।

22. Al, Fe, Mg, और Zn को अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में लिखें।
उत्तर:- Mg, Al, Zn और Fe के अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम है – Mg > Al > Zn > Fe.

23. ऐक्वा रेजिया (अम्लराज या रॉयल जल) क्या है?
उत्तर:- ऐक्वा रेजिया 3 : 1 के अनुपात में सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCl) और सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल (H₂SO₄) का ताजा मिश्रण होता है। यह प्रबल संक्षारक होता है और इसमें गोल्ड को भी गलाने की क्षमता होती है।

24. जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने से क्या होता है? इसकी रासायनिक अभिक्रिया लिखिए।
उत्तर:- आयरन की तुलना में जिंक अधिक अभिक्रियाशील है। इसलिए जिंक को आयरन (II) सल्फेट के विलयन में डालने पर जिंक आयरन (II) सल्फेट से आयरन (II) को विस्थापित कर जिंक सल्फेट बनाता है।
Zn (s) + FeSO₄(aq) ➞ ZnSO₄(aq) + Fe (s)

Metals And Nonmetals Class 10 Notes


25. संयोजकता से आप क्या समझते हैं? ऑक्सीजन की संयोजकता लिखें।
उत्तर:- किसी तत्त्व के परमाणु के बाह्यतम कक्ष में इलेक्ट्रॉनों के अष्टक बनाने के लिए जितनी संख्या में इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी या ग्रहण या त्याग होता है, वहीं संख्या उस तत्त्व की संयोजकता कहलाती है। चूँकि ऑक्सीजन परमाणु की बाह्यतम कक्ष में 6 इलेक्ट्रॉन रहता है। इसलिए अष्टक प्राप्त करने के लिए इसे 2 इलेक्ट्रॉनों की आवश्यकता है। अतः ऑक्सीजन की संयोजकता 2 है।

26. सोडियम, ऑक्सीजन एवं मैग्नीशियम के लिए इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना लिखिए।
उत्तर:- तत्त्व के चारों ओर संयोजी इलेक्ट्रॉनों का बिन्दुओं के रूप में निरूपण को तत्त्व की इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना कहा जाता है।
Electron-dot structure for sodium, oxygen and magnesium

27. निम्नांकित के इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना बनाएँ।
(i) H₂S (ii) F₂
उत्तर:- 
इलेक्ट्रॉन-बिंदु संरचना

28. इलेक्ट्रॉन के स्थानांतरण के द्वारा Na₂O एवं MgO का निर्माण दर्शाइए। इन यौगिकों में कौन से आयन उपस्थित हैं?
उत्तर:-
Formation of Na₂O and MgO by transfer of electrons

29. आयनिक बंध क्या है? समझाएँ।
उत्तर:- परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों के स्थानांतरण से बनने वाले बंधन को आयनिक बंध कहते हैं। आयनिक बंधन केवल धातुओं और अधातुओं के बीच बनते हैं।

30. ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ कैसा ऑक्साइड बनाती हैं?
उत्तर:- ऑक्सीजन के साथ संयुक्त होकर अधातुएँ अम्लीय ऑक्साइड बनाती है।

31. एक अधातु X दो भिन्न रूपों Y तथा Z में रहता है। Y एक कठोरतम प्राकृतिक पदार्थ है जबकि Z विद्युत का एक अच्छा चालक है। X, Y तथा Z को पहचानिए।
उत्तर:- अधातु X कार्बन है। Y तथा Z क्रमशः हीरा तथा ग्रेफाइट है।

32. आयनिक यौगिक के गलनांक एवं क्वथनांक उच्च होते हैं। क्यों?
उत्तर:- आयनिक यौगिक विपरित आवेश वाले आयनों से बने होते हैं जो एक-दूसरे से प्रबल अंतर-आयनिक आकर्षण बल द्वारा बँधे रहते हैं। इस आकर्षण बल को तोड़ने के लिए उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके कारण आयनिक यौगिक के गलनांक एवं क्वथनांक उच्च होते हैं।

