कार्बन एवं उसके यौगिक Science Class 10 Chapter 4 Question Answer in Hindi

Prabhakar
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Class 10 Science Chapter 4 Question Answer
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कार्बन एवं उसके यौगिक Science Class 10 Chapter 4 Question Answer in Hindi : Introduction

This article contains all VVI Question Answers (subjective) from Class 10th Chemistry Chapter 4 "Carbon And Its Compounds". These questions are of short-answer and long-answer type.


Dear students, यहाँ बिहार बोर्ड रसायन विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 4 Question Answer के अन्तर्गत प्रकाशित इन सभी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़-पढ़ कर याद करने का प्रयास करें। याद हो जाने के पश्चात् इन्हें अपने नोटबुक में लिखना न भूलें।

तो चलिए आज हम सबसे पहले “कार्बन एवं उसके यौगिक” अध्याय के लघु उत्तरीय प्रश्नों को पढ़ते हैं और तत्पश्चात दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।


Class 10th Chemistry Chapter 4 Question Answer (Short Answer Type)

In the annual board examination of Science subject, 8 short answer type questions are asked in Chemistry section, in which at least 1 question from the chapter “Carbon And Its Compounds” is definitely included. Out of these 8 questions, only 4 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.


रसायन विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 4 Question Answer


1. सहसंयोजक बंधन क्या है? इसके दो उदाहरण दें।
उत्तर:- दो परमाणुओं के बीच संयोजी इलेक्ट्रॉनों के एक युग्म की साझेदारी के द्वारा बनने वाले बंधन को सहसंयोजक बंधन कहते हैं।
उदाहरण: (i) नाइट्रोजन के दो परमाणु इलेक्ट्रॉनों के तीन युग्मों की साझेदारी कर नाइट्रोजन के एक अणु का निर्माण करते हैं।
(ii) हाइड्रोजन और क्लोरीन इलेक्ट्रॉनों के एक युग्म की साझेदारी कर हाइड्रोजन क्लोराइड के एक अणु का निर्माण करते हैं।

2. कार्बन मुख्यतः सहसंयोजक यौगिक बनाता है। क्यों?
उत्तर:- कार्बन के सबसे बाहरी कोश में चार इलेक्ट्रॉन होते हैं। अतः उत्कृष्ट गैस विन्यास को प्राप्त करने के लिए कार्बन परमाणु को चार इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने या खोने की आवश्यकता है जो कि अत्यंत कठिन है। इसलिए कार्बन मुख्यतः अन्य कार्बन परमाणुओं अथवा अन्य तत्वों के परमाणुओं के साथ इलेक्ट्रॉनों की साझेदारी कर सहसंयोजक यौगिक बनाता है।

3. अपररूप क्या होते हैं? कार्बन के तीन अपररूपों के नाम लिखिए?
उत्तर:- जब कोई तत्त्व प्रकृति में अनेक विभिन्न भौतिक गुणों के साथ विविध रूपों में पाया जाता है तो उन विविध रूपों में मिलने वाले पदार्थ को तत्त्व का अपररूप कहते हैं। कार्बन के तीन अपररूपों के नाम हैं – हीरा , ग्रेफाइट और फुलरीन।

4. हीरा विद्युत का कुचालक होता है, लेकिन ग्रेफाइट सुचालक। क्यों?
उत्तर:- हीरा में कार्बन का प्रत्येक परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा रहता है। अर्थात हीरा की संरचना में कोई मुक्त इलेक्ट्रॉन नहीं होता है, इसलिए यह विद्युत का कुचालक होता है। लेकिन ग्रेफाइट में कार्बन का प्रत्येक परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से जुड़ा रहता है और इसका चौथा इलेक्ट्रॉन मुक्त रहता है। इसलिए यह विद्युत का सुचालक होता है।

5. क्लोरीन की परमाणु क्रमांक 17 है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। क्लोरीन अणु का इलेक्ट्रॉन बिंदु सूत्र बनाइये।
उत्तर:- क्लोरीन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (K, L, M) – 2, 8, 7
क्लोरीन अणु का इलेक्ट्रॉन बिंदु सूत्र –
क्लोरीन अणु का इलेक्ट्रॉन बिंदु सूत्र

6. कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना दर्शाएँ।
उत्तर:-
कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना

7. एथाइन का इलेक्ट्रॉन बिंदु सूत्र बनाइये तथा इसका संरचना सूत्र भी बनाइये।
उत्तर:- एथाइन का इलेक्ट्रॉन बिंदु सूत्र –  H : C ⋮ ⋮ C : H
एथाइन (C₂H₂) का संरचना सूत्र –        H — C ☰ C — H

Science Class 10 Chapter 4 Question Answer


8. कार्बन के दो गुणधर्म कौन से हैं जिसके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?
उत्तर:- श्रृखलन और चतुःसंयोजकता, कार्बन के दो गुणधर्म है जिनके कारण हमारे चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है। कार्बन में कार्बन के ही अन्य परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की क्षमता होती है जिसे श्रृंखलन कहते है। कार्बन की चतुःसंयोजकता के कारण इसमें विभिन्न तत्त्वों के चार परमाणुओं अथवा परमाणु समूहों के साथ आबंध बनाने की क्षमता होती है।

9. श्रृंखलन क्या है? कार्बन द्वारा अन्य तत्त्वों की अपेक्षा अधिक श्रृखलन गुण क्यों दर्शाया जाता है?
उत्तर:- एक परमाणु की उसी तत्त्व के समान परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की क्षमता को श्रृंखलन कहते हैं। यह गुण कार्बन, सिलिकॉन एवं कुछ अन्य तत्त्वों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। कार्बन का नाभिक अन्य तत्त्वों की अपेक्षा छोटा होता है, जिससे C – C आबंध अधिक प्रबल हो जाता है। इसलिए कार्बन द्वारा अन्य तत्त्वों की अपेक्षा अधिक श्रृखलन गुण दर्शाया जाता है।

10. दो-दो उदाहरण देते हुए संतृप्त हाइड्रोकार्बन एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में संरचनात्मक विभिन्नता बताइए।
उत्तर:- संतृप्त हाइड्रोकार्बन में कार्बन-कार्बन परमाणुओं के बीच केवल एकल आबंध होता है। जबकि असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में कार्बन-कार्बन परमाणुओं के बीच कम-से-कम एक द्विबंध अथवा त्रिबंध होता है।
संतृप्त हाइड्रोकार्बन एवं असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में संरचनात्मक विभिन्नता

11. सजातीय श्रेणी क्या है? एक उदाहरण दें।
उत्तर:- कार्बनिक यौगिकों की ऐसी श्रृंखला जिसमें कार्बन श्रृंखला में स्थित हाइड्रोजन को एक ही प्रकार का प्रकार्यात्मक समूह प्रतिस्थापित करता है, उसे सजातीय श्रेणी कहते हैं। सजातीय श्रृंखला के दो क्रमिक सदस्यों के बीच CH₂ इकाई का अंतर होता है। उदाहरण: प्रोपीन (C₃H₆) और ब्यूटीन (C₄H₈) एक सजातीय श्रेणी एल्कीन के क्रमशः दूसरे और तीसरे सदस्य है।

12. क्रियात्मक समूह क्या है? चार विभिन्न क्रियात्मक समूहों के उदाहरण दीजिए।
उत्तर:- एक परमाणु अथवा परमाणु समूह जो एक कार्बन श्रृंखला से विशिष्ट रूप से जुड़ा रहता है तथा उस कार्बनिक पदार्थ के अभिलाक्षणिक रासायनिक गुणों के लिए उत्तरदायी होता है, क्रियात्मक समूह कहलाता है। उदाहरण – हाइड्रॉक्सिल समूह (–OH), कार्बोक्सिलिक समूह (–COOH), एल्डिहाइड समूह (–CHO) और कार्बोनिल/कीटोन समूह (>CO)।

13. एथाइल एल्कोहल का संरचना सूत्र लिखें।
उत्तर:- एथाइल एल्कोहल का संरचना सूत्र –
एथाइल एल्कोहल का संरचना सूत्र

14. ब्युटेनोन एवं एथेनोइक अम्ल के संरचना सूत्र लिखें।
उत्तर:- ब्युटेनोन एवं एथेनोइक अम्ल के संरचना सूत्र –
ब्युटेनोन एवं एथेनोइक अम्ल के संरचना सूत्र

