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बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी गद्यखंड पाठ 2 विष के दाँत Question Answer : Introduction
This article contains all VVI Question Answers (subjective) from Class 10th Hindi (Prose) Chapter-2 “Vish Ke Daant”. These questions are of short-answer type. This also contains the VVI sentences and their meaning.
Dear students, यहाँ बिहार बोर्ड गोधूलि भाग-2 कक्षा 10 हिन्दी गद्यखंड पाठ 2 विष के दाँत Question Answer के अन्तर्गत प्रकाशित इन सभी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर और वाक्य-व्याख्या को पढ़-पढ़ कर याद करने का प्रयास करें। याद हो जाने के पश्चात् इन्हें अपने नोटबुक में लिखना न भूलें।
तो चलिए आज हम सबसे पहले “विष के दाँत” अध्याय के लघु उत्तरीय प्रश्नों को पढ़ते हैं और तत्पश्चात कुछ महत्वपूर्ण वाक्य-व्याख्या को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।
Class 10 Hindi (Prose) Chapter 2 Question Answer
In the annual board examination of Hindi subject, 10 short answer type questions are asked, in which at least 1 question from the chapter “Vish Ke Daant” may be included. Out of these 10 questions, only 5 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.
बिहार बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी गद्यखंड पाठ 2 विष के दाँत Question Answer
1. ‘विष के दाँत’ कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: ‘विष के दाँत’ कहानी का शीर्षक पूर्णतः सार्थक है। विष के दाँत का अर्थ है – विष से भरा दाँत। साँप-बिच्छू जैसे जीव, जो बाहर से देखने पर बहुत सुंदर दिखाई देते हैं, विष के दाँत को छिपा कर रखते हैं। ठीक इसी प्रकार, सेन साहब जैसे सफेदपोश महत्वाकांक्षी लोग लिंग-भेद, सामाजिक भेदभाव, नकली ढोंग आदि कुसंस्कारों को अपने भीतर छिपाए रखे है।
2. सेन साहब के कितनी लड़कियाँ थी? उनका नाम क्या था?
उत्तर:- सेन साहब के पाँच लड़कियाँ थी। उनका नाम था – सीमा, रजनी, आलो, शेफाली और आरती।
3. सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन पोषण में किए जा रहे लिंग आधारित भेदभाव का वर्णन करें।
उत्तर:- सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालन पोषण में लिंग आधारित भेदभाव किया जाता है। बेटियों को खुलकर हँसने की आज्ञा नहीं है। वे केवल शाम के वक्त दौड़ती-खेलती है। उनके लिए अलग शिक्षा व्यवस्था है। जबकि खोखा के लिए ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। इसके उलट वह अपनी बहनों और नौकरों पर हाथ चला देता है। उसकी शिक्षा के लिए अलग व्यवस्था की गई है।
विष के दाँत Question Answer
4. खोखा किन मामलों में अपवाद था?
उत्तर: खोखा जीवन के नियमों का अपवाद था। उसका जन्म तब हुआ था जब सेन दंपति ने पुत्र प्राप्ति की उम्मीद छोड़ दी थी। पाँच लड़कियों के बाद जन्म लेने के कारण उसके लिए घर में अलग नियम थे और लड़कियों के लिए अलग। सेन परिवार की लड़कियाँ जहाँ तहजीब और तमीज के साथ रहती थी, वहीं खोखा शरारती और बेपरवाह था। इस प्रकार से वह घर के नियमों का भी अपवाद था।
5. सेन साहब काशू को विद्यालय पढ़ने के लिए क्यों नहीं भेजते है?
उत्तर:- सेन साहब काशू को अपने जैसा बिजनेसमैन, इंजीनियर बनाना चाहते है। उन्हें विद्यालय की शिक्षा पद्धति पर भरोसा नहीं है। इसलिए वे काशू को विद्यालय पढ़ने के लिए नहीं भेजते है। वे काशू को अपने तरीके से ट्रेनिंग देते हैं। इसके लिए करखाने के बढ़ई मिस्री को रोज एक-दो घंटे तक खोखा के साथ ठोक-पीट करता है ताकि बच्चा अभी से ही औजारों से वाकिफ हो जाए।
6. सेन दंपति खोखा में कैसी संभावनाएँ देखते थे? उन संभावनाओं के लिए उन्होंने उसकी कैसी शिक्षा तय की थी?
उत्तर:- सेन साहब खोखा में बिजनेसमैन, इंजीनियर बनने की संभावनाएँ देखते थे। इसके लिए उन्होंने खोखा के लिए अलग शिक्षा तय किया था। इसके लिए करखाने का बढ़ई मिस्री रोज एक-दो घंटे तक खोखा के साथ ठोक-पीट करता था ताकि उसकी अंगुलियाँ अभी से ही औजारों से वाकिफ हो जाए।
विष के दाँत Class 10 Question Answer
7. सेन साहब और उनके मित्रों के बीच क्या बातचीत हुई और पत्रकार महोदय ने उन्हें किस तरह का उत्तर दिया?
