पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ का अर्थ Class 10 Sanskrit Chapter 2 Question Answer and Notes

Prabhakar
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Class 10 Sanskrit Chapter 2 Question Answer
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पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ का अर्थ Class 10 Sanskrit Chapter 2 Question Answer and Notes : Introduction

This article contains all VVI Question Answers (2 marks each) from Class 10th Sanskrit book “Piyusham Part-2” Chapter 2 “Patliputra Vaibhavam”. This also contains the hindi meaning of Patliputra Vaibhavam chapter.

Dear students, the team of NextGen Study (#1 Online Study Portal for Bihar Board Exams) has provided the Class 10 Sanskrit Chapter 2 Question Answer here. Before this you will see the hindi meaning of Patliputra Vaibhavam chapter.


प्रिय विद्यार्थियों, बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत पाठ 2 प्रश्न उत्तर को पढ़ने से पहले आपको पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ का अर्थ जानना आवश्यक हो जाता है। क्योंकि इस पाठ को हिन्दी में पढ़ने के पश्चात् ही आप इसमें लिखी बातों को अधिक आसानी से याद कर पाएँगे।
इसलिए आज हम सबसे पहले पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ का अर्थ हिन्दी में पढ़ेंगे और तत्पश्चात प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।


पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ का अर्थ (हिन्दी में)

संस्कृत विषय तब तक कठिन लगता हैं जब तक कि उसका हिन्दी अनुवाद हमें पता नहीं रहता। किसी भी पाठ का हिन्दी में अनुवाद करते ही वह हमें बहुत रोचक लगने लगता है। पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ में पाटलिपुत्र के इतिहास का उल्लेख किया गया हैं। इसलिए हम इसका हिन्दी अनुवाद करते हुए इसके अर्थ को भी समझेंगे। परंतु इन सबसे पहले पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ की कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी प्राप्त करते हैं।


पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • बिहार राज्य की राजधानी पाटलिपुत्र (पटना) है।
  • पाटलिपुत्र इतिहास के सभी काल में महत्त्व रखता है।
  • पाटलिपुत्र का इतिहास 2500 वर्ष पुराना है।
  • प्राचीन काल से ही पाटलिपुत्र धर्म, राजनीति और उद्योग का विशेष आकर्षण रहा है।
  • मेगास्थनीज, फाह्यान, ह्वेनसांग, इत्सिंग आदि विदेशी यात्री पाटलिपुत्र आये। इन्होंने अपने-अपने संस्मरणों में पाटलिपुत्र के वैभव का वर्णन किया है।
  • पाटलिपुत्र गंगा नदी के किनारे स्थित है।

पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ का हिन्दी अर्थ

  • प्राचीन भारतीय नगरों में एक गंगा किनारे बसा विचित्र महानगर पाटलिपुत्र हुआ।
  • ‘कूट्टनीमतम्’ दामोदरगुप्त की काव्यरचना है।
  • दामोदरगुप्त ने कूट्टनीमतम् काव्य में लिखा है कि पाटलिपुत्र सरस्वती का कुल गृह था। अर्थात् यह नगर विद्वानों की निवास-स्थली थी।
  • पाटलिपुत्र नगर की शोभा इंद्र के स्वर्ग के समान थी।

पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ 2 Notes

  • बुद्धकाल में गंगा नदी के किनारे पाटलिग्राम स्थित था।
  • पाटलिग्राम में भगवान बुद्ध अनेकों बार आये।
  • भगवान बुद्ध ने भविष्यवाणी की कि भविष्य में पाटलिग्राम एक नगर होगा। परंतु यह कलह, अग्नि और जल (बाढ़) के भय से हमेशा ग्रसित रहेगा।
  • कालांतर में पाटलिग्राम को ही पाटलिपुत्र कहा गया।
  • मेगास्थनीज यूनान का राजदूत था।
  • मेगास्थनीज चंद्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र आया था।
  • मेगास्थनीज ने अपने संस्मरण में लिखा है कि चंद्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र महानगर की शोभा और सुरक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी।
  • अशोक को प्रियदर्शी कहा गया है।
  • अशोक के समय पाटलिपुत्र की शोभा और सुरक्षा व्यवस्था और अधिक समृद्ध हुई।

