श्वसन जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 Question Answer in Hindi

Prabhakar
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कक्षा 10 अध्याय 2 Question Answer in Hindi
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श्वसन जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 Question Answer: Introduction

This article contains all VVI Question Answers (subjective) from Class 10th Biology Chapter-2 “Respiration”. These questions are of short-answer and long-answer type.


प्रिय विद्यार्थियों, बिहार बोर्ड जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 Question Answer के अन्तर्गत प्रकाशित इन सभी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़-पढ़ कर याद करने का प्रयास करें। याद हो जाने के पश्चात् इन्हें अपने नोटबुक में लिखना न भूलें।

तो चलिए आज हम सबसे पहले श्वसन अध्याय के लघु उत्तरीय प्रश्नों को पढ़ते हैं और तत्पश्चात दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।


Class 10th Biology Chapter 2 Question Answer (Short Answer Type)

In the annual board examination of Science subject, 8 short answer type questions are asked in Biology section, in which at least 1 question from the chapter “Respiration” is definitely included. Out of these 8 questions, only 4 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.


जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 Question Answer


1. श्वसन क्या है?
उत्तर:- श्वसन उन सभी प्रक्रियाओं का सम्मिलित रूप हैं जिनके द्वारा शरीर में ऊर्जा का उत्पादन होता है। इस प्रक्रिया में बाहरी वातावरण से ऑक्सीजन ग्रहण कर उसे शरीर की कोशिकाओं तक पहुँचाया जाता है। जहाँ इसका उपयोग कोशिकीय ईंधन (ग्लूकोज) का ऑक्सीकरण कर ऊर्जा के उत्पादन में किया जाता है। फिर इस प्रक्रिया में उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड को कोशिकाओं से शरीर के बाहर कर दिया जाता है।

2. श्वसन तथा श्वासोच्छवास में क्या अंतर है?
उत्तर:- श्वसन तथा श्वासोच्छवास में निम्नलिखित अंतर है –
श्वसन श्वासोच्छवास
1. यह एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है। 1. यह एक भौतिक प्रक्रिया है।
2. इसमें ऑक्सीजन भोजन के अणुओं से क्रिया करती है। 2. इसमें केवल गैसों का आदान-प्रदान होता है।
3. इसमें ऊर्जा मुक्त होती है। 3. इसमें कोई ऊर्जा मुक्त नहीं होती है।
4. यह कोशिका के माइटोकॉन्ड्रिया में होती है। 4. यह श्वसन-तंत्र में होती है।

3. श्वसन क्रिया को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों कहा जाता है?
उत्तर:- श्वसन क्रिया में ऑक्सीजन विशिष्ट एंजाइमों की उपस्थिति में भोजन के अणुओं (ग्लूकोज) से अभिक्रिया कर जल एवं कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण करता है। इस प्रक्रिया द्वारा ATP के रूप में ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसलिए श्वसन क्रिया को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहा जाता है।

4. श्वसन और दहन में दो अंतर लिखें।
उत्तर: श्वसन एवं दहन में दो अंतर है –
a. श्वसन एक स्वजैव नियंत्रित प्रक्रम है जबकि दहन एक अनियंत्रित प्रक्रम है।
b. श्वसन एक मंद प्रक्रिया है जबकि दहन एक तीव्र प्रक्रिया है।

5. हमारे शरीर में ऊर्जा का उत्पादन कैसे होता है?
उत्तर:- हमारे शरीर में ऊर्जा का उत्पादन श्वसन प्रक्रिया द्वारा पचे हुए भोज्य पदार्थों के भोजन-अणुओं के वायवीय या अवायवीय ऑक्सीकरण द्वारा होता है।

जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 प्रश्न उत्तर


6. ATP क्या है? इसे जैव-ऊर्जा क्यों कहा जाता है?
उत्तर:- हमारे शरीर में ऊर्जा एक विशेष प्रकार के यौगिक के रासायनिक बंधन में संग्रहित एवं संवाहित होती है, जिसे ATP कहा जाता है। चूँकि ATP का उत्पादन शरीर के अंदर जीवित कोशिकाओं में ही होता है, इसलिए इसे जैव-ऊर्जा भी कहा जाता है।