उत्तर:- सेन साहब और उनके मित्रों के बीच उनके बच्चों की शिक्षा और भविष्य में पेशा चुनने के बारे में बातचीत हुई। सेन साहब बार-बार कहते थे कि वे खोखा को इंजीनियर बनाने जा रहे हैं। जब पत्रकार महोदय से पूछा गया तो उन्होंने उत्तर दिया कि वे चाहते हैं कि उनका बेटा जेंटलमैन जरूर बने, पर वह जो कुछ बनना चाहे, इसमें उसकी पूरी आजादी रहेगी।
8. मदन और ड्राइवर के बीच विवाद के द्वारा कहानीकार क्या बताना चाहता है?
उत्तर: मदन और ड्राइवर के बीच विवाद के द्वारा कहानीकार यह बताना चाहता है कि बच्चे अबोध होते हैं। उन्हें न तो अपने परिवार और न ही दुसरे परिवार की आर्थिक स्थिति और समाजिक हैसियत का ज्ञान रहता है। वे अपने ऊपर किये गए अत्याचार का विरोध करते हैं। और इसके लिए वे किसी से भी भिड़ सकते हैं।
9. काशू और मदन के बीच झगड़े का कारण क्या था?
उत्तर: काशू ने मदन और उसके मित्रों को लट्टू नाचते देखा तो उसका मन भी लट्टू नचाने के लिए मचल गया। उसने मदन से लट्टू मांगा। परंतु काशू के कारण अपमानित और प्रताड़ित मदन उसे लट्टू के खेल में शामिल करने से इन्कार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। इस प्रसंग द्वारा लेखक आहत बाल मन की प्रतिक्रियाओं को दिखाना चाहता है।
कक्षा 10 हिन्दी गद्यखंड पाठ 2 Question Answer
10. काशू और मदन के बीच झगड़े के प्रसंग द्वारा लेखक क्या दिखाना चाहता है?
उत्तर:- काशू और मदन के बीच झगड़े में मदन ने काशू की पिटाई की और उसके दाँत तोड़ डाले। इस प्रसंग द्वारा लेखक दिखाना चाहता है कि जब अमीर आदमी और गरीब आदमी के बीच झगड़ा होता है और इसमें अन्य गरीब लोग अमीर की मदद नहीं करते हैं तो जीत उसी की होती है जिसके पास अधिक साहस और शारीरिक शक्ति रहता है।
11. रोज-रोज अपने बेटे मदन की पिटाई करने वाला गिरधर मदन द्वारा काशू के दाँत तोड़ने पर भी उसे अपनी छाती से क्यों लगा लेता है?
उत्तर:- सेन साहब के कहने पर ही गिरधर रोज-रोज अपने बेटे मदन की पिटाई करता था। यदि वह ऐसा नहीं करता तो उसे अपनी नौकरी जाने का भय था। परंतु जिस दिन मदन ने काशू की पिटाई की और उसके दाँत तोड़ डाले, उस दिन सेन साहब ने गिरधर को नौकरी से निकाल दिया। अब गिरधर के पास नौकरी जाने का कोई भय नहीं था। इसलिए उस दिन गिरधर का अपने बेटे के लिए छुपा प्यार बाहर निकल आता है और उसे अपनी छाती से लगाकर शाबाशी देता है।
Class 10 Hindi Chapter 2 Question Answer
12. मदन हक्का-बक्का क्यों रह गया?
उत्तर: मदन अक्सर अपने पिता के हाथों पिटता था। उसे पिता का प्यार नहीं मिलता था। एक दिन लड़ाई में उसने काशू के दो दाँत तोड़ डाले। जिसके कारण सेन साहब ने उसके पिता को नौकरी से निकाल दिया। मदन को डर था कि आज अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक मार पड़ेगी। परंतु जब उसके पिता ने उसे मारने की बजाय उसे गोद में उठा कर प्यार किया और शाबाशी दिया तो वह हक्का-बक्का रह गया।
13. ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी का नायक कौन है? तर्क पूर्ण उत्तर दें।
उत्तर: ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी दो बच्चों काशू और मदन के इर्द-गिर्द घूमती है। काशू उद्यंड स्वभाव का है जबकि मदन का स्वभाव निर्भीक और साहसी है। कहानी खोखा यानी काशू के उद्यंडतापूर्वक कार्यों से शुरू होती है और अंत में मदन के साहसी कार्य पर आकर समाप्त होती है कि उसने खोखा के दो-दो दाँत तोड़ डाले। अतः इस कहानी का नायक मदन को ही माना जाएगा।
यहाँ पर विष के दाँत पाठ के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर की जानकारी पूर्ण हुई। आशा है कि आप इन सभी प्रश्नों को याद कर लिए होंगे।
अब हम विष के दाँत पाठ से कुछ महत्वपूर्ण वाक्यों और उनके व्याख्या का अध्ययन कर याद करने का प्रयास करेंगे।
कक्षा-10 हिंदी गद्यखंड विष के दाँत पाठ के महत्वपूर्ण वाक्य-व्याख्या
