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प्रकाश का परावर्तन भौतिकी कक्षा 10 अध्याय 1 Question Answer : Introduction
This article contains all VVI Question Answers (subjective) from Class 10 Physics Chapter 1 Reflection of Light. These questions are of short-answer and long-answer type.
प्रिय विद्यार्थियों, बिहार बोर्ड भौतिकी कक्षा 10 अध्याय 1 Question Answer के अन्तर्गत प्रकाशित इन सभी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़-पढ़ कर याद करने का प्रयास करें। याद हो जाने के पश्चात् इन्हें अपने नोटबुक में लिखना न भूलें।
तो चलिए आज हम सबसे पहले प्रकाश का परावर्तन अध्याय के लघु उत्तरीय प्रश्नों को पढ़ते हैं और तत्पश्चात दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।
Class 10 Physics Chapter 1 Question Answer (Short Answer Type)
In the annual board examination of Science subject, 8 short answer type questions are asked in Physics section, in which 1 or 2 questions from the chapter “Reflection and Refraction of Light” are definitely included. Out of these 8 questions, only 4 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.
भौतिकी कक्षा 10 अध्याय 1 Question Answer
1. प्रकाश किरण-पुंज किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:- प्रकाश किरणों के समूह को प्रकाश किरण-पुंज कहते हैं। प्रकाश किरण-पुंज तीन प्रकार के होते हैं – (i) अपसारी किरण-पुंज, (ii) अभिसारी किरण-पुंज और (iii) समांतर किरण-पुंज।
2. पारदर्शी पदार्थ किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर:- वे पदार्थ जिनसे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, उन्हें पारदर्शी पदार्थ कहते हैं। उदाहरण – काँच, साफ पानी, हवा इत्यादि।
3. अपारदर्शी पदार्थ किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर:- वे पदार्थ जिनसे होकर प्रकाश पार नहीं कर पाता है, उन्हें अपारदर्शी पदार्थ कहते हैं। उदाहरण – लकड़ी, दर्पण, लोहा आदि।
4. पारभासी पदार्थ किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखें।
उत्तर:- वे पदार्थ जिनसे होकर प्रकाश आंशिक रूप से पार कर पाता है, उन्हें पारभासी पदार्थ कहते हैं। उदाहरण – तैलीय कागज, घिसा हुआ काँच, चर्म-पत्र आदि।
5. प्रकाश का परावर्तन क्या है? एक समतल दर्पण से प्रकाश के परावर्तन के लिए किरण-आरेख खींचें।
उत्तर:- प्रकाश के किसी वस्तु से टकराकर लौटने की क्रिया को प्रकाश का परावर्तन कहते हैं।
समतल दर्पण से प्रकाश के परावर्तन के लिए किरण-आरेख –
Class 10 Physics Chapter 1 Question Answer in Hindi
6. प्रकाश के परावर्तन के कितने नियम है? इन नियमों को लिखें।
उत्तर:- प्रकाश के परावर्तन के दो नियम है। ये नियम निम्नलिखित हैं –
(i) आपतित किरण, परावर्तित किरण और आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलंब; तीनों एक ही समतल में होते हैं।
(ii) आपतन कोण (i) परावर्तन कोण (r) के बराबर होता हैै, अर्थात i = r।
7. प्रतिबिंब किसे कहते है? यह कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:- किसी बिंदु-स्त्रोत से आती प्रकाश किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर मिलती है या जिस बिंदु पर मिलती हुई प्रतीत होती है, उसे उस बिंदु-स्त्रोत का प्रतिबिंब कहते हैं। प्रतिबिंब दो प्रकार के होते हैं – (i) आभासी प्रतिबिंब और (ii) वास्तविक प्रतिबिंब।
8. वास्तविक प्रतिबिंब और आभासी प्रतिबिंब में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:- वास्तविक प्रतिबिंब और आभासी प्रतिबिंब में निम्नलिखित अंतर है –
वास्तविक प्रतिबिंब |
आभासी प्रतिबिंब |
(i) जब किसी बिंदु-स्त्रोत से आती प्रकाश किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद एक बिंदु पर वास्तव में मिलती है, तो वास्तविक प्रतिबिंब बनता है। |
