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आनुवंशिकता एवं जैव विकास Class 10 Biology Chapter 7 Question Answer: Introduction
This article contains all VVI Question Answers (Subjective) from Class 10th Biology Chapter-7 “Heredity and Biological Evolution”. These questions are of short-answer and long-answer type.
प्रिय विद्यार्थियों, बिहार बोर्ड जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 7 Question Answer के अन्तर्गत प्रकाशित इन सभी महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़-पढ़ कर याद करने का प्रयास करें। याद हो जाने के पश्चात् इन्हें अपने नोटबुक में लिखना न भूलें।
तो चलिए आज हम सबसे पहले ‘आनुवंशिकता एवं जैव विकास’ पाठ के लघु उत्तरीय प्रश्नों को पढ़ते हैं और तत्पश्चात दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।
Class 10th Biology Chapter 7 Question Answer (Short Answer Type)
In the annual board examination of Science subject, 8 short answer type questions are asked in Biology section, in which at least 1 question from the chapter “Heredity and Biological Evolution” is definitely included. Out of these 8 questions, only 4 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.
जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 7 Question Answer
1. गुणों का संचरण एक से दूसरी पीढ़ी में कैसे होता है?
उत्तर:- आनुवंशिकता के द्वारा गुणों का संचरण एक से दूसरी पीढ़ी में होता है। इस प्रक्रिया में माता-पिता के जीन संतानों में स्थानांतरित होते हैं, जिससे उनके गुण भी संतानों में स्थानांतरित हो जाते हैं। DNA इन आनुवंशिक गुणों का वाहक होता है।
2. आनुवंशिक गुण से आप क्या समझते है?
उत्तर:- ऐसे गुण जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी संचारित होते हैं, उन्हें आनुवंशिक गुण कहते हैं। आनुवंशिक गुण DNA के द्वारा जनक से संततियों में स्थानांतरित होते हैं। अतः आनुवंशिक गुण ऐसे गुण हैं जो संततियों को विरासत में मिलती है।
3. DNA आनुवंशिकता का आधार है, कैसे?
उत्तर:- DNA आनुवंशिक गुणों को संग्रहीत करता है और इसे प्रजनन के माध्यम से अगली पीढ़ी तक पहुँचाता है। इसलिए DNA को आनुवंशिकता का आधार माना जाता है।
4. विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज का अस्तित्व किस प्रकार बढ़ जाता है?
उत्तर:- विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज के कुछ सदस्यों को बदलती पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल होने में मदद मिलती है, जिससे वे इन परिस्थितियों में जीवित रह पाते हैं। इस प्रकार विभिन्नताओं के उत्पन्न होने से किसी स्पीशीज का अस्तित्व बढ़ जाता है।
5. मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?
उत्तर:- मेंडल ने दो विभिन्न लक्षणों वाले पौधों जैसे– लंबे पौधे और बौने पौधे के बीच संकरण कराया। इनसे उत्पन्न सभी पौधे लंबे थे। इनमें से कोई भी पौधा बौना या बीच की लंबाई का नहीं था। इस प्रकार मेंडल के प्रयोगों द्वारा पता चला कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं।
जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 7 प्रश्न उत्तर
6. मेंडेल ने अपने प्रयोगों के लिए मटर का पौधा ही क्यों चुना?
उत्तर:- निम्न गुणों के कारण मेंडेल ने अपने प्रयोगों के लिए मटर का पौधा चुना।
(क) मटर का पौधा उगाना आसान है
(ख) इसका जीवन काल छोटा होता है।
(ग) मटर के पौधे के लक्षणों जैसे– पीला/हरा, गोल/झुर्रीदार, लंबा/बौना को आसानी से पहचाने जा सकते हैं।
(घ) मटर के फुल बड़े आकार के होते हैं।
(ङ) मटर के फुल स्वपरागित हो जाते हैं।
7. संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है।
उत्तर:- लैंगिक जनन में युग्मक निर्माण के अर्ध-सूत्री विभाजन के दौरान युग्मक को गुणसूत्रों के प्रत्येक जोड़े में से एक गुणसूत्र प्राप्त होता है। अतः नर एवं मादा दोनों युग्मकों में गुणसूत्रों की आधी संख्या होती है। इन दोनों युग्मकों के संगलन से उत्पन्न संतति में गुणसूत्रों की संख्या पूरी हो जाती है। इस प्रक्रिया में संतति को दोनों जनकों से समान संख्या में गुणसूत्र प्राप्त होते है, जिससे संतति के डी.एन.ए. में दोनों जनकों का समान रूप से योगदान होता है। इस प्रकार संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है।
8. मानव में बच्चे का लिंग निर्धारण कैसे होता है?
उत्तर:- मानव में बच्चे का लिंग आनुवंशिक आधार पर होता है। यह पिता से प्राप्त X गुणसूत्र या Y गुणसूत्र पर निर्भर करता है। यदि बच्चे को पिता से X गुणसूत्र वंशानुगत होता है तो वह लड़की होगी और यदि बच्चे को पिता से Y गुणसूत्र वंशानुगत होता है तो वह लड़का होगा।
9. क्या माँ का आनुवंशिक संयोजन की हाल ही जन्मे बच्चे के लिंग निर्धारण में कोई महत्वपूर्ण भूमिका होती है?
उत्तर:- नहीं, माँ का आनुवंशिक संयोजन की हाल ही जन्मे बच्चे के लिंग निर्धारण में कोई भूमिका नहीं होती है। क्योंकि, माँ के पास ‘XX’ लिंग गुणसूत्र होते हैं। अतः बच्चे को माँ से हमेशा X-गुणसूत्र ही प्राप्त होता है।
10. स्त्रियों में बनने वाले सभी युग्मकों में एक X गुणसूत्र क्यों होता है?
उत्तर:- स्त्रियों में दो X-गुणसूत्र होते हैं जिन्हें लिंग-गुणसूत्र कहते हैं। युग्मक-निर्माण के अर्धसूत्री विभाजन के दौरान एक-एक X-गुणसूत्र प्रत्येक मादा युग्मक में पहुँच जाता है। अतः स्त्रियों में बनने वाले सभी युग्मकों में एक-एक X गुणसूत्र होता है।
Biology Class 10 Chapter 7 Question Answer in Hindi
11. मानवों में नर अथवा मादा बच्चे के पैदा होने की सांख्यिकीय संभावना 50 : 50 होती है। उपयुक्त व्याख्या कीजिए।
उत्तर:- एक बालक का लिंग निर्धारण नर युग्मक से प्राप्त होने वाले लिंग-गुणसूत्र से होता है। चूँकि X-गुणसूत्र और Y-गुणसूत्र वाले नर युग्मकों का अनुपात 50 : 50 होता है, अतः लड