Class 10 Sanskrit Chapter 2 Notes

  • पाटलिपुत्र की प्राचीन सरस्वती परम्परा बहुत समय तक चली।
  • राजशेखर की रचना काव्यमीमांसा है।
  • राजशेखर ने अपनी रचना काव्यमीमांसा में लिखा है कि पाटलिपुत्र शिक्षा का एक प्राचीन केन्द्र था। पाटलिपुत्र में अनेक संस्कृत विद्वान हुए हैं।
  • पाटलिपुत्र में पाणिनि, पिंंगल, पतञ्जली आदि की परीक्षा ली गई थी।

बिहार बोर्ड संस्कृत कक्षा 10 अध्याय 2 हिन्दी अर्थ

  • प्राचीन संस्कृत ग्रंथों और पुराणों में पाटलिपुत्र का नाम पुष्पपुर और कुसुमपुर मिलता है। क्योंकि पाटलिपुत्र नगर के समीप फूलों का बहुत उत्पादन होता था।
  • ‘पाटलपुष्पों की पुत्तलिका’ रचना के आधार पर पटना का नाम पाटलिपुत्र प्रचलित हुआ।
  • पाटलिपुत्र में कौमुदी महोत्सव शरद् ऋतु में मनाया जाता था।
  • कौमुदी महोत्सव का समारोह गुप्तवंश के शासन काल में अति प्रचलित था और धूमधाम से मनाया जाता था।
  • कौमुदी महोत्सव आज के दुर्गा पूजा की भाँति मनाया जाता था।

पाटलिपुत्र वैभवम् हिन्दी अनुवाद

  • मध्यकाल में लगभग 1000 वर्षों तक पाटलिपुत्र का विकास रुका रहा। इसके संकेत मुद्राराक्षस आदि अनेक ग्रंथों में मिलते है।
  • मुगल काल में पाटलिपुत्र नगर का उद्धार हुआ।
  • आंग्लशासन काल (अंग्रेजी शासन के समय) पाटलिपुत्र का विकास तेजी से हुआ।
  • मध्यकाल में ही पाटलिपुत्र पटना के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
  • पटना शब्द पत्तन शब्द से उत्पन्न हुआ है।
  • पटना नगर की पालिका देवी पटनदेवी है।

Class 10 Sanskrit Chapter 2 हिन्दी अर्थ

  • आज पाटलिपुत्र (पटना) बहुत विशाल हो गया है और यह बिहार की राजधानी भी है। दिन-प्रतिदिन नगर का विकास होता ही जा रहा है।
  • पटना के उत्तर दिशा में गंगा नदी प्रवाहित होती है।
  • महात्मा गाँधी सेतु गंगा नदी के ऊपर बना है। ★ यह एशिया महादेश का सबसे बड़ा पुल है।
  • † गंगा नदी पर रेलगाड़ी के चलने के लिए भी पुल का निर्माण कार्य चल रहा है।
  • संग्रहालय, सचिवालय, उच्च न्यायालय, गोलघर, तारामंडल, जैविक उद्यान, मौर्य कालीन अवशेष, महावीर मंदिर, गुरुद्वारा आदि पटना के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं।
  • सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गुरुगोविंदसिंह का जन्म पटना में हुआ था। उनका जन्म स्थान गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है और यह सिख सम्प्रदाय का पूजनीय स्थल है। यहाँ पूरे देश से तीर्थयात्री दर्शन के लिए आते हैं।
  • प्राचीन काल से लेकर आज तक की पाटलिपुत्र के विभिन्न क्षेत्रों के वैभव को संजोए रखने वाला संग्रहालय भी देखने लायक है। पर्यटन मानचित्र पर यह नगर महत्वपूर्ण है।