कक्षा 10 विज्ञान पाठ 4 कार्बन एवं उसके यौगिक प्रश्न उत्तर


15. पेंटेन के लिए कितने आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?
उत्तर:- पेंटेन के लिए 3 संरचनात्मक समावयवों का चित्रण किया जा सकता है। इनके संरचना सूत्र है –
पेंटेन के संरचनात्मक समावयवों का चित्रण

16. हेक्सेन के सभी समावयवों के संरचनात्मक सूत्र लिखिए।
उत्तर:- हेक्सेन के सभी समावयवों के संरचनात्मक सूत्र –
हेक्सेन के सभी समावयवों के संरचनात्मक सूत्र

17. क्या ब्रोमोपेंटेन के संरचनात्मक समावयवी संभव है? यदि हाँ, तो इनके संरचना सूत्र एवं नाम लिखें।
उत्तर:- हाँ, ब्रोमोपेंटेन के संरचनात्मक समावयवी संभव है। इनके संरचना सूत्र एवं नाम है –
ब्रोमोपेंटेन के संरचनात्मक समावयवी

18. निम्नलिखित यौगिकों के नाम लिखिए। इनमें उपस्थित क्रियात्मक समूहों को पहचानिए।
सूत्र देखकर निम्नलिखित यौगिकों के नाम लिखिए।
उत्तर:- (a) यौगिक का नाम – पेन्टेनोइक अम्ल
क्रियात्मक समूह – कार्बोक्सिलिक अम्ल
(b) यौगिक का नाम – ब्यूटाइन
क्रियात्मक समूह – ऐल्काइन
(c) यौगिक का नाम – हेप्टेनल
क्रियात्मक समूह – एल्डिहाइड
(d) यौगिक का नाम – पेन्टेनॉल
क्रियात्मक समूह – हाइड्रॉक्सिल/ऐल्कोहॉल

19. निम्नलिखित यौगिकों में उपस्थित क्रियात्मक समूहों को पहचानिए तथा उनके नाम दीजिए।
क्रियात्मक समूहों को पहचानिए तथा उनके नाम दीजिए
उत्तर:- 
क्रियात्मक समूह तथा उनके नाम

20. निम्नलिखित यौगिकों में उपस्थित क्रियात्मक समूहों के नाम दीजिए।
(a) CH₃ CO CH₂ CH₂ CH₂ CH₃
(b) CH₃ CH₂ CH₂ COOH
(c) CH₃ CH₂ CH₂ CH₂ CHO
(d) CH₃ CH₂ OH
उत्तर:- (a) कार्बोनिल/कीटोन
(b) कार्बोक्सिलिक अम्ल
(c) एल्डिहाइड
(d) हाइड्रॉक्सिल/ऐल्कोहॉल

21. एथेन को एथीन से विभेद करने के लिए एक परीक्षण बताइए।
उत्तर:- एथेन और एथीन दोनों को सावधानीपूर्वक ज्वाला के संपर्क में लाने पर इनमें विभेद किया जा सकता है। एथेन एक संतृप्त हाइड्रोकार्बन है इसलिए यह स्वच्छ ज्वाला के साथ जलता है जबकि एथीन असंतृप्त हाइड्रोकार्बन होने के कारण काले धुएँ के साथ पीली ज्वाला देता है।

22. ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। इसके लिए एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?
उत्तर:- एथाइन एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है जो वायु की उपस्थिति में दहन करते समय पिले रंग की ज्वाला और कज्जली धुआँ उत्पन्न करता है। इस धुएँ में कार्बन होता है तथा अपूर्ण दहन के कारण ऊष्मीय ऊर्जा भी कम उत्पन होती है। इसलिए वेल्डिंग के लिए आवश्यक ऊष्मीय ऊर्जा (ताप) की प्राप्ति के लिए ऑक्सीजन और एथाइन के मिश्रण का दहन किया जाता है।
2HC≡CH + 5O₂ ➞ 4CO₂ + 2H₂O + ऊष्मा और प्रकाश