Science Class 10 Chapter 3 pdf


33. आयनिक यौगिक जलीय विलयन की अवस्था में विद्युत का चालन करते हैं जबकि ठोस अवस्था में नहीं, क्यों?
उत्तर:- जलीय विलयन की अवस्था में आयनिक यौगिक के विपरित आवेश वाले आयनों के मध्य स्थिर-वैद्युत आकर्षण बल ऊष्मा के कारण कमजोर पड़ जाता है। इससे ये आयन स्वतंत्र होकर गति करने लगते हैं और इसलिए विद्युत का चालन करते हैं। परंतु ठोस अवस्था दृढ़ संरचना के कारण आयनिक यौगिक के आयनों की गति संभव नहीं होती। इसलिए ठोस अवस्था में आयनिक यौगिक विद्युत का चालन नहीं करते हैं।

34. खनिज किसे कहते हैं?
पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले रासायनिक पदार्थ जिन्हें खनन द्वारा प्राप्त किया जाता है, खनिज कहलाते हैं।

35. अयस्क क्या है?
उत्तर:- पृथ्वी की भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले रासायनिक पदार्थ जिन्हें खनन द्वारा प्राप्त किया जाता है, खनिज कहलाते हैं। जिस खनिज से धातुओं का निष्कर्षण सुगमतापूर्वक तथा कम खर्च में हो सके, उसे अयस्क कहते हैं। उदाहरण के लिए, बॉक्साइट ऐलुमिनियम का, जिंक ब्लैंड जस्ता का और हेमेटाइट लोहा का अयस्क है।

36. गैंग क्या है?
उत्तर:- पृथ्वी की भूपर्पटी से खनन द्वारा प्राप्त अयस्कों में मिट्टी, रेत आदि कई अशुद्धियाँ उपस्थित होती हैं, जिन्हें गैंग कहा जाता हैं।

37. खनिज पदार्थ एवं अयस्कों के बीच दो अंतर को लिखें।
उत्तर:- खनिज पदार्थ एवं अयस्कों के बीच दो अंतर –
खनिज पदार्थ अयस्क
(i) पृथ्वी की भूपर्पटी से खनन द्वारा प्राप्त प्रत्येक रासायनिक पदार्थ खनिज कहलाता है। (i) वह खनिज जिससे धातु का निष्कर्षण सुगम और लाभदायक हो, अयस्क कहलाता है।
(ii) प्रत्येक खनिज पदार्थ में धातुओं की प्रतिशत मात्रा समान नहीं रहती है। कुछ खनिजों में यह बहुत अधिक तो कुछ खनिजों में अत्यंत कम होती है। (ii) सभी अयस्कों में धातुओं की प्रतिशत मात्रा पर्याप्त होती है।

38. दो धातुओं के नाम बताइए जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।
उत्तर:- सोना (Au) और प्लैटिनम (Pt) दो ऐसी धातुओं के नाम हैं जो प्रकृति में मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं।

39. धातुओं के निष्कर्षण के प्रक्रम में धातु सल्फाइडों तथा धातु कार्बोनेटों को धातु ऑक्साइडों में परिवर्तित क्यों करना चाहिए?
उत्तर:- सल्फाइड तथा कार्बोनेट की तुलना में धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करना अधिक आसान होता है। धातुओं के निष्कर्षण के प्रक्रम में धातु सल्फाइडों तथा धातु कार्बोनेटों को धातु ऑक्साइडों में परिवर्तित करना चाहिए।

40. निस्तापन और जारण में क्या अंतर है?
उत्तर:- निस्तापन और जारण में निम्नलिखित अंतर है –
निस्तापन जारण
(i) यह वायु की अनुपस्थिति या अपर्याप्त आपूर्ति की स्थिति में होने वाली प्रक्रिया है। (i) यह वायु की पर्याप्त आपूर्ति की स्थिति में होने वाली प्रक्रिया है।
(ii) इसके द्वारा कार्बोनेट अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है। (ii) इसके द्वारा सल्फाइड अयस्क को ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है।