(i) जब किसी बिंदु-स्त्रोत से आती प्रकाश किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद एक बिंदु पर मिलती हुई प्रतीत होती है, तो आभासी प्रतिबिंब बनता है। |
(ii) वास्तविक प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है। |
(ii) आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर प्राप्त नहीं कर सकते हैं। |
(iii) वास्तविक प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा उल्टा होता है। |
(iii) आभासी प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा सीधा होता है। |
9. समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषताओं को लिखें।
उत्तर:- समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंब की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
(i) प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है। यह आभासी और सीधा होता है। अतः इसे पर्दे पर प्राप्त नहीं कर सकते।
(ii) प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा पार्श्विक रूप से उल्टा होता है। अर्थात वस्तु का दायाँ प्रतिबिंब का बायाँ होता है और वस्तु का बायाँ प्रतिबिंब का दायाँ होता है।
(iv) प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।
(v) प्रतिबिंब दर्पण से उतना ही पीछे बनता हैै, जितना वस्तु दर्पण से आगे रहता है।
10. गोलीय दर्पण किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर:- वह दर्पण, जिसका परावर्तक सतह किसी खोखले गोले का एक भाग हो, उसे गोलीय दर्पण कहते हैं। इसका परावर्तक सतह अंदर या बाहर की ओर वक्रित होता है। गोलीय दर्पण मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – (i) अवतल दर्पण और (ii) उत्तल दर्पण।
कक्षा 10 भौतिक विज्ञान अध्याय 1 प्रश्न उत्तर
11. अवतल दर्पण किसे कहते हैं?
उत्तर:- वह दर्पण जिसका परावर्तक सतह इसके वक्रता-केन्द्र की तरफ हो, उसे अवतल दर्पण कहते हैं। इसका बाहरी भाग रजतित रहता है।
12. उत्तल दर्पण किसे कहते हैं? इसके उपयोगों को लिखें।
उत्तर:- वह दर्पण जिसका परावर्तक सतह इसके वक्रता-केन्द्र के विपरित ओर हो, उसे उत्तल दर्पण कहते हैं। इसका आंतरिक भाग रजतित रहता है। इसका उपयोग मोटरकार, बस आदि वाहनों में साईड मिरर/पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में किया जाता है।
13. अवतल दर्पण के उपयोगों को लिखें।
उत्तर:- अवतल दर्पण के उपयोग निम्नलिखित है –
(i) हजामती (दाढ़ी बनानेे के) दर्पण के रूप में,
(ii) टॉर्च, वाहनों के हेडलाइटों और सर्चलाइटों में प्रकाश परावर्तक के रूप में,
(iii) रोगियों के नाक, कान, गले, दाँत आदि की जाँच में,
(iv) सौर भट्टियों में सूर्य से आती ऊष्मीय ऊर्जा से अधिक ऊष्मा प्राप्त करने में।
14. गोलीय दर्पण के लिए नई कार्तीय चिह्न परिपाटी को लिखें।
उत्तर:- गोलीय दर्पण के लिए नई कार्तीय चिह्न परिपाटी निम्नलिखित हैं –
(i) बिंब (वस्तु) को सदैव दर्पण के बायीं ओर रखा जाता है।
(ii) दर्पण के मुख्य अक्ष को निर्देशांक X'X अक्ष माना जाता है।
(iii) सभी दूरियाँ गोलीय दर्पण के ध्रुव (P) से मापी जाती हैं। अर्थात ध्रुव (P) को मूलबिंदु माना जाता है।
(iv) मूलबिंदु अर्थात ध्रुव (P) के दायीं ओर मापी गई दूरियाँ धनात्मक और बायीं ओर मापी गई दूरियाँ ऋणात्मक होती है।
(v) दर्पण केे मुख्य अक्ष X'X के लंबवत तथा ऊपर की ओर मापी गई दूरियाँ धनात्मक होती है जबकि दर्पण के मुख्य अक्ष X'X के लंबवत तथा नीचे की ओर मापी गई दूरियाँ ऋणात्मक होती है।
15. गोलीय दर्पण के मुख्य फोकस को परिभाषित करें।
उत्तर:- गोलीय दर्पण का मुख्य फोकस इसके मुख्य अक्ष पर स्थित वह बिंदु है, जहाँ मुख्य अक्ष के समांतर आती किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद मिलती है (अवतल दर्पण में) या जहाँ से आती हुई प्रतीत होती है (उत्तल दर्पण में)। इसे F से सूचित करते हैं।
16. गोलीय दर्पण के फोकस-दूरी को परिभाषित करें। गोलीय दर्पण के फोकस-दूरी और वक्रता-त्रिज्या में क्या संबंध है?