Carbon And Its Compounds Class 10 Science Notes


23. कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर:- कार्बन एवं उसके यौगिकों को अतिरिक्त वायु या ऑक्सीजन की उपस्थिति में दहन किया जाता है, तो बड़ी मात्रा में ऊष्मा और प्रकाश उत्पन्न है। इसके अतिरिक्त, ये एक बार प्रज्वलित होने पर अतिरिक्त ऊष्मा ऊर्जा की आवश्यकता के बिना जलते रहते हैं। इसलिए कार्बन एवं उसके यौगिकों का उपयोग अधिकतर अनुप्रयोगों में ईंधन के रूप में किया जाता है।

24. एथेनॉल से एथेनोइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?
उत्तर:- एथेनॉल को पोटैशियम परमैंगनेट या पोटैशियम डाइक्रोमेट की उपस्थिति में दहन करने पर एथेनोइक अम्ल में परिवर्तित किया जाता है। इस अभिक्रिया में एथेनॉल पोटैशियम परमैंगनेट या पोटैशियम डाइक्रोमेट से ऑक्सीजन प्राप्त करता है। इसलिए एथेनॉल से एथेनोइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं।

25. एथेनॉल से एथीन किस प्रकार बनाई जाती है? इससे संबंधित रासायनिक अभिक्रिया लिखें।
उत्तर:- 443 K तापमान पर एथेनॉल को आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर एथेनॉल का निर्जलीकरण होता है और एथीन प्राप्त होता है। इस अभिक्रिया में सल्फ्यूरिक अम्ल निर्जलीकारक के रूप में कार्य करता है जो एथेनॉल से जल को अलग कर देता है।
एथेनॉल का निर्जलीकरण

26. शराब पीने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:- शराब पीने से शरीर की उपापचयी प्रक्रिया धीमी हो जाती है तथा केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र कमजोर हो जाता है। इसके फलस्वरूप व्यक्ति के सोचने समझने की क्षमता तथा माँसपेशियाँ बुरी तरह प्रभावित होती है।

27. मेथेनॉल की थोड़ी मात्रा का अन्तर्ग्रहण प्राणघातक होता है, टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:- यकृत में मेथेनॉल ऑक्सीकृत होकर मेथेनैल में परिवर्तित हो जाता है। मेथेनैल यकृत की कोशिका के अवयवों के साथ शीघ्रता से अभिक्रिया करता है और जीवद्रव्य को स्कंदित कर देता है। इससे व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है। मेथेनैल दृक तंत्रिका को भी प्रभावित करता है जिससे अंधता होती है।

28. किण्वन की क्रिया क्या है? इसमें कौन-सी गैस निकलती है?
उत्तर:- सूक्ष्मजीवों द्वारा जटिल कार्बनिक यौगिकों को धीरे-धीरे अपघटित कर सरल कार्बनिक यौगिकों में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को किण्वन की क्रिया कहते हैं। इसमें कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है।

कक्षा 10 विज्ञान पाठ 4 के प्रश्न उत्तर pdf


29. सिरका क्या है? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर:- ऐसीटिक अम्ल के 3–4% सांद्रता वाले विलयन को सिरका कहते हैं। इसे अचार के परिरक्षक के रूप में उपयोग किया जाता है।

30. एस्टर क्या है? इसका क्या उपयोग है?
उत्तर:- एस्टर किसी अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में एथेनोइक अम्ल और परिशुद्ध एथेनॉल की अभिक्रिया से प्राप्त रासायनिक पदार्थ है। इसका गंध मृदु होता है। इसलिए इसका उपयोग इत्र बनाने एवं स्वाद उत्पन्न करने वाले कारक के रूप में किया जाता है। साबुन बनाने में भी इसका उपयोग होता है।

31. अपमार्जक क्या है? उदाहरण दें।
उत्तर:- अपमार्जक लंबी कर्बोक्सिलिक अम्ल श्रृंखला के अमोनियम एवं सल्फोनेट लवण होते हैं। ये मृदु जल के साथ-साथ कठोर जल में भी प्रभावी होते हैं और पर्याप्त मात्रा में झाग बनाते हैं। इनका उपयोग शैंपू तथा कपड़े धोने के उत्पाद बनाने में होता है। उदाहरण: सोडियम लौरिल सल्फेट (C₁₂H₂₅OSO₃Na)।