यहाँ विष के दाँत पाठ से कुल 5 महत्वपूर्ण वाक्य-व्याख्या प्रस्तुत किए गए हैं। बिहार बोर्ड मैट्रिक की हिन्दी विषय की वार्षिक परीक्षा में ऐसे प्रत्येक प्रश्न के लिए पाँच अंक निर्धारित रहता है और इनका उत्तर लगभग 100 शब्दों में दिया जाता है।
1. लड़कियाँ क्या हैं कठपुतलियाँ हैं और उनके माता-पिता को इस बात का गर्व है।
व्याख्या- प्रस्तुत पंक्ति नलिन विलोचन शर्मा द्वारा रचित ‘विष के दाँत’ पाठ से संकलित है। इसके द्वारा लेखक ने सेन परिवार की लड़कियों की विशेषता का वर्णन किया है। सेन परिवार में लड़कियों को तहजीब और तमीज के साथ जीना सिखाया जाता है। उन्हें शरारत करने की छूट नहीं है। वे स्वच्छन्द विचरण नहीं कर सकतीं, जबकि पुत्र काशू (खोखा) के लिए ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। सेन दंपत्ति ने लड़कियों को यह तो नहीं बताया है कि उन्हें क्या-क्या करना चाहिए, लेकिन उन्हें क्या-क्या नहीं करना है, इसकी सीख जरूर दी गई है। कहने का तात्पर्य यह है कि सेन परिवार में लड़कियों को कठपुतलियों की तरह शिक्षा दी गई है। जिस प्रकार कठपुतलियों को जैसे घुमाया जाता है, वैसे ही वे घूमती हैं, उसी प्रकार सेन-दंपत्ति ने अपनी पुत्रियों को सिखाया है। “उन्हें वही करना है जो सेन परिवार चाहता है।” इस बात का उनके माता-पिता (सेन-दंपत्ति) को गर्व है।
2. खोखा के दुर्ललित स्वभाव के अनुसार ही सेनों ने सिद्धांतों को भी बदल लिया था।
व्याख्या- प्रस्तुत पंक्ति नलिन विलोचन शर्मा द्वारा रचित ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी से संकलित है। इसमें लेखक ने सेन दंपत्ति की लिंग-भेद संबंधी भेदभावपूर्ण नीति पर प्रकाश डाला है। सेन परिवार में पाँच बेटियों के जन्म के बाद खोखा का जन्म हुआ था। सेन दंपत्ति लड़कियों को अनुशासन, तहजीब, तमीज आदि की शिक्षा देते थे। परंतु उन्होंने बेटे को लाड़ प्यार के कारण शरारती और बेपरवाह बनने की खुली छुट दे रखी थी। इस प्रकार भेदभावपूर्ण लाड़-प्यार के कारण खोखा के लिए सेनों ने सिद्धांतों को भी बदल लिया था।
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3. महल और झोपड़ी वालों की लड़ाई में अक्सर महल वाले ही जीतते हैं, पर उसी हालत में जब दूसरे झोपड़ी वाले उनकी मदद अपने ही खिलाफ करते हैं।
व्याख्या- महल वालों अर्थात अमीर लोगों और झोपड़ी वालों अर्थात गरीब लोगों की लड़ाई में गरीब लोग किसी प्रकार के भय अथवा लालच के कारण अमीर लोगों की मदद करते हैं तब इस लड़ाई में अक्सर महल वाले ही जीत जाते हैं। महल वालों के पास आर्थिक बल के पहले से ही होता है और जब उन्हें गरीब लोगों का साथ मिलता है तो उनके पास शारिरिक बल भी आ जाता है। फलस्वरूप वे जीत जाते हैं। परंतु यदि यही झोपड़ी वाले महल वाले की मदद नहीं करें तो इनकी लड़ाई में झोपड़ी वाले ही जीतेंगे।
4. ऐसे ही लड़के आगे चलकर गुंडे, चोर और डाकू बनते हैं।
व्याख्या- प्रस्तुत पंक्ति नलिन विलोचन शर्मा द्वारा रचित ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी से संकलित है। यह पंक्ति सेन साहब ने मदन की शिकायत उसके पिता गिरधर से करते हुए कही है। मदन अपने उम्र और हैसियत का लिहाज न करते हुए सेन साहब के ड्राइवर से उलझ रहा था। यहाँ तक की वह सेन साहब के सामने भी ड्राइवर पर झपटता रहा। इन्हीं सब लक्षणों को देखकर सेन साहब ने मदन के लिए ऐसी बात कही है।
5. हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया।
व्याख्या- प्रस्तुत पंक्ति नलिन विलोचन शर्मा द्वारा रचित ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी से संकलित है। इस पंक्ति में लेखक ने हंस का संबोधन काशू के लिए और कौओं का संबोधन मदन और उसके दोस्तों के लिए किया है। एक दिन मदन अपने दोस्तों के साथ लट्टू नचा रहा था। काशू वहाँ जा पहुँचा और उनसे लट्टू माँगने लगा। लट्टू गरीब बच्चों का खेल है और काशू अमीर बाप का बेटा था। फिर भी वह उनके साथ लट्टू खेलना चाहता था। इसी स्थिति को कहानीकार ने व्यंग्य के रूप में दर्शाया है।
Prasn dikhao
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