कक्षा 10 विज्ञान पाठ 3 के प्रश्न उत्तर pdf


41. धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए किस रासायनिक प्रक्रम का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:- धातु को उसके ऑक्साइड से प्राप्त करने के लिए अपचयन प्रक्रम का उपयोग किया जाता है। मध्यम अभिक्रियाशील धातुओं के लिए कार्बन तथा अत्यधिक सक्रिय धातुओं का उपयोग अपचायक के रूप में होता है। वहीं अत्यधिक सक्रिय धातु के ऑक्साइड से धातु को प्राप्त करने के लिए वैद्युत अपघटनी अपचयन प्रक्रम का उपयोग होता है।

42. थर्मिट अभिक्रिया क्या है? इसके उपयोग को लिखें।
उत्तर:- आयरन (III) ऑक्साइड के साथ ऐलुमिनियम की अभिक्रिया होने पर आयरन विस्थापित हो जाता है और ऐलुमिनियम ऑक्साइड बनता है। इस अभिक्रिया में ऊष्मा इतनी अधिक मात्रा में उत्पन्न होती है कि आयरन गलित अवस्था में प्राप्त होता है।
Fe₂O₃ (s) + 2Al (s) ➞ 2Fe (l) + Al₂O₃ (s) + ऊष्मा
इस अभिक्रिया का उपयोग रेल की पटरी एवं मशीनी पुर्जों की दरारों को जोड़ने के लिए किया जाता है।

43. क्या होता है? जब,
(a) ZnCO₃ को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गरम किया जाता है?
(b) Cu₂O तथा Cu₂S के मिश्रण को गरम किया जाता है?
उत्तर:- (a) ZnCO₃ को ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गरम करने पर यह ZnO में परिवर्तित हो जाता है और साथ में CO₂ गैस मुक्त होती है।
ZnCO₃ (s) + ऊष्मा ➞ ZnO (s) + CO₂ (g)
(b) Cu₂O तथा Cu₂S के मिश्रण को गरम करने पर Cu प्राप्त होता है और SO₂ गैस मुक्त होती है।
2Cu₂O + Cu₂S + ऊष्मा ➞ 6Cu (s) + SO₂ (g)

44. जस्ता के दो अयस्कों के नाम एवं सूत्र लिखें।
उत्तर:- जस्ता के दो अयस्कों के नाम जिंक ब्लैंड और कैलेमाइन है। इनके सूत्र क्रमशः ZnS और ZnCO₃ हैं।

45. जिंक के अयस्क से इस धातु के निष्कर्षण के दौरान निम्नलिखित प्रक्रमों से संबंधित रासायनिक अभिक्रियाएँ दीजिए।
(a) जिंक अयस्क का भंजन
(b) जिंक अयस्क का निस्तापन
उत्तर:- (a) जिंक अयस्क (जिंक ब्लेंड, ZnS) का भंजन की रासायनिक अभिक्रिया –
2ZnS (s) + 3O₂ (g) + ऊष्मा ➞ 2ZnO (s) + 2SO₂ (g)
(b) जिंक अयस्क (कैलेमाइन, ZnCO₃) का भंजन की रासायनिक अभिक्रिया –
ZnCO₃ (s) + ऊष्मा ➞ ZnO (s) + CO₂ (g)

धातु एवं अधातु Science Class 10 Chapter 3


46. सोडियम क्लोराइड के विद्युत अपघटन की प्रक्रिया को समीकरण सहित लिखें।
उत्तर:- सोडियम क्लोराइड का विद्युत अपघटन करने पर सोडियम कैथोड (ऋणावेशित इलेक्ट्रोड) पर निक्षेपित होती है तथा क्लोरीन गैस ऐनोड (धनावेशित इलेक्ट्रोड) पर मुक्त होती हैं।
कैथोड पर; Naᐩ + eᐨ ➞ Na
ऐनोड पर;  2Clᐨ ➞ Cl₂ + 2eᐨ

47. किसी धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में आप ऐनोड, कैथोड एवं विद्युत अपघट्य किसे बनाएँगे?
उत्तर:- धातु M के विद्युत अपघटनी परिष्करण में, हम अशुद्ध धातु M को एनोड, शुद्ध धातु M की पतली परत को कैथोड तथा धातु M के लवण विलयन को विद्युत अपघट्य बनाएँगे।

48. लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके बताइए।
उत्तर:- यशदलेपन और लोहे की वस्तु पर पेंट करना; लोहे को जंग से बचाने के लिए दो तरीके हैं।

49. लोहे को जंग लगने से किस प्रकार बचाया जाता है?
उत्तर:- लोहे को जंग लगने से बचाने के लिए इस पर जिंक की एक परत चढ़ा दी जाती है। इस प्रक्रिया को यशदलेपन (या जस्तीकरण) कहते हैं। इसके अलावा लोहे पर पेंट करके, ग्रीस लगाकर एवं क्रोमोलेपन करके इसे जंग लगने से बचाया जाता है।

50. लोहा की वस्तुओं का जस्तीकरण क्यों किया जाता है?
उत्तर:- जंग लगने से बचाने के लिए लोहा की वस्तुओं का जस्तीकरण किया जाता है। इस प्रक्रिया में लोहे की वस्तुओं पर जिंक की एक पतली परत चढ़ा दी जाती है।

51. आपने ताँबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ करते अवश्य देखा होगा। यह खट्टे पदार्थ बर्तन को साफ करने में क्यों प्रभावी हैं?
उत्तर:- ताँबे के मलीन बर्तन पर कॉपर कार्बोनेट की परत जमी रहती है, जो एक क्षारीय पदार्थ है। अतः इस परत को हटाने के लिए हमें एक अम्लीय पदार्थ की आवश्यकता होगी। चूँकि नींबू या इमली के रस में अम्लीय पदार्थ उपस्थित रहता है। इसलिए ये खट्टे पदार्थ ताँबे के मलीन बर्तन को साफ करने में प्रभावी होते हैं।

धातु एवं अधातु Question Answer in Hindi


52. नींबू या इमली के रस ताँबे के मलीन बर्तन को साफ करने में कैसे प्रभावी हैं?
उत्तर:- ताँबे के मलीन बर्तन पर कॉपर कार्बोनेट की परत जमी रहती है, जो एक क्षारीय पदार्थ है। जब ताँबे के मलीन बर्तन को नींबू या इमली के रस से साफ किया जाता है, तो नींबू या इमली में उपस्थित अम्लीय पदार्थ क्षारीय कॉपर कार्बोनेट से अभिक्रिया कर उसे ताँबे के बर्तन से अलग कर देता है जिससे बर्तन साफ होकर चमकने लगता है। इस प्रकार से नींबू या इमली के रस ताँबे के मलीन बर्तन को साफ करने में प्रभावी होते हैं।

53. कौन सी धातु आसानी से संक्षारित नहीं होती है?
उत्तर:- सक्रियता श्रेणी में नीचे की धातुएँ; जैसे – सोना, प्लैटिनम और चाँदी आसानी से संक्षारित नहीं होती है।

54. मिश्रधातु किसे कहते हैं? दो मिश्रधातुओं के नाम एवं उपयोग लिखें।
उत्तर:- दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं। काँसा और सोल्डर दो मिश्रधातु हैं। काँसा का उपयोग मूर्तियाँ, सिक्के, जहाज, मशीन आदि के निर्माण में होता है और सोल्डर का उपयोग विद्युत तारों के परस्पर वेल्डिंग के लिए किया जाता है।

55. सोने से मिश्रधातु कैसे तैयार की जाती है?
उत्तर:- शुद्ध सोना को 24 कैरट सोना कहते है और यह बहुत नरम होता है। सोने से मिश्रधातु तैयार करने के लिए इसमें ताँबा या चाँदी मिलाया जाता है। उदाहरण के लिए, 22 कैरट सोना तैयार करने के लिए 22 भाग शुद्ध सोने में 2 भाग ताँबा या चाँदी मिलाया जाता है। इसे 22 कैरट सोना कहते हैं। इसी प्रकार 18 कैरट सोना तैयार करने के लिए 18 भाग शुद्ध सोने में 6 भाग ताँबा या चाँदी मिलाया जाता है।