32. अपमार्जकों ने साबुन का स्थान क्यों ले लिया है?
उत्तर:- साबुन कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम और मैग्नीशियम आयनों के साथ अविलेय अवक्षेप बनाता हैं जबकि अपमार्जक कठोर जल में कोई अविलेय अवक्षेप नहीं बनाते हैं। अर्थात साबुन केवल मृदुजल में कपड़े साफ करने में प्रभावी होता है जबकि अपमार्जक कठोर जल एवं मृदुजल दोनों में कपड़े साफ करने में प्रभावी होता है। यही कारण है कि अपमार्जकों ने साबुन का स्थान ले लिया है।

33. साबुन की तुलना में डिटर्जेंट उत्तम प्रक्षालक क्यों है? समझाइए।
उत्तर:- डिटर्जेंट कठोर जल एवं मृदुजल दोनों में प्रक्षालक का कार्य करता है और यह कठोर जल में कोई अविलेय अवक्षेप भी नहीं बनाता है। जबकि साबुन कठोर जल में उपस्थित कैल्सियम और मैग्नीशियम आयनों के साथ अविलेय अवक्षेप बनाता है और केवल मृदुजल में प्रक्षालक का कार्य करता है। इसलिए साबुन की तुलना में डिटर्जेंट उत्तम प्रक्षालक है।

कार्बन एवं उसके यौगिक Question Answer in Hindi


34. क्या आप डिटरजेंट का उपयोग कर बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं?
उत्तर:- नहीं, हम डिटरजेंट का उपयोग कर नहीं बता सकते हैं कि कोई जल कठोर है अथवा नहीं। क्योंकि डिटरजेंट कठोर जल एवं मृदुजल दोनों में समान प्रभाव से कार्य करता है। इसका आवेशित शिरा, साबुन की तरह कठोर जल में उपस्थित मैग्नीशियम तथा कैल्सियम आयनों के साथ अविलेय अवक्षेप नहीं बनाता है।

35. जब साबुन को जल में डाला जाता है तो मिसेल का निर्माण क्यों होता है? क्या एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में भी मिसेल का निर्माण होगा।
उत्तर:- साबुन के अणु के दो सिरे होते हैं। एक जलरागी सिरा, जो जल में विलेय होता है तथा दुसरा जलविरागी सिरा, जो हाइड्रोकार्बन में विलेय होता है। साबुन को जल में घोलने पर जल की सतह पर साबुन अणुओं का एक बड़ा गुच्छा बनता है, जिसमें जलविरागी सिरा गुच्छे के आंतरिक हिस्से में होती है और जलरागी सिरा गुच्छे की सतह पर होता है। इसी संरचना को मिसेल कहते हैं। एथेनॉल जैसे दूसरे विलायकों में मिसेल का निर्माण नहीं होगा क्योंकि साबुन का हाइड्रोकार्बन सिरा भी इसमें घुल जाएगा।

36. यदि आप लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करें तो आपका प्रेक्षण क्या होगा?
उत्तर:- साबुन क्षारीय प्रकृति का होता है। इसलिए लिटमस पत्र (लाल एवं नीला) से साबुन की जाँच करने पर यह लाल लिटमस पत्र को नीला कर देगा, जबकि नीले लिटमस पत्र पर उसका कोई प्रभाव नही पड़ेगा।

यहाँ पर “कार्बन एवं उसके यौगिक” अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन सभी प्रश्नों को समझ गए होंगे और याद भी कर लिए होंगे। इन्हें अपने नोटबुक में लिखने का प्रयास करें।

अब हम कार्बन एवं उसके यौगिक अध्याय के महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे।


कक्षा 10 विज्ञान पाठ 4 कार्बन एवं उसके यौगिक प्रश्न उत्तर (Long Answer Type)

In the annual board examination of Science subject, 2 long answer type questions are asked in Chemistry section, in which 1 question may be from the chapter “Carbon And Its Compounds”. Out of these 2 questions, only 1 question has to be answered and 5 marks are fixed for each of these questions.