उत्तर:- किसी गोलीय दर्पण के फोकस-बिंदु से उसके ध्रुव के बीच की दूरी को दर्पण की फोकस-दूरी कहते है। इसेे f से सूचित करते हैं।
गोलीय दर्पण के फोकस-दूरी और वक्रता-त्रिज्या में संबंध – गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी उसके वक्रता-त्रिज्या की आधी होती है। अर्थात f = R/2.
17. अवतल दर्पण द्वारा इसके ध्रुव और फोकस के बीच रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख खींचें और प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार को लिखें।
उत्तर:- अवतल दर्पण द्वारा इसके ध्रुव और फोकस के बीच रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख –
वस्तु (AB) की स्थिति – दर्पण के ध्रुव (P) और फोकस (F) के बीच।
प्रतिबिंब (A'B') की स्थिति, प्रकृति और आकार – आभासी, सीधा और वस्तु से बड़ा प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
Physics Class 10th Chapter 1 Question Answer
18. अवतल दर्पण द्वारा इसके फोकस और वक्रता-केन्द्र के बीच रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख खींचें और प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार को लिखें।
उत्तर:- अवतल दर्पण द्वारा इसके फोकस और वक्रता-केन्द्र के बीच रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख –
वस्तु (AB) की स्थिति – दर्पण के फोकस (F) और वक्रता-केन्द्र (C) के बीच।
प्रतिबिंब (B'A') की स्थिति, प्रकृति और आकार – वास्तविक, उल्टा और वस्तु से बड़ा प्रतिबिंब दर्पण के वक्रता-केन्द्र (C) और अनंत के बीच बनता है।
19. अवतल दर्पण के फोकस पर रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख खींचें और प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार को लिखें।
उत्तर:- अवतल दर्पण के फोकस पर रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख –
वस्तु (AB) की स्थिति – दर्पण के फोकस पर
प्रतिबिंब (B'A') की स्थिति, प्रकृति और आकार – वास्तविक, उल्टा और वस्तु से बहुत बड़ा प्रतिबिंब अनंत पर बनता है।
20. अवतल दर्पण के वक्रता-केन्द्र पर रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख खींचें और प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार को लिखें।
उत्तर:- अवतल दर्पण के वक्रता-केन्द्र पर रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख –
वस्तु (AB) की स्थिति – दर्पण के वक्रता-केन्द्र पर
प्रतिबिंब (B'A') की स्थिति, प्रकृति और आकार – वास्तविक, उल्टा और वस्तु के आकार के बराबर आकार का प्रतिबिंब दर्पण के वक्रता-केन्द्र पर बनता है।
21. अवतल दर्पण द्वारा इसके वक्रता-केन्द्र और अनंत के बीच रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख खींचें और प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार को लिखें।
उत्तर:- अवतल दर्पण द्वारा इसके वक्रता-केन्द्र और अनंत के बीच रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख –
वस्तु (AB) की स्थिति – दर्पण के वक्रता-केन्द्र और अनंत के बीच
प्रतिबिंब (B'A') की स्थिति, प्रकृति और आकार – वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटे आकार का प्रतिबिंब दर्पण के वक्रता-केन्द्र और फोकस के बीच बनता है।
कक्षा 10 भौतिक विज्ञान पाठ 1 प्रश्न उत्तर
22. अवतल दर्पण द्वारा अनंत पर रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख खींचें और प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार को लिखें।
उत्तर:- अवतल दर्पण द्वारा अनंत पर रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख –
वस्तु (AB) की स्थिति – अनंत पर
प्रतिबिंब (B'A') की स्थिति, प्रकृति और आकार – वास्तविक, उल्टा और वस्तु से बहुत छोटे आकार का प्रतिबिंब दर्पण के फोकस पर बनता है।
23. उत्तल दर्पण के प्रधान अक्ष पर रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख खींचें और प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार को लिखें।
उत्तर:- उत्तल दर्पण के प्रधान अक्ष पर रखे वस्तु के प्रतिबिंब के लिए किरण-आरेख –
वस्तु (AB) की स्थिति – दर्पण के प्रधान अक्ष पर
प्रतिबिंब (A'B') की स्थिति, प्रकृति और आकार – आभासी, सीधा और वस्तु से छोटे आकार का प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
24. आवर्धन से आप क्या समझते हैं? आवर्धन का धनात्मक और ऋणात्मक मान क्या बतलाता है?