56. सोल्डर मिश्रातु के अवयव क्या हैं? सोल्डर का कौन-सा गुण इसे विद्युत के तारों की वेल्डिंग के लिए उपयुक्त बनाता है?
उत्तर:- सोल्डर मिश्रातु के अवयव सीसा एवं टिन (Pb एवं Sn) हैं। इसका गलनांक बहुत कम होता है जो इसे विद्युत के तारों की वेल्डिंग के लिए उपयुक्त बनाता है।

यहाँ पर “धातु एवं अधातु” अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन सभी प्रश्नों को समझ गए होंगे और याद भी कर लिए होंगे। इन्हें अपने नोटबुक में लिखने का प्रयास करें।

अब हम धातु एवं अधातु अध्याय के महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे।


कक्षा 10 विज्ञान पाठ 3 धातु एवं अधातु प्रश्न उत्तर (Long Answer Type)

In the annual board examination of Science subject, 2 long answer type questions are asked in Chemistry section, in which 1 question may be from the chapter “Metals And Nonmetals”. Out of these 2 questions, only 1 question has to be answered and 5 marks are fixed for each of these questions.


कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 3 प्रश्न उत्तर


1. धातुओं के भौतिक एवं रासायनिक गुणों का उल्लेख करें।
उत्तर:- धातुओं के भौतिक गुण –
(i) चमक:- प्रत्येक धातु की सतह शुद्ध रूप में विशिष्ट चमक वाली होती है जिसे धात्विक चमक कहते हैं।
(ii) कठोरता:- सामान्यतः सभी धातुएँ कठोर होती हैं।
(iii) आघातवर्ध्यनीयता:- धातुएँ आघातवर्ध्यनीय होती हैं अर्थात इन्हें पीटकर पतली चादर या पत्तर बनाए जा सकते हैं।
(iv) तन्यता:- धातुएँ तन्य होती है अर्थात इन्हें खींचकर तार बनाया जा सकता है।
(v) ऊष्मीय और विद्युत चालकता:- धातुएँ ऊष्मा और विद्युत की सुचालक होते हैं।
(vi) ध्वनि:- धातुएँ कठोर सतह से टकराने पर आवाज उत्पन्न करती हैं जिसे धातुई ध्वनि कहते हैं।
(vii) द्रवणांक और क्वथनांक:- धातुओं के द्रवणांक और क्वथनांक उच्च होते हैं।
धातुओं के रासायनिक गुण –
(i) ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया:- धातुएँ ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर भास्मिक ऑक्साइड बनाते हैं।
(ii) जल के साथ अभिक्रिया:- अति क्रियाशील धातुएँ जल के साथ अभिक्रिया कर हाइड्रॉक्साइड बनाती है जबकि बीच की क्रियाशीलता वाले धातु गर्म जल या भाप के साथ अभिक्रिया करते हैं।
(iii) अम्ल के साथ अभिक्रिया:- धातुएँ अम्ल के साथ अभिक्रिया कर लवण बनाती हैं और इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन गैस मुक्त होती हैं।
(iv) अन्य धातु के लवण के साथ अभिक्रिया:- क्रियाशील धातुएँ अपने से कम क्रियाशील धातु के लवण के विलयन से कम क्रियाशील धातु को विस्थापित कर देता है।

Chemistry Chapter 3 Class 10 Notes


2. रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद करें।
उत्तर:- रासायनिक गुणधर्मों के आधार पर धातुओं एवं अधातुओं में विभेद –
धातुओं के रासायनिक गुण अधातुओं के रासायनिक गुण
(i) धातुएँ ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर भास्मिक ऑक्साइड बनाते हैं। (i) अधातुएँ ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर अम्लीय ऑक्साइड बनाते हैं।
(ii) सक्रियता श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर की धातुएँ जल के साथ अभिक्रिया करती हैं। (ii) अधातुएँ जल के साथ कोई अभिक्रिया नहीं करती हैं।
(iii) सक्रियता श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर की धातुएँ अम्ल से अभिक्रिया कर लवण बनाती हैं तथा हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। (iii) सामान्यतः अधातुएँ अम्ल के साथ अभिक्रिया नहीं करती हैं। अपवादस्वरूप कुछ अधातुएँ ऑक्सीकारक अम्ल के साथ अभिक्रिया करती हैं।
(iv) सामान्यतः धातुएँ अवकारक होते हैं। (iv) सामान्यतः अधातुएँ ऑक्सीकारक होते हैं।
(v) एक धातु अन्य किसी धातु के साथ अभिक्रिया नहीं करता है। (v) एक अधातु अन्य अधातु के साथ अभिक्रिया करता है।