कक्षा 10 विज्ञान अध्याय 4 प्रश्न उत्तर


1. हाइड्रोकार्बन क्या है? यह कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:- केवल कार्बन एवं हाइड्रोजन से बनने वाले कार्बनिक यौगिकों को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
हाइड्रोकार्बन मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – संतृप्त हाइड्रोकार्बन तथा असंतृप्त हाइड्रोकार्बन।
संतृप्त हाइड्रोकार्बन – संतृप्त हाइड्रोकार्बन में कार्बन-श्रृंखला में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार हाइड्रोजन परमाणु से जुड़े होते हैं। अर्थात इनमें केवल एकल आबंध पाया जाता है। ये ऐल्केन कहलाते हैं। उदाहरण: मिथेन, इथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन आदि।
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन – वैसे हाइड्रोकार्बन जिनमें एक या अधिक द्वि-आबंध या त्रि-आबंध पाया जाता है, उन्हें असंतृप्त हाइड्रोकार्बन कहते हैं। एक या अधिक द्वि-आबंध वाले हाइड्रोकार्बन ऐल्कीन कहलाते हैं। उदाहरण: एथीन, प्रोपीन, ब्यूटीन आदि। एक या अधिक त्रि-आबंध वाले हाइड्रोकार्बन ऐल्काइन कहलाते हैं। उदाहरण: एथाइन, प्रोपाइन, ब्यूटाइन आदि।
हाइड्रोकार्बन क्या है? यह कितने प्रकार के होते हैं?

Chemistry Chapter 5 Class 10 Notes


2. प्रयोगशाला में मिथेन गैस बनाने की विधि एवं क्लोरीन के साथ उसकी रासायनिक अभिक्रिया को लिखें।
उत्तर:- मिथेन गैस बनाने की विधि – प्रयोगशाला में सोडियम एसिटेट और सोडा लाइम (NaOH + CaO) के मिश्रण को एक कठोर काँच की परखनली में रखकर गर्म करने पर मिथेन गैस बनती है। इसे जल विस्थापन विधि से जमा किया जाता है।
CH₃COONa + NaOH ➞ Na₂CO₃ + CH₄↑
मिथेन की क्लोरीन के साथ अभिक्रिया – सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में मिथेन गैस क्लोरीन के साथ तीव्रता से अभिक्रिया करता है। इस अभिक्रिया में मिथेन के चारों हाइड्रोजन परमाणु एक-एक करके क्लोरीन परमाणु द्वारा प्रतिस्थापित हो जाते हैं।
मिथेन की क्लोरीन के साथ अभिक्रिया

3. निम्नांकित यौगिकों के संरचना सूत्र लिखें –
(A) ब्रोमोप्रोपेन (B) प्रोपेनल (C) हेक्सेन (D) बेंजीन (E) प्रोपीन
उत्तर:- दिये गये यौगिकों के संरचना सूत्र है –
कार्बनिक यौगिकों के संरचना सूत्र

कार्बन एवं उसके यौगिक VVI Question Answer


4. निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए।
(i) एथेनोइक अम्ल, (ii) प्रोपेनॉल, (iii) ब्यूटेनोन, (iv) ब्रोमोपेन्टेन, (v) हेक्सेनैल।
उत्तर:-
कार्बनिक यौगिकों की संरचनाएँ

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5. हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया क्या है? इस अभिक्रिया का एक व्यापारिक उपयोग बताएँ।
उत्तर:- निकल अथवा पैलेडियम जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थिति में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में हाइड्रोजन को मिलाकर संतृप्त हाइड्रोकार्बन बनाने की प्रक्रिया को हाइड्रोजनीकरण कहते हैं।
हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया
हाइड्रोजनीकरण का व्यापारिक उपयोग:- हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया का व्यापारिक उपयोग वनस्पति तेल से वनस्पति घी बनाने में होता है।
हाइड्रोजनीकरण का व्यापारिक उपयोग

6. साबुनीकरण से आप क्या समझते हैं? व्याख्या करें। यह एस्टरीकरण से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:- एस्टर किसी अम्ल या क्षारक उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया करके ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाता है। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं। क्योंकि इससे साबुन तैयार किया जाता है। साबुन लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम या पोटैशियम लवण होते है। साबुनीकरण में प्राप्त ऐल्कोहॉल ग्लिसरॉल कहलाता है।
साबुनीकरण
साबुनीकरण एस्टरीकरण की विपरित अभिक्रिया है। एस्टरीकरण में अम्ल तथा ऐल्कोहॉल अभिक्रिया कर एस्टर तथा जल बनते हैं। उदाहरण के लिए, एथेनोइक अम्ल किसी अम्ल उत्प्रेरक की उपस्थिति में एथेनॉल से अभिक्रिया करके एस्टर बनाते हैं। इसका उपयोग इत्र बनाने तथा स्वाद उत्पन्न करने वाले कारक बनाने में होता है।
एस्टरीकरण

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7. निम्नलिखित दी गई अभिक्रियाओं को उदाहरण सहित समझाइए।
(a) हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया
(b) ऑक्सीकरण अभिक्रिया
(c) प्रतिस्थापन अभिक्रिया
(d) साबुनीकरण अभिक्रिया
(e) दहन अभिक्रिया
उत्तर:- (a) हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया:- निकल अथवा पैलेडियम जैसे उत्प्रेरकों की उपस्थिति में असंतृप्त हाइड्रोकार्बन में हाइड्रोजन को मिलाकर संतृप्त हाइड्रोकार्बन बनाने की प्रक्रिया को हाइड्रोजनीकरण कहते हैं। उदाहरण, वनस्पति तेल के हाइड्रोजनीकरण से वनस्पति घी बनता है।
हाइड्रोजनीकरण का उदाहरण
(b) ऑक्सीकरण अभिक्रिया:- रासायनिक अभिक्रिया के दौरान किसी पदार्थ में ऑक्सीजन का योग या हाइड्रोजन का ह्रास ऑक्सीकरण कहलाता है। उदाहरण, क्षारीय KMnO₄ की उपस्थिति में एथेनॉल को गर्म करने पर यह एथेनॉइक अम्ल में ऑक्सीकृत हो जाता है।
एथेनॉल का ऑक्सीकरण
(c) प्रतिस्थापन अभिक्रिया:- वह अभिक्रिया जिसमें एक यौगिक के किसी तत्त्व को किसी दुसरे तत्त्व द्वारा प्रतिस्थापित कर दिया जाता है, उसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। उदाहरण, सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में क्लोरीन मेथेन से हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित करता है।
मेथेन से हाइड्रोजन का प्रतिस्थापन
(d) साबुनीकरण अभिक्रिया:- एस्टर किसी अम्ल या क्षारक उत्प्रेरक की उपस्थिति में अभिक्रिया करके ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाता है। इस अभिक्रिया को साबुनीकरण कहते हैं। उदाहरण, एथिल एसीटेट सोडियम हाइड्रॉक्साइड के साथ अभिक्रिया कर सोडियम एसीटेट एवं एथेनॉल बनाता है।
CH₃COOC₂H₅ + NaOH ➞ CH₃COONa + C₂H₅OH
(e) दहन अभिक्रिया:- रासायनिक अभिकारकों के दहन के परिणामस्वरूप होने वाली अभिक्रिया दहन अभिक्रिया कहलाती है। उदाहरण, ऑक्सीजन की उपस्थिति में मेथेन के दहन से कार्बन डाइऑक्साइड और जल के साथ ऊष्मा एवं प्रकाश प्राप्त होते हैं।
CH₄ + 2O₂ ➞ CO₂ + 2H₂O + ऊष्मा एवं प्रकाश

8. साबुन की सफाई की क्रियाविधि समझाइए।
उत्तर:- साबुन के अणु के दो सिरे होते हैं। एक जलरागी सिरा, जो जल में विलेय होता है तथा दुसरा जलविरागी सिरा, जो हाइड्रोकार्बन में विलेय होता है। जब साबुन जल की सतह पर होता है तब इसके अणु अपने आपको इस प्रकार व्यवस्थित कर लेते हैं कि इसका आयनिक सिरा जल के भीतर होता है, जबकि हाइड्रोकार्बन पूँछ जल के बाहर होती है। साबुन को जल में घोलने पर जल की सतह पर साबुन अणुओं का एक बड़ा गुच्छा बनता है, जिसमें जलविरागी सिरा गुच्छे के आंतरिक हिस्से में होती है और जलरागी सिरा गुच्छे की सतह पर होता है। इस संरचना को मिसेल कहते हैं। मिसेल के रूप में साबुन सफाई करने में सक्षम होता है। तैलीय मैल मिसेल के केन्द्र में एकत्र हो जाते हैं। मिसेल में तैरते मैल को आसानी से हटा दिया जाता है।

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