★ चीन में शान्तूंग नदी के ऊपर स्थित “धारा बाइयाओ ग्रांड ब्रिज” या “धारा बाइयाओ-हांगशो पुल” एशिया का ही नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे लंबा पुल है। इसकी लंबाई 102.4 किलोमीटर है।
★ भारत में सबसे लंबा पुल “भूपेन हजारिका सेतु” है, जिसे “ढोला-सादिया पुल” के नाम से भी जाना जाता है। यह पुल असम राज्य में लोहित नदी पर बना हुआ है और 9.15 किलोमीटर (5.69 मील) लंबा है। यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों को जोड़ता है। जबकि गंगा नदी पर बना महात्मा गाँधी सेतु की लंबाई 5.75 किलोमीटर (3.57 मील) ही है।
† गंगा नदी पर रेलगाड़ी के चलने के लिए भी पुल का निर्माण हो गया है।

यहाँ पर पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ का अर्थ समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन इन्हें समझ कर याद कर लिए होंगे।

अब हम “पाटलिपुत्र वैभवम्” अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न और उनके उत्तर पढ़ेंगे। इससे आप पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ के तथ्यों को और अधिक सरलता से समझ पायेंगे और परीक्षा में इस पाठ से पूछे गए प्रश्नों का answer भी दे सकेंगे।



Class 10 Sanskrit Chapter 2 Question Answer

In the annual board examination of Sanskrit subject, 16 short answer type questions are asked, in which 1 or 2 questions from the chapter “Patliputra Vaibhavam” are definitely included. Out of these 16 questions, only 8 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.


कक्षा 10 संस्कृत अध्याय 2 पाटलिपुत्र वैभवम् प्रश्न उत्तर


1. कौन-कौन से विदेशी यात्री पटना आये थे?
उत्तर: मेगास्थनीज, फाह्यान, ह्वेनसांग, इत्सिंग आदि विदेशी यात्री पाटलिपुत्र आये थे। इन्होंने अपने-अपने संस्मरण ग्रंथों में पाटलिपुत्र के वैभव का वर्णन किया है।

2. किन-किन विदेशी यात्रियों ने अपने संस्मरण ग्रंथों में पटना का वर्णन किया है?
उत्तर: मेगास्थनीज, फाह्यान, ह्वेनसांग, इत्सिंग आदि विदेशी यात्रियों ने अपने संस्मरण ग्रंथों में पाटलिपुत्र के वैभव का वर्णन किया है।

3. दामोदरगुप्त कौन थे ? इन्होंने पटना के संबंध में क्या लिखा है?
उत्तर:- दामोदरगुप्त संस्कृत साहित्य के रचनाकार थे। इन्होंने अपने काव्य ग्रंथ कूट्टनीमतम् में पटना के संबंध में लिखा है कि पाटलिपुत्र सरस्वती का कुल गृह था। अर्थात् यह नगर विद्वानों की निवास-स्थली थी। इस नगर की शोभा इंद्र के स्वर्ग के समान थी।

4. कूट्टनीमतम् काव्य में पटना की क्या विशेषता बताई गई है?
उत्तर:- दामोदरगुप्त ने कूट्टनीमतम् काव्य में पटना की यह विशेषता बताई है कि पाटलिपुत्र सरस्वती का कुल गृह था। अर्थात् यह नगर विद्वानों की निवास-स्थली थी। इस नगर की शोभा इंद्र के स्वर्ग के समान थी।

5. भगवान बुद्ध ने पटना के संबंध में क्या कहा था?
उत्तर: भगवान बुद्ध ने पटना को पाटलिग्राम के नाम से जाना जाता था। भगवान बुद्ध ने इसके संबंध में कहा था कि भविष्य में यह एक नगर होगा। परंतु यह झगड़ा, अग्नि और बाढ़ के भय से हमेशा ग्रसित रहेगा।

Class 10 Sanskrit Chapter 2 Patliputra Vaibhavam Question Answer


6. पाटलिग्राम के संबंध में भगवान बुद्ध ने क्या कहा था?
उत्तर: पाटलिग्राम के संबंध में भगवान बुद्ध ने कहा था कि भविष्य में यह एक नगर होगा। परंतु यह झगड़ा, अग्नि और बाढ़ के भय से हमेशा ग्रसित रहेगा।

7. चंद्रगुप्त मौर्य के समय में पाटलिपुत्र की रक्षा व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर: यूनानी राजदूत मेगास्थनीज ने अपने संस्मरण में लिखा है कि चंद्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र महानगर की शोभा और सुरक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी।