7. वायवीय श्वसन (ऑक्सी श्वसन) की क्रियाविधि को लिखें।
उत्तर:- वायवीय श्वसन (ऑक्सी श्वसन) की क्रियाविधि –
वायवीय श्वसन का प्रथम चरण कोशिकाद्रव्य में संपादित होता है। यहाँ ग्लूकोज तीन कार्बन वाले पायरूवेट अणु में विखंडित होता है और बहुत कम मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। द्वितीय चरण माइटोकॉन्ड्रिया में संपादित होता है। यहाँ ऑक्सीजन की उपस्थिति में पायरूवेट का विखंडन जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड में होता है। साथ-ही-साथ ऊर्जा मुक्त होती है।

8. अवायवीय श्वसन (अनॉक्सी श्वसन) की क्रियाविधि को लिखें।
उत्तर:- अवायवीय श्वसन (अनॉक्सी श्वसन) की क्रियाविधि –
अवायवीय श्वसन का प्रथम चरण कोशिकाद्रव्य में संपादित होता है। यहाँ ग्लूकोज तीन कार्बन वाले पायरूवेट अणु में विखंडित होता है और बहुत कम मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। इसके द्वितीय चरण में, ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में पायरूवेट का विखंडन इथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में होता है। साथ-ही-साथ ऊर्जा मुक्त होती है। इस प्रकार का श्वसन यीस्ट में होता है जिसे किण्वन कहा जाता है।

9. ग्लाइकोलाइसिस क्या है?
उत्तर:- कोशिकीय श्वसन का प्रथम चरण कोशिकाद्रव्य में संपादित होता है। यहाँ ग्लूकोज तीन कार्बन वाले पायरूवेट अणु में विखंडित होता है और बहुत कम मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस प्रक्रिया को ग्लाइकोलाइसिस कहा जाता है।

10. ग्लूकोज़ के ऑक्सीकरण से भिन्न जीवों में ऊर्जा प्राप्त करने के विभिन्न पथ क्या हैं?
उत्तर:- ग्लूकोज़ के ऑक्सीकरण से ऊर्जा प्राप्त करने का प्रथम चरण भिन्न जीवों में एकसमान होता है। इस चरण में, जीवित कोशिका के कोशिकाद्रव्य में ग्लूकोज के ऑक्सीकरण से पायरूवेट का निर्माण होता है और अल्प मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न होती है। दुसरा चरण भिन्न जीवों में भिन्न-भिन्न होता है। यीस्ट में ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में पायरूवेट का विखंडन इथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में होता है। हमारी पेशी कोशिकाओं में ऑक्सीजन के अभाव में पायरूवेट का विखंडन लैक्टिक अम्ल में होता है और माइटोकॉन्ड्रिया में ऑक्सीजन की उपस्थिति में पायरूवेट का विखंडन कार्बन डाइऑक्साइड और जल में होता है। साथ-ही-साथ ऊर्जा उत्पन्न होती है।

जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 के महत्वपूर्ण प्रश्न


11. किण्वन किस प्रकार का श्वसन है? यह कहाँ होता है?
उत्तर:- किण्वन एक प्रकार का अवायवीय श्वसन है। इस प्रक्रिया में पहले ग्लूकोज का विखंडन पायरूवेट में होता है। इसके पश्चात पायरूवेट इथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है। इस प्रकार का श्वसन यीस्ट में होता है।

12. दौड़ते समय हमारी मांसपेशियों में उत्पन्न दर्द का कारण क्या है?
उत्तर:- दौड़ते समय हमारी पेशी कोशिकाओं में ऑक्सीजन का अभाव हो जाता है जिससे वहाँ ग्लूकोज के विघटन से प्राप्त प्रथम उत्पाद पायरूवेट विखंडित हो कर लैक्टिक अम्ल का निर्माण करता है। इसी लैक्टिक अम्ल के संचय से हमारी मांसपेशियों में दर्द उत्पन्न होता है।