3. अयस्कों से धातु के निष्कर्षण में प्रयुक्त चरणों को लिखिए।
उत्तर:- अयस्कों से धातु के निष्कर्षण में निम्नलिखित चरण प्रयुक्त होते हैं –
(i) अयस्क का सांद्रण:- प्राकृतिक रूप से प्राप्त अयस्कों में मिट्टी, रेत आदि कई अशुद्धियाँ उपस्थित होती हैं जिन्हें गैंग या मैट्रिक्स कहते हैं। अयस्क से इन अशुद्धियों को हटाने की प्रक्रिया को अयस्क का सांद्रण कहा जाता है। गुरुत्व पृथक्करण विधि, फेन उत्प्लावन विधि, चुम्बकीय पृथक्करण विधि आदि अयस्क के सांद्रण की प्रक्रियाएँ हैं।
(ii) अयस्क से धातु का निष्कर्षण:- सांद्रित अयस्क से धातु के निष्कर्षण के लिए सर्वप्रथम इसे धातु के ऑक्साइड में परिवर्तित किया जाता है तत्पश्चात धातु के ऑक्साइड का अपचयन कर धातु प्राप्त किया जाता है। उच्च अभिक्रियाशील धातुओं (Na, Mg, Ca, आदि) के सांद्रित अयस्क में गालक मिलाकर उसका वैद्युत अपघटन द्वारा अपचयन करने पर धातु की प्राप्ति होती है।
(iii) धातु का शुद्धिकरण:- अपचयन प्रक्रम द्वारा प्राप्त धातुएँ अशुद्ध होती है। विद्युत अपघटनी परिष्करण द्वारा शुद्ध धातु की प्राप्ति होती है। अशुद्ध धातु को ऐनोड तथा शुद्ध धातु की पतली परत को कैथोड बनाया जाता है। धातु के लवण का उपयोग विद्युत अपघट्य के रूप में होता है। विद्युत अपघट्य से धारा प्रवाहित करने पर शुद्ध धातु कैथोड पर निक्षेपित होता है और अशुद्धियाँ ऐनोड पर निक्षेपित होती है या विद्युत अपघट्य में घुल जाती हैं।
Steps used in the extraction of metal from ore

धातु एवं अधातु VVI Question Answer


4. अयस्क क्या है? अयस्क के सान्द्रण की विधियों का उल्लेख करें।
उत्तर:- वैसे विशिष्ट खनिज पदार्थ जिनसे धातु का निष्कर्षण कम खर्च में सुगमतापूर्वक हो सके उन्हें अयस्क कहा जाता है। उदाहरण के लिए, बॉक्साइट ऐलुमिनियम का एक अयस्क है।
अयस्क के सान्द्रण (अयस्क से अशुद्धियों को हटाने) की विधियाँ – अयस्क एवं उसमें उपस्थित अशुद्धियों के रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों के आधार पर अयस्क का सान्द्रण निम्नलिखित कई विधियों द्वारा किया जाता है।
(i) गुरुत्व पृथक्करण विधि:- यह विधि अयस्क और अशुद्धियों के घनत्व के अंतर पर निर्भर करता है। इस विधि में अयस्क को जल की तीव्र धारा में प्रवाहित करते हैं, जिससे अयस्क के भारी कण नीचे बैठ जाते हैं और हल्की अशुद्धियाँ जल की तेज धारा के साथ बहकर बाहर निकल जाती हैं।
(ii) फेन उत्प्लावन विधि:- इस विधि से सल्फाइड अयस्कों का सान्द्रण किया जाता है। इस विधि में अयस्क के महीन चूर्ण को जल से भरे एक बर्तन में डाल दिया जाता है। इसमें थोड़ा-सा तारपीन या पाइन का तेल और सोडियम कार्बोनेट मिला दिया जाता है। फिर इसमें हवा का प्रवाह भेजकर झाग उत्पन्न किया जाता है। ऐसा करने से शुद्ध अयस्क झाग के साथ ऊपर आ जाता है और अशुद्धियाँ नीचे बैठ जाती है।
(iii) चुम्बकीय पृथक्करण विधि:- इस विधि का उपयोग तब किया जाता है जब अयस्क और अशुद्धियों में से कोई एक चुम्बकीय हो। इस विधि में अयस्क के महीन चूर्ण को चुम्बकीय ध्रुवों पर चलनेवाली पट्टी पर डाली जाती है। चुम्बकीय पदार्थ चुम्बक से आकर्षित होकर ध्रुवों के निकट गिरता है और अचुम्बकीय पदार्थ चुम्बक से कुछ दूरी पर जमा होता है। इस प्रकार अयस्क से अशुद्धियाँ पृथक हो जाती है।
(iv) निक्षालन:- इस विधि में अयस्क के महीन चूर्ण को को किसी उपयुक्त विलायक में घुलाया जाता है। अयस्क इसमें घुल जाता है और अशुद्धियाँ अविलेय अवस्था में ही रह जाती है। अविलेय अशुद्धियों को छानकर अलग कर लिया जाता है।

5. लोहे का एक प्रमुख अयस्क का नाम एवं सूत्र लिखें। इस अयस्क का सांद्रण कैसे होता है?
उत्तर:- लोहे का एक प्रमुख अयस्क का नाम हेमाटाइट है और इसका सूत्र Fe₂O₃ है।
हेमाटाइट के सांद्रण की प्रक्रिया:- हेमाटाइट अयस्क को चुम्बकीय पृथक्करण विधि द्वारा सान्द्रित किया जाता है। सर्वप्रथम अयस्क का चूर्ण बना लिया जाता है। चूर्णित अयस्क को एक विद्युत-चुंबकीय ध्रुवों पर चलनेवाले बेल्ट पर डालकर मशीन को चालू कर दिया जाता है। अयस्क चुम्बकीय होने के कारण चुंबक की ओर आकर्षित होकर एक पात्र में गिरता है, जबकि अचुंबकीय अशुद्धियाँ अयस्क से पृथक होकर कुछ दूरी पर एक अलग पात्र में गिरता है। इस प्रक्रिया द्वारा लोहा का सांद्रित अयस्क प्राप्त होता है।

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6. जस्ता के मुख्य अयस्क का नाम लिखें। जस्ता का उनके अयस्क से निष्कर्षण का वर्णन करें।
उत्तर:- जस्ता का मुख्य अयस्क जिंक ब्लेंड (ZnS) है। जिंक ब्लेंड (ZnS) से जस्ता के निष्कर्षण में निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है –
(A) अयस्क का सांद्रण:- जिंक ब्लेंड को पीसकर फेन उत्प्लावन विधि से सांद्रण किया जाता है।
(B) भर्जन:- सांद्रित अयस्क को उच्च ताप पर वायु की पर्याप्त आपूर्ति की स्थिति में तीव्रता से गर्म किया जाता है। इससे ZnO प्राप्त होता है।
2ZnS (s) + 3O₂ (g) + ताप ➞ 2ZnO (s) + 2SO₂ (g)
(C) अपचयन:- प्राप्त जिंक ऑक्साइड (ZnO) को चूर्णित कोक के साथ मिश्रित कर गर्म किया जाता है। परिणामस्वरूप यह जिंक धातु में अपचयित हो जाता है।
2ZnO (s) + C (s) + ताप ➞ 2Zn (s) + CO (g)
(D) विद्युत अपघटनी परिष्करण:- अशुद्ध जिंक को ऐनोड और शुद्ध जिंक के पतली शीट को कैथोड बनाया जाता है। जिंक सल्फेट (ZnSO₄ ) को विद्युत अपघट्य बनाकर इससे विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है। ऐनोड पर स्थित अशुद्ध जिंक विद्युत अपघट्य में घुल जाती है और इतनी ही मात्रा में शुद्ध जिंक (Zn) विद्युत अपघट्य से कैथोड पर निक्षेपित हो जाती है।

7. एल्युमिनियम धातु का निष्कर्षण उसके अयस्क से कैसे किया जाता है?
उत्तर:- एल्युमिनियम का मुख्य अयस्क बॉक्साइट (Al₂O₃·2H₂O) है। बॉक्साइट से एल्युमिनियम के निष्कर्षण में निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है –
(A) अयस्क का सांद्रण:- प्रकृतिक रूप से प्राप्त बॉक्साइट में सिलिका फेरिक ऑक्साइड तथा अशुद्वियाँ रहती है। इसे सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH) के साथ मिलाकर गर्म किया जाता है। फलस्वरूप हमें शुद्ध बॉक्साइट (Al₂O₃·2H₂O) प्राप्त होता है।
(B) निस्तापन:- सांद्रित बॉक्साइट (Al₂O₃·2H₂O) को गर्म करने पर ऐलुमिना (Al₂O₃) प्राप्त होता है।
(C) विद्युत अपघटनी अपचयन:- शुद्ध ऐलुमिना (Al₂O₃) में क्रायोलाइट मिलाया जाता है ताकि Al₂O₃ कम ताप पर गलित हो जाए। अब गलित मिश्रण का विद्युत अपघटन करने पर शुद्ध एल्युमिनियम प्राप्त होता है। यहाँ इलेक्ट्रोलाइटिक सेल की कार्बन परत कैथोड के रूप में कार्य करती है और ग्रेफाइट रॉड ऐनोड के रूप में कार्य करती है। शुद्ध एल्युमिनियम कैथोड पर निक्षेपित होता है और ऑक्सीजन ऐनोड पर मुक्त होती है।
कैथोड पर: 2Al³ᐩ + 6eᐨ ➞ 2Al
ऐनोड पर:  3O²ᐨ ➞ 3[O] + 6eᐨ
3[O] + 3[O] ➞ 3O₂

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8. मिश्रधातु किसे कहते है? इसके दो उदाहरण दें। मिश्रधातु के तीन उपयोगों का वर्णन करें।
उत्तर:- दो या दो से अधिक धातुओं के समांगी मिश्रण को मिश्रधातु कहते हैं। मिश्रधातु प्राप्त करने के लिए एक मूल धातु को उच्च ताप पर पिघलाया जाता है एवं तत्पश्चात दुसरे तत्त्वों को एक निश्चित अनुपात में इसमें विलीन किया जाता है। मिश्रण को कमरे के ताप पर ठंडा करने पर मिश्रधातु प्राप्त होता है। उदाहरण – (i) पीतल (कॉपर 70%, जिंक 30%) और (ii) काँसा (कॉपर 90%, टीन 10%)।
मिश्रधातु के तीन उपयोग –
(i) इस्पात एक मिश्रधातु है जिसका उपयोग वाहनों के निर्माण में, बर्तन बनाने में, पुल बनाने में, आदि अनेक कार्यों में किया जाता है।
(ii) काँसा एक मिश्रधातु है जिसका उपयोग मूर्तियाँ, सिक्के, जहाज आदि के निर्माण में किया जाता है।
(iii) सोल्डर भी एक मिश्रधातु है जिसका उपयोग विद्युत तारों के परस्पर वेल्डिंग के लिए किया जाता है।

9. गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबा का उपयोग होता है, परंतु इस्पात का नहीं। कारण बताएँ।
उत्तर:- कॉपर बहुत कम अभिक्रियाशील धातु है। यह जल के साथ किसी भी स्थिति में अभिक्रिया नहीं करता है। जबकि इस्पात, जो कि लोहे का एक मिश्रधातु है, भाप के साथ अभिक्रिया करता है। गर्म जल जब भाप बनाता है तब लोहा भाप के साथ अभिक्रिया कर फेरिक ऑक्साइड (Fe₃O₄) बनाता है। परिणामस्वरूप लोहे का संक्षारण होने लगता है। इसके अलावा ताँबा इस्पात की अपेक्षा ऊष्मा का अच्छा चालक भी है। इसीलिए गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबा का उपयोग होता है, परंतु इस्पात का नहीं।

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