8. मेगास्थनीज कौन था ? उसने पटना के संबंध में क्या लिखा है?
उत्तर:- मेगास्थनीज यूनान का राजदूत था। वह चंद्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र आया था। उसने अपने संस्मरण में पटना के संबंध में लिखा है कि चंद्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र महानगर की शोभा और सुरक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी। प्रियदर्शी अशोक के समय यह नगर और अधिक समृद्ध हुआ।

9. राजशेखर कौन थे ? इन्होंने पटना के संबंध में क्या लिखा है?
उत्तर: राजशेखर संस्कृत साहित्य के रचनाकार थे। इन्होंने ‘काव्यमीमांसा’ की रचना की थी। इन्होंने अपनी ‘काव्यमीमांसा’ में पटना के संबंध में लिखा है कि पाटलिपुत्र शिक्षा का एक प्राचीन केन्द्र था। यहाँ अनेक संस्कृत विद्वान हुए हैं। यहीं पर पाणिनि, पिंंगल, पतञ्जली आदि विद्वानों की परीक्षा ली गई थी।

बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत पाठ 2 मंगलम् प्रश्न उत्तर


10. राजशेखर ने पटना का उल्लेख किस रूप में किया है?
उत्तर: राजशेखर ने अपने ग्रंथ ‘काव्यमीमांसा’ में पटना का उल्लेख शिक्षा के एक प्राचीन केन्द्र के रूप में किया है। यहाँ अनेक संस्कृत विद्वान हुए हैं। यहीं पर पाणिनि, पिंंगल, पतञ्जली आदि विद्वानों की परीक्षा ली गई थी।

11. प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में पटना के कौन-कौन से विभिन्न नाम मिलते हैं?
उत्तर: प्राचीन संस्कृत ग्रंथों और पुराणों में पाटलिपुत्र का नाम पुष्पपुर और कुसुमपुर मिलता है। क्योंकि पाटलिपुत्र नगर के समीप फूलों का बहुत उत्पादन होता था। ‘पाटलपुष्पों की पुत्तलिका’ रचना के आधार पर पटना का नाम पाटलिपुत्र प्रचलित हुआ।

12. पाटलिपुत्र शब्द किस आधार पर प्रचलित हुआ?
उत्तर:- प्राचीन संस्कृत ग्रंथ 'पाटलपुष्पों की पुत्तलिका' के आधार पर पाटलिपुत्र शब्द प्रचलित हुआ और नगर को इस नाम से जाना गया।

13. पाटलिपुत्र का पुष्पपुर या कुसुमपुर नाम का उल्लेख कहाँ है?
उत्तर: प्राचीन संस्कृत ग्रंथों तथा पुराणों में पाटलिपुत्र के लिए पुष्पपुर या कुसुमपुर नाम का उल्लेख मिलता है। क्योंकि पाटलिपुत्र नगर के समीप फूलों का बहुत उत्पादन होता था।

14. पाटलिपुत्र में कौमुदी महोत्सव कब मनाया जाता था? यह आज के किस पर्व से मिलता-जुलता है?
उत्तर:- पाटलिपुत्र में कौमुदी महोत्सव शरद् ऋतु में मनाया जाता था। कौमुदी महोत्सव का समारोह गुप्तवंश के शासन काल में अति प्रचलित था और धूमधाम से मनाया जाता था। यह महोत्सव आज के दुर्गा-पूजा पर्व से मिलता-जुलता है।

Patliputra Vaibhavam Question Answer in Hindi


15. पटना के मुख्य दर्शनीय स्थलों के नाम का उल्लेख करें।
उत्तर: संग्रहालय, सचिवालय, उच्च न्यायालय, गोलघर, तारामंडल, जैविक उद्यान, मौर्य कालीन अवशेष, महावीर मंदिर, गुरुद्वारा, आदि पटना के मुख्य दर्शनीय स्थल हैं।

16. ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ के आधार पर यहाँ स्थित दर्शनीय स्थलों पर प्रकाश डालें।
उत्तर: ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ में पाटलिपुत्र के जिन दर्शनीय स्थलों के बारे में बताया गया है, वे हैं – संग्रहालय, सचिवालय, उच्च न्यायालय, गोलघर, तारामंडल, जैविक उद्यान, मौर्य कालीन अवशेष, महावीर मंदिर, गुरुद्वारा, आदि।

17. पटना का गुरुद्वारा किसके लिए और क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर:- पटना का गुरुद्वारा सिखों के लिए प्रसिद्ध है। क्योंकि सिखों के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह का जन्म पटना में इसी स्थान पर हुआ था। उनके जन्म स्थान को गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है।

18. सिख संप्रदाय के लोगों के लिए पटना क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर:- सिख संप्रदाय के लोगों के लिए पटना बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि सिखों के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह का जन्म पटना में हुआ था। उनका जन्म स्थान गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है। यह सिखों का एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।

पाटलिपुत्र वैभवम् पाठ के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर


19. प्राचीन काल से ही पाटलिपुत्र कैसे नगर के रूप में प्रसिद्ध है?
उत्तर: प्राचीन काल से ही पाटलिपुत्र एक समृद्ध एवं वैभवशाली नगर के रूप में प्रसिद्ध है। दामोदरगुप्त ने अपने काव्य कूट्टनीमतम् में स्पष्ट रूप से लिखा है कि पाटलिपुत्र नगर विद्वानों की निवास-स्थली थी। इस नगर की शोभा इंद्र के स्वर्ग के समान थी। मेगास्थनीज ने लिखा है कि चंद्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र महानगर की शोभा और सुरक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी जो अशोक के समय और अधिक समृद्ध हुई। राजशेखर ने बताया है कि यहाँ अनेक संस्कृत विद्वानों पाणिनि, पिंंगल, पतञ्जली आदि की परीक्षा ली गई थी।

20. ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ का वर्णन चार से पाँच वाक्यों में करें।
उत्तर: प्राचीन काल से ही पाटलिपुत्र नगर अपनी वैभवशाली परंपरा के लिए प्रसिद्ध रहा है। दामोदरगुप्त ने अपने काव्य कूट्टनीमतम् में स्पष्ट रूप से लिखा है कि पाटलिपुत्र नगर विद्वानों की निवास-स्थली थी। मेगास्थनीज ने अपने संस्मरण में लिखा है कि चंद्रगुप्त मौर्य के समय इस नगर की शोभा और सुरक्षा व्यवस्था अति उत्कृष्ट थी। राजशेखर ने अपनी रचना ‘काव्यमीमांसा’ में बताया है कि यहाँ अनेक संस्कृत विद्वानों पाणिनि, पिंंगल, पतञ्जली आदि की परीक्षा ली गई थी। वर्तमान समय में पटना में संग्रहालय, सचिवालय, उच्च न्यायालय, गोलघर, तारामंडल, जैविक उद्यान, मौर्य कालीन अवशेष, महावीर मंदिर, गुरुद्वारा आदि मुख्य दर्शनीय स्थल हैं।

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21. ‘पाटलिपुत्र वैभवम्’ पाठ के आधार पर पटना (पाटलिपुत्र) के वैभव पर प्रकाश डालें।
अथवा, पाटलिपुत्र की विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर: पाटलिपुत्र नगर प्राचीन काल (बुद्ध काल) से ही धर्म, राजनीति, और उद्योग के क्षेत्र में अपनी वैभवशाली परंपरा के लिए प्रसिद्ध रहा है। यह नगर प्राचीन काल से ही शिक्षा का केन्द्र रहा है। यहाँ अनेक संस्कृत विद्वानों पाणिनि, पिंंगल, पतञ्जली आदि की परीक्षा ली गई थी। यहाँ गंगा नदी के ऊपर बना महात्मा गाँधी सेतु एशिया महादेश का सबसे बड़ा पुल है। अभी पटना में संग्रहालय, सचिवालय, उच्च न्यायालय, गोलघर, तारामंडल, जैविक उद्यान, मौर्य कालीन अवशेष, महावीर मंदिर, गुरुद्वारा आदि प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
---------- इति समाप्तम् ----------

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