13. पौधों में श्वसन के लिए गैसों का आदान-प्रदान किस प्रकार से होता है?
अथवा, रंध्र तथा वातरंध्र की श्वसन में क्या भूमिका है?
उत्तर:- पौधों में श्वसन के लिए गैसों का आदान-प्रदान रंध्रों तथा वातरंध्रों द्वारा विसरण क्रिया से होता है। पौधे पत्तियों में उपस्थित रंध्रों, पुराने वृक्षों के तना की कड़ी त्वचा पर स्थित वातरंध्रों एवं अंतरकोशिकीय स्थानों और जड़ों से निकले मूलरोमों द्वारा वायुमंडल से ऑक्सीजन युक्त वायु ग्रहण करते हैं और श्वसन के पश्चात CO₂ गैस वायुमंडल में मुक्त करते हैं।

14. पौधों की श्वसन क्रिया जंतुओं के श्वसन क्रिया से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर:- पौधों की श्वसन क्रिया जंतुओं के श्वसन क्रिया से निम्न प्रकार भिन्न है –
पौधों में श्वसन जंतुओं में श्वसन
1. पौधों में प्रत्येक भाग, अर्थात जड़, तना और पत्तियों से श्वसन के लिए गैसों का आदान-प्रदान होता है। 1. जंतुओं में श्वसन के लिए गैसों का आदान-प्रदान के लिए एक विशेष अंग होता है।
2. पौधों में श्वसन गैसों का परिवहन नहीं होता है। 2. जंतुओं में श्वसन गैसों का परिवहन होता है।
3. जंतुओं की अपेक्षा पौधों की श्वसन गति धीमी होती है। 3. पौधों की अपेक्षा जंतुओं की श्वसन गति तेज होती है।

15. स्थलीय जीव और जलीय जीव, श्वसन क्रिया के लिए किस प्रकार ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं?
उत्तर: स्थलीय जीव श्वसन क्रिया के लिए नासिका छिद्र, श्वासनली एवं फेफड़ा है और ये वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। जबकि जलीय जीव श्वसन क्रिया के लिए गिल्स का उपयोग करते हैं। गिल्स विशेष प्रकार के श्वसन अंग है जो जल में घुलित ऑक्सीजन का उपयोग श्वसन के लिए करते हैं।

Biology Class 10 Chapter 2 Question Answer


16. मछली, मच्छर, केंचुआ और मनुष्य के मुख्य श्वसन अंगों के नाम लिखें।
उत्तर: मछली के श्वसन अंग का नाम गलफड़ है। मच्छर के श्वसन अंग का नाम ट्रैकिया है। केंचुआ के श्वसन अंग का नाम त्वचा है। मनुष्य के श्वसन अंग का नाम फेफड़ा है।

17. श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद है?
उत्तर:- जलीय जीव श्वसन के लिए जल में घुली हुई ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं जबकि स्थलीय जीव वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन का। जल में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम होती है। इसके अलावा स्थलीय जीवों में ऑक्सीजन ग्रहण करने वाले अंग का सतही क्षेत्रफल अपेक्षाकृत अधिक होती है जो श्वसन प्रक्रिया को आसान बनाती है। इस प्रकार श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव लाभप्रद है।

18. मनुष्यों में ऑक्सीजन किस प्रकार अवशोषित होती है?
उत्तर:- मनुष्य में ऑक्सीजन युक्त वायु नासाद्वार के द्वारा शरीर के अंदर जाती है। नासाद्वार में श्लेष्मा द्वारा वायु से धूल और अन्य अशुद्धियों को निस्यंदित कर लिया जाता है। यहाँ से वायु कंठ द्वारा फेफड़ा में प्रवाहित होती है। फेफड़े में अनेक छोटी-छोटी नलिकाएँ होती है जिसके अंत में गुब्बारे जैसी रचना होती है। इन्हें कूपिका कहते हैं। जब हम श्वास अंदर लेते हैं तब हमारी पसलियाँ ऊपर उठती हैं और डायाफ्राम चपटा हो जाता है। इससे वक्षगुहिका बड़ी हो जाती है। इस कारण वायु फेफड़े के भीतर अवशोषित हो जाती है और विस्तृत कूपिकाओं में भर जाती है।

19. गैसों के अधिकतम विनिमय के लिए कूपिकाएँ किस प्रकार अभिकल्पित हैं?
अथवा, गैसों के विनिमय के लिए मानव-फुफ्फुस में अधिकतम क्षेत्रफल को कैसे अभिकल्पित किया है?
उत्तर:- मानव-फुफ्फुस (फेफड़ा) में अनेक छोटी-छोटी नलिकाएँ होती है जिसके अंत में गुब्बारे जैसी रचना होती है। इन्हें कूपिका कहते हैं। यदि इन कूपिकाओं की सतह को फैला दिया जाए तो यह लगभग 80 वर्ग मीटर के क्षेत्र को ढँक लेंगी। इस तरह गैसों के विनिमय के लिए मानव-फुफ्फुस में कूपिकाएँ एक विस्तृत सतह उपलब्ध कराती हैं।

20. मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कैसे होता है?
अथवा, मनुष्यों में श्वसन गैसों का परिवहन कैसे होता है?
उत्तर:- मनुष्यों में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन लाल रक्त कोशिकाओं में उपस्थित हीमोग्लोबिन द्वारा होता है। हीमोग्लोबिन में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अस्थायी यौगिक बनाने की क्षमता होती है। हमारे शरीर में ऑक्सीजन का परिवहन ऑक्सीहीमोग्लोबिन के रूप में फेफड़े से शरीर के विभिन्न कोशिकाओं तक तथा कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन के रूप में विभिन्न कोशिकाओं से फेफड़े तक होता है।

21. बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण क्यों अपर्याप्त है?
उत्तर:- विसरण एक धीमी प्रक्रिया है। उदाहरण के लिए, यदि मनुष्य के शरीर के विभिन्न भागों में विसरण द्वारा ऑक्सीजन पहुँचाया जाए तो फेफड़े से ऑक्सीजन के एक अणु को पैर की अंगुली तक पहुँचने में अनुमानतः 3 वर्ष का समय लगेगा। इसलिए बहुकोशिकीय जीवों में ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी करने में विसरण अपर्याप्त है।

श्वसन जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 Question Answer


22. हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के क्या परिणाम हो सकते हैं?
उत्तर:- हीमोग्लोबिन हमारे शरीर में ऑक्सीजन वाहक का काम करता है। यदि हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाएगी तो शरीर के विभिन्न भागों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुँच सकेगी। इसके परिणामस्वरूप भोजन का पूर्ण रूप से ऑक्सीकरण नहीं हो पाएगा जिससे ऊर्जा का उत्पादन कम हो जाएगा। इससे शारीरिक कमजोरी बढ़ जाएगी।

23. श्वसन और प्रकाश-संश्लेषण में अंतर स्पष्ट कर करें।
उत्तर:- श्वसन और प्रकाश -संश्लेषण में निम्नलिखित अंतर है –
श्वसन प्रकाश -संश्लेषण
1. यह सभी सजीवों में अनिवार्य रूप से होता है। 1. यह केवल पादपों में होता है।
2. इसमें ऑक्सीजन का अवशोषण और कार्बन डाइऑक्साइड का निष्कासन होता है। 2. इसमें कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण और ऑक्सीजन का निष्कासन होता है।
3. इस प्रक्रिया द्वारा जीव ऊर्जा का निर्माण करते है। 3. इस प्रक्रिया द्वारा पादप भोजन का निर्माण करते है।
4. इस प्रक्रिया के लिए सूर्य का प्रकाश आवश्यक नहीं है। 4. इस प्रक्रिया के लिए सूर्य का प्रकाश आवश्यक है।

24. अत्यधिक व्यायाम के दौरान खिलाड़ी के शरीर में क्रैंप होने लगता है। क्यों?
उत्तर:- अत्यधिक व्यायाम से खिलाड़ियों की मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है जिससे ग्लूकोज के विघटन से प्राप्त प्रथम उत्पाद पायरूवेट का विखंडन लैक्टिक अम्ल में हो जाता है। इसी लैक्टिक अम्ल के मांसपेशियों में एकत्रित होने के अत्यधिक व्यायाम के दौरान खिलाड़ी के शरीर में क्रैंप होने लगता है।

25. बाह्य श्वसन क्या है?
उत्तर:- बाह्य श्वसन बाहरी वातावरण के साथ गैसों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में पर्यावरण से ऑक्सीजन को अंदर ग्रहण करना और कार्बन डाइऑक्साइड को शरीर से बाहर निकालना शामिल है। बाह्य श्वसन की प्रक्रिया मनुष्यों में फेफड़ों, मछलियों में गलफड़ों, कीटों में श्वासनली और केंचुआ जैसे जीवों में शरीर की सतह के माध्यम से संपन्न होती है।

26. आंतरिक श्वसन क्या है?
उत्तर:- आंतरिक श्वसन रक्त और शरीर की कोशिकाओं के बीच गैसों (ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड) के आदान-प्रदान की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में रक्त के हीमोग्लोबिन द्वारा ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के विभिन्न भागों में कोशिकाओं तक पहुँचाया जाता है और कोशिकाओं से कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करके फेफड़ों में वापस लाया जाता है।

27. कोशिकीय श्वसन क्या है?
उत्तर:- कोशिकीय श्वसन वह प्रक्रिया है जिसमें कोशिकाएँ रक्त से ऑक्सीजन ग्रहण करके ग्लूकोज का ऑक्सीकरण कर ऊर्जा का उत्पादन करती है। साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड उत्पन्न होता है। इसके प्रथम चरण में ग्लूकोज तीन कार्बन वाले पायरूवेट अणु में विखंडित होता है। द्वितीय चरण में, ऑक्सीजन की उपस्थिति में पायरूवेट का विखंडन जल तथा कार्बन डाइऑक्साइड में होता है। साथ-ही-साथ ऊर्जा मुक्त होती है जबकि ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में पायरूवेट का विखंडन इथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में होता है। साथ-ही-साथ ऊर्जा मुक्त होती है।

यहाँ पर श्वसन अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन सभी प्रश्नों को समझ गए होंगे और याद भी कर लिए होंगे। इन्हें अपने नोटबुक में लिखने का प्रयास करें।

अब हम श्वसन अध्याय के महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे।


Class 10 Biology Chapter 2 Question Answer (Long Answer Type)

In the annual board examination of Science subject, 2 long answer type questions are asked in Biology section, in which 1 question may be from the chapter “Respiration”. Out of these 2 questions, only 1 question has to be answered and 5 marks are fixed for each of these questions.


जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 नोट्स


1. वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में क्या अंतर हैं? कुछ जीवों के नाम लिखिए जिनमें अवायवीय श्वसन होता है।
उत्तर:- वायवीय तथा अवायवीय श्वसन में अंतर –
वायवीय श्वसन अवायवीय श्वसन
1. यह ऑक्सीजन की उपस्थिति में होती है। 1. यह ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होती है।
2. इसका पहला चरण कोशिकाद्रव्य में और दूसरा चरण माइटोकॉन्ड्रिया में संपादित होता है। 2. यह कोशिकाद्रव्य में ही पूर्ण हो जाती है।
3. इस क्रिया में ग्लूकोज का पूर्ण ऑक्सीकरण होता है। 3. इस क्रिया में ग्लूकोज का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है।
4. इस क्रिया में अधिक ऊर्जा मुक्त होती है। 4. इस क्रिया में अपेक्षाकृत कम ऊर्जा मुक्त होती है।
5. इसके अंतिम उत्पाद CO₂ और H₂O होते हैं। 5. इसके अंतिम उत्पाद इथेनॉल या लैक्टिक अम्ल और CO₂ होते हैं।
विभिन्न प्रकार के कवक, जीवाणुओं और गूदेदार फलों में अवायवीय श्वसन होता है।

2. मानव श्वसन तंत्र का नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर:-
मानव श्वसन तंत्र का नामांकित चित्र

3. मछली की श्वसन क्रिया को लिखें।
उत्तर:- मछलियाँ जल में घुलित ऑक्सीजन का उपयोग श्वसन के लिए करते हैं। इसके लिए वे एक विशेष प्रकार के श्वसन अंग गिल्स का उपयोग करती हैं। प्रत्येक मछली में गिल्स दो समूहों में पाए जाते हैं। प्रत्येक समूह में कई गिल्स आगे से पीछे की ओर श्रृंखलाबद्ध तरीके से व्यवस्थित होते हैं। मछलियाँ अपने मुँह के द्वारा जल लेती है और बलपूर्वक इसे क्लोम तक पहुँचाती है। इस प्रकार, गिल्स लगातार जल के संपर्क में रहते है। यहाँ जल में घुले ऑक्सीजन गिल्स की रक्त वाहिनियों में स्थित रक्त में चला जाता है जिसका उपयोग भोजन-अणुओं के ऑक्सीकरण में होता है। श्वसन क्रिया में बना कार्बन डाइऑक्साइड रक्त से जल में चला जाता है जिसे मछलियाँ अपने गलफड़ों द्वारा शरीर के बाहर कर देती है। इस प्रकार श्वसन गैसों का आदान-प्रदान रक्त और जल के बीच विसरण के द्वारा होता रहता है।

जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 2 नोट्स PDF


4. मानव की श्वसन प्रक्रिया को लिखें।
उत्तर:- मनुष्य में ऑक्सीजन युक्त वायु नासाद्वार के द्वारा शरीर के अंदर जाती है। नासाद्वार में श्लेष्मा द्वारा वायु से धूल और अन्य अशुद्धियों को निस्यंदित कर लिया जाता है। यहाँ से वायु कंठ द्वारा फेफड़ा में प्रवाहित होती है। फेफड़े में अनेक छोटी-छोटी नलिकाएँ होती है जिसके अंत में गुब्बारे जैसी रचना होती है। इन्हें कूपिका कहते हैं। जब हम श्वास अंदर लेते हैं तब हमारी पसलियाँ ऊपर उठती हैं और डायाफ्राम चपटा हो जाता है। इससे वक्षगुहिका बड़ी हो जाती है। इस कारण वायु फेफड़े के भीतर अवशोषित हो जाती है और विस्तृत कूपिकाओं में भर जाती है। यहाँ ऑक्सीजन रक्त के हीमोग्लोबिन के साथ संयोग कर एक अस्थायी यौगिक ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाता है जिसे ह्रदय द्वारा शरीर के विभिन्न भागों में पंप कर दिया जाता है। रक्त परिसंचरण द्वारा ऑक्सीहीमोग्लोबिन को विभिन्न कोशिकाओं तक पहुँचाया जाता है। यहाँ हीमोग्लोबिन और ऑक्सीजन अलग हो जाते हैं। ऑक्सीजन भोजन के अणुओं को ऑक्सीकृत कर कार्बन डाइऑक्साइड और ऊर्जा का निर्माण करता है। श्वसन प्रक्रिया में उत्पन्न कार्बन डाइऑक्साइड हीमोग्लोबिन के साथ संयोग कर कार्बोक्सीहीमोग्लोबिन बनाता है जो रक्त परिसंचरण द्वारा ह्रदय में फिर फेफड़े में पहुँचता है। यहाँ कार्बन डाइऑक्साइड को अलग कर नासिका द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।

5. श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव किस प्रकार लाभप्रद है?
उत्तर:- जलीय जीव श्वसन के लिए जल में घुली हुई ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। जल में घुली हुई ऑक्सीजन की मात्रा वायु में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा की तुलना में बहुत कम होती है। इसलिए जलीय जीवों के श्वसन की दर स्थलीय जीवों की अपेक्षा अधिक तेज होती है। मछलियाँ अपने मुँह के द्वारा जल लेती है और बलपूर्वक इसे क्लोम तक पहुँचाती है। वहाँ जल में घुली हुई ऑक्सीजन को रुधिर प्राप्त कर लेता है। इस प्रकार मछलियों में ऑक्सीजन का अवशोषण एक कठिन प्रक्रिया है। जबकि स्थलीय जीव श्वसन के लिए वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं। विभिन्न स्थलीय जीवों में ऑक्सीजन को ग्रहण करने के लिए भिन्न-भिन्न अंग होते हैं। सभी अंगों में एक रचना होती है जो ऑक्सीजन बाहुल्य वायुमंडल के संपर्क में रहने वाले सतही क्षेत्रफल को बढ़ाती है और श्वसन प्रक्रिया को आसान बनाती है। इस प्रकार श्वसन के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करने की दिशा में एक जलीय जीव की अपेक्षा स्थलीय जीव लाभप्रद है।

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