उत्तर:- प्रतिबिंब की ऊँचाई (h') और वस्तु की ऊँचाई (h) के अनुपात को आवर्धन कहते है। इसे m से सूचित करते है। आवर्धन का धनात्मक मान बताता है कि प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष सीधा बन रहा है, अर्थात प्रतिबिंब आभासी है और आवर्धन का ऋणात्मक मान बताता है कि प्रतिबिंब वस्तु के सापेक्ष उल्टा बन रहा है, अर्थात प्रतिबिंब वास्तविक है।
25. वस्तु-दूरी ( बिंब-दूरी) और प्रतिबिंब-दूरी क्या है?
उत्तर:- दर्पण के ध्रुव और वस्तु के बीच की दूरी को वस्तु-दूरी या बिंब-दूरी कहते है। इसे u से सूचित करते है। दर्पण के ध्रुव और प्रतिबिंब के बीच की दूरी को प्रतिबिंब-दूरी कहते है। इसे v से सूचित करते है
Reflection of Light Subjective Question Answer
26. गोलीय दर्पण के लिए आवर्धन-सूत्र और दर्पण-सूत्र को लिखें।
उत्तर:- गोलीय दर्पण के लिए आवर्धन-सूत्र –
गोलीय दर्पण के लिए दर्पण-सूत्र –
जहाँ,
h' = प्रतिबिंब की ऊँचाई,
h = बिंब की ऊँचाई,
f = दर्पण की फोकस-दूरी,
u = वस्तु-दूरी और
v = प्रतिबिंब-दूरी।
27. हजामती (दाढ़ी बनाने) के दर्पण के लिए अवतल दर्पण का उपयोग क्यों होता है?
उत्तर:- अवतल दर्पण इसके फोकस-बिंदु से कम दूरी पर रखे वस्तु का आभासी, सीधा और वस्तु से बड़ा प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनाता है। अतः समतल दर्पण की अपेक्षा अवतल दर्पण से चेहरे के बालों का बारीकी से निरीक्षण करना आसान हो जाता है। इसलिए हजामती (दाढ़ी बनाने) के दर्पण के लिए अवतल दर्पण का उपयोग होता है।
28. रोगियों के नाक, कान, गले, दाँत आदि की जाँच में डॉक्टर किस दर्पण का उपयोग करते है और क्यों?
उत्तर:- रोगियों के नाक, कान, गले, दाँत आदि की जाँच में डॉक्टर अवतल दर्पण का उपयोग करते है, क्योंकि अवतल दर्पण दूर से आती प्रकाश-किरणों को एक छोटे-से भाग में केन्द्रित कर देता है। जिससे डॉक्टर को रोगी के नाक, कान, गले, दाँत आदि के निरीक्षण में आसानी होती है। दंत-चिकित्सक अवतल दर्पण का उपयोग मरीज के दाँतों का बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिए भी करते है।
29. टॉर्च और सर्चलाइटों में अवतल दर्पण का उपयोग क्यों होता है?
उत्तर:- अवतल दर्पण इसके फोकस से आती प्रकाश-किरणों को एक बहुत बड़े क्षेत्र में वितरित कर देता है जिससे एक शक्तिशाली समांतर किरणपुंज प्राप्त होता है। यह रात के अंधेरे में काफी अधिक दूरी तक की चीजों को देखने में हमारी सहायता करता है। इसलिए टॉर्च और सर्चलाइटों में अवतल दर्पण का उपयोग प्रकाश परावर्तक के रूप में होता है और बल्ब को प्रकाश परावर्तक के फोकस पर रखा जाता है।
30. सौर भट्ठियों में अवतल दर्पण का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:- अवतल दर्पण दूर से आती सूर्य के प्रकाश-किरणों को एक छोटे-से भाग में केन्द्रित कर देता है। जिससे अधिक प्रकाश की ऊष्मा छोटे-से स्थान पर केंद्रित हो जाती है। फलस्वरूप भट्ठी अपेक्षाकृत जल्दी गर्म हो जाती है और ज्यादा ऊष्मा देती है। इसलिए सौर भट्ठियों में अवतल दर्पण का उपयोग प्रकाश परावर्तक के रूप में किया जाता है।
31. स्कूटर, बस आदि वाहनों में साईड मिरर/पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में उत्तल दर्पण का उपयोग क्यों किया जाता है?
उत्तर:- उत्तल दर्पण किसी भी दूरी पर स्थित वस्तु के लिए अपेक्षाकृत छोटा, सीधा और आभासी प्रतिबिंब बनाता है। जिससे हम एक विस्तृत क्षेत्र के स्पष्ट और सीधा प्रतिबिंब को एक छोटे-से उत्तल दर्पण में देख सकते है। इसी गुण के कारण स्कूटर, बस आदि वाहनों में साईड मिरर/पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में उत्तल दर्पण का उपयोग किया जाता है।
32. अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर:- अवतल दर्पण और उत्तल दर्पण में अंतर निम्नलिखित हैं –
अवतल दर्पण |
उत्तल दर्पण |
(i) अवतल दर्पण का परावर्तक सतह इसके वक्रता-केन्द्र की ओर रहता है। |
(i) उत्तल दर्पण का परावर्तक सतह इसके वक्रता-केन्द्र के विपरित ओर रहता है। |
(ii) अवतल दर्पण द्वारा वास्तविक और आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिंब बनते हैं। |
(ii) उत्तल दर्पण द्वारा केवल आभासी प्रतिबिंब बनता है। |
(iii) अवतल दर्पण की फोकस-दूरी ऋणात्मक होती है। |
(iii) उत्तल दर्पण की फोकस-दूरी धनात्मक होती है। |
कक्षा 10 भौतिकी पाठ 1 प्रश्न उत्तर
33. किसी गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी 10 cm है, तो इसकी वक्रता-त्रिज्या ज्ञात करें।
उत्तर:- हम जानते हैं कि गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या उसकी फोकस-दूरी से दुगुनी होती है। अर्थात R = 2f ।
इसलिए, दी गई गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या,
R = 2 × 10 cm
= 20 cm.
34. 16 cm वक्रता-त्रिज्या वाले गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी ज्ञात करें।
उत्तर:- दिया है कि R = 16 cm.
हम जानते हैं कि f = R/2
अतः दी गई गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी,
f = 16 cm ÷ 2
= 8 cm.
35. एक गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी -10 cm है। बताइए कि यह कौन-सा दर्पण है और इसकी वक्रता-त्रिज्या कितनी है?
उत्तर:- चूँकि गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी ऋणात्मक है। अतः यह एक अवतल दर्पण है। साथ ही हम जानते हैं कि गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या उसकी फोकस-दूरी से दुगुनी होती है।
अर्थात R = 2f
इसलिए, दी गई गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या,
R = 2 × 10 cm
= 20 cm.
प्रकाश का परावर्तन पाठ के प्रश्न उत्तर
36. एक गोलीय दर्पण से 5 m दूर स्थित वस्तु का प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 1.15 m पर बनता है। इस प्रतिबिंब का आवर्धन ज्ञात करें और दर्पण का प्रकार बताएँ।
उत्तर:- वस्तु-दूरी, u = –5 m;
प्रतिबिंब-दूरी, v = 1.15 m;
आवर्धन, m = ?
आवर्धन का मान बताता है कि प्रतिबिंब आभासी, सीधा और वस्तु से छोटा बनता है। अतः यह गोलीय दर्पण एक उत्तल दर्पण है।
37. आपको तीन दर्पण दिए गए हैं। बिना स्पर्श किए आप कैसे पता लगायेंगे कि इनमें से कौन-सा अवतल दर्पण है, कौन-सा उत्तल दर्पण है और कौन-सा समतल दर्पण है?
उत्तर:- बिना स्पर्श किए अवतल दर्पण, उत्तल दर्पण और समतल दर्पण का पहचान करने के लिए हम बारी-बारी से तीनों दर्पणों के परावर्तक पृष्ठ के समीप अपनी एक उंगली ले जायेंगे।
(i) जिस दर्पण में उंगली का एक बड़ा प्रतिबिंब बनेगा, वह अवतल दर्पण होगा।
(ii) जिस दर्पण में उंगली से छोटा आकार का प्रतिबिंब बनेगा, वह उत्तल दर्पण होगा।
(iii) जिस दर्पण में उंगली के बराबर आकार का प्रतिबिंब बनेगा, वह समतल दर्पण होगा।
38. दर्पण की सतह को छूकर आप अवतल दर्पण, उत्तल दर्पण और समतल दर्पण में अंतर कैसे बताएँगें?
उत्तर:- दर्पण की सतह को छूकर हम अवतल दर्पण, उत्तल दर्पण और समतल दर्पण में अंतर निम्नलिखित तरीके से बताएँगें।
(i) जिस दर्पण का परावर्तक सतह बीच में भीतर धँसा हुआ होगा, वह अवतल दर्पण होगा।
(ii) जिस दर्पण का परावर्तक सतह बीच में बाहर की ओर उभरा हुआ होगा, वह उत्तल दर्पण होगा।
(iii) जिस दर्पण का परावर्तक सतह समतल होगा, वह समतल दर्पण होगा।
39. वाहनों के अग्रदीप (headlights) में अवतल दर्पण का उपयोग किस रूप में और क्यों होता है?
उत्तर:- वाहनों के अग्रदीप में अवतल दर्पण का उपयोग प्रकाश परावर्तक के रूप में होता है क्योंकि अवतल दर्पण इसके फोकस से आती प्रकाश-किरणों को एक बहुत बड़े क्षेत्र में वितरित कर देता है जिससे एक शक्तिशाली समांतर किरणपुंज प्राप्त होता है। यह रात के अंधेरे में काफी अधिक दूरी तक की चीजों को देखने में हमारी सहायता करता है। यहाँ बल्ब को प्रकाश परावर्तक के फोकस पर रखा जाता है।
40. अवतल दर्पण का उपयोग सोलर कुकर में क्यों किया जाता है?
उत्तर:- अवतल दर्पण दूर से आती सूर्य के प्रकाश-किरणों को एक छोटे-से भाग में केन्द्रित कर देता है। जिससे अधिक प्रकाश की ऊष्मा छोटे-से स्थान पर केंद्रित हो जाती है। फलस्वरूप सोलर कुकर अपेक्षाकृत जल्दी गर्म हो जाती है और भोजन जल्दी पकता है। इसलिए सोलर कुकर में अवतल दर्पण का उपयोग प्रकाश परावर्तक के रूप में किया जाता है।
41. एक समतल दर्पण का आवर्धन +1 हैं। इसका क्या अर्थ है?
उत्तर:- एक समतल दर्पण द्वारा उत्पन्न आवर्धन +1 हैं। इसका अर्थ है कि समतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी और सीधा है। साथ ही, प्रतिबिंब की ऊँचाई वस्तु की ऊँचाई के बराबर है।
यहाँ पर प्रकाश का परावर्तन अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन सभी प्रश्नों को समझ गए होंगे और याद भी कर लिए होंगे। इन्हें अपने नोटबुक में लिखने का प्रयास करें।
अब हम प्रकाश का परावर्तन अध्याय के महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे।
Class 10 Physics Chapter 1 Question Answer (Long Answer Type)
In the annual board examination of Science subject, 2 long answer type questions are asked in Physics section, in which 1 question may be from the chapter “Reflection and Refraction of Light”. Out of these 2 questions, only 1 question has to be answered and 6 marks are fixed for each of these questions.
1. दर्शाइए कि गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी उसकी वक्रता-त्रिज्या की आधी होती है।
अथवा, सिद्ध करें कि गोलीय दर्पण के लिए f = R/2 होता है।
उत्तर:- सिद्ध करना है – गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी उसकी वक्रता-त्रिज्या की आधी होती है।
अर्थात f = R/2.
प्रमाण –
माना MN एक अवतल दर्पण है जिसका ध्रुव P और वक्रता-केंद्र C है। PC अवतल दर्पण की त्रिज्या है (माना PC = R)। PC अवतल दर्पण का प्रधान अक्ष भी है।
अब हम अवतल दर्पण के प्रधान अक्ष PC के समांतर और निकट एक आपतित किरण AB लेते है (चित्र देखें)। दर्पण के फोकस की परिभाषा के अनुसार, किरण AB दर्पण से परावर्तन के बाद इसके मुख्य फोकस F से होकर गुजरती है। B से C को मिला दिया। अब BC भी दर्पण की एक त्रिज्या है।

त्रिज्या BC दर्पण के सतह के बिंदु B पर अभिलंब है। (बहुत बड़े गोले में त्रिज्या गोले के सतह पर लंब होती है।)
परावर्तन के नियम से,
i = r
अतः ㄥABC = ㄥCBF .... (i)
चूँकि AB||CP,
इसलिए ㄥABC = ㄥBCF (एकांतर कोण) .... (ii)
समी० (i) और (ii) से,
ㄥCBF = ㄥBCF
अतः Δ BCF एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
∴ BF = FC (समद्विबाहु त्रिभुज में समान कोण के सामने की भुजा) ... (iii)
यदि B, P के बहुत निकट हो, तो BF = PF (लगभग) ... (iv)
समी० (iii) और (iv) से,
PF = FC
⇒ PF + PF = PF + FC
⇒ 2PF = PC
⇒ PF = PC/2
⇒ f = R/2.
अतः सिद्ध होता है कि गोलीय दर्पण की फोकस-दूरी उसकी वक्रता-त्रिज्या की आधी होती है।
2. गोलीय दर्पण के संदर्भ में निम्नलिखित को परिभाषित करें।
(i) दर्पण का ध्रुव, (ii) दर्पण का द्वारक, (iii) दर्पण का वक्रता-केन्द्र, (iv) दर्पण की वक्रता-त्रिज्या और (v) दर्पण का प्रधान-अक्ष।
उत्तर:- (i) दर्पण का ध्रुव – गोलीय दर्पण के मध्य-बिंदु को उस दर्पण का ध्रुव कहते है। इसे P से सूचित करते हैं।
(ii) दर्पण का द्वारक – गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ की वृत्ताकार सीमा रेखा का व्यास उस दर्पण का द्वारक कहलाता है।
(iii) दर्पण का वक्रता-केन्द्र – गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है उस गोले के केन्द्र को दर्पण का वक्रता-केन्द्र कहते है। इसे C से सूचित करते हैं।
(iv) दर्पण की वक्रता-त्रिज्या – गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है उस गोले की त्रिज्या को दर्पण की वक्रता-त्रिज्या कहते है। यह दर्पण के वक्रता-केन्द्र (C) और ध्रुव (P) के बीच की दूरी होती है।
(v) दर्पण का प्रधान-अक्ष – गोलीय दर्पण के वक्रता-केन्द्र (C) और ध्रुव (P) को मिलाने वाली सरल रेखा को दर्पण का प्रधान-अक्ष या मुख्य-अक्ष कहते है।
प्रकाश का परावर्तन Subjective Question Answer
3. किसी कार में लगे पश्च-दृश्य दर्पण की वक्रता-त्रिज्या 3 m है। इस दर्पण से 4 m दूर स्थित एक दुसरे कार के प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति और आकार ज्ञात करें।
उत्तर:- हम जानते हैं कि कार में लगा पश्च-दृश्य दर्पण एक उत्तल दर्पण होता है।
अब, वक्रता-त्रिज्या, R = +3 m
बिंब-दूरी, u = –4 m
प्रतिबिंब-दूरी, v = ?
प्रतिबिंब का आकार (आवर्धन), m = ?
अतः,
प्रतिबिंब की स्थिति – दर्पण के पीछे 1.09 m की दूरी पर,
प्रतिबिंब की प्रकृति – आभासी और सीधा,
प्रतिबिंब का आकार – बिंब से छोटा (0.27 गुना)।
Reflection of Light VVI Subjective Question Answer
4. 10 cm फोकस-दूरी के अवतल दर्पण से 15 cm की दूरी पर एक वस्तु को रखा गया है जिसकी ऊँचाई 3 cm है। दर्पण से कितनी दूरी पर किसी परदे को रखा जाए कि वस्तु का स्पष्ट प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त हो। प्रतिबिंब की प्रकृति और आकार भी ज्ञात करें।
उत्तर:- दर्पण की फोकस-दूरी, f = –10 cm
बिंब-दूरी, u = –15 cm
बिंब की ऊँचाई, h = +3 cm
प्रतिबिंब-दूरी, v = ?
प्रतिबिंब-ऊँचाई, h' = ?
अतः दर्पण से परदे की दूरी, v = 30 cm,
प्रतिबिंब की प्रकृति – वास्तविक और उल्टा,
प्रतिबिंब का आकार – वस्तु से बड़ा और 6 cm ऊँचा।
5. किसी ऑटोमोबाइल में पीछे का दृश्य देखने के लिए उपयोग होने वाले उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 5 मीटर है। यदि एक बस इस दर्पण से 5 मी की दूरी पर स्थित है तो प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति तथा आकार ज्ञात करें।
उत्तर:- प्रश्नानुसार, R = +5 m, u = –5 m, v = ?, m = ?
चूँकि, f = R/2
⇒ f = +5m/2 = +2.5 m
अब दर्पण-सूत्र से,
1/f = 1/v +1/u
⇒ 1/2.5 = 1/v + 1/–5
⇒ 1/2.5 + 1/5 = 1/v
⇒ 2/5 + 1/5 = 1/v
⇒ 3/5 = 1/v
⇒ v = + 5/3 m = + 1.67 m
अब आवर्धन, m = h'/h = – v/u
= – (+1.67/–5)
= + 0.33
अतः,
प्रतिबिंब की स्थिति – दर्पण के पीछे 1.67 m की दूरी पर,
प्रतिबिंब की प्रकृति – आभासी और सीधा,
प्रतिबिंब का आकार – बिंब से छोटा (0.33 गुना)।
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6. 5 cm लंबाई का कोई बिंब 30 cm वक्रता-त्रिज्या के किसी उत्तल दर्पण से 20 cm की दूरी पर रखा गया है। दर्पण द्वारा बने इस बिंब के प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति एवं आकार ज्ञात करें।
उत्तर:- दर्पण की वक्रता-त्रिज्या, R = +30 cm
बिंब-दूरी, u = –20 cm
प्रतिबिंब-दूरी, v = ?
प्रतिबिंब का आकार (आवर्धन), m = ?
अतः प्रतिबिंब की स्थिति – दर्पण के पीछे 8.57 cm की दूरी पर,
प्रतिबिंब की प्रकृति – आभासी और सीधा,
प्रतिबिंब का आकार – बिंब से छोटा 2.14 cm लंबाई का।
7. कोई अवतल दर्पण अपने सामने 10 cm की दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुना बड़ा (आवर्धित) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर स्थित है?
उत्तर:- प्रश्न से,
बिंब-दूरी, u = –10 cm
आवर्धन, m = –3 (ऋणात्मक चिह्न वास्तविक प्रतिबिंब को इंगित करता है)
प्रतिबिंब-दूरी, v = ?
अब दर्पण के लिए आवर्धन-सूत्र से,
m = –v/u
⇒ –3 = –v/–10
⇒ –3 = v/10
⇒ –30 = v
⇒ v = –30
अतः दर्पण से प्रतिबिंब की दूरी = 30 cm.
8. अवतल दर्पण की फोकस दूरी निकालने की एक विधि का वर्णन करें।
उत्तर:- निम्नलिखित चरणों का अनुसरण कर अवतल दर्पण की फोकस दूरी निकाला जा सकता है।
(i) हम एक अवतल दर्पण (Concave Mirror) लेते हैं और इसे एक दर्पण स्टैण्ड पर लगा देते है।
(ii) दर्पण स्टैण्ड को एक मेज पर इस प्रकार रखते है कि अवतल दर्पण का परावर्तक सतह सूर्य की ओर हो।
(iii) अब एक लकड़ी के एक छोटे टुकड़े को दर्पण के ध्रुव के पास रखकर उसे धीरे-धीरे दर्पण से दूर (सूर्य की ओर) हटाते हैं।
(iv) एक विशेष स्थिति पर लकड़ी के टुकड़े पर प्रकाश का एक तीक्ष्ण तथा चमकदार बिंदु प्राप्त होता है। यह तीक्ष्ण तथा चमकदार बिंदु सूर्य का प्रतिबिंब है। लकड़ी के टुकड़े की इस स्थिति को चिन्हित करते हैं।
(v) अब दर्पण और चिन्हित स्थिति के बीच की दूरी को मापते हैं। यह दूरी अवतल दर्पण की फोकस-दूरी का मान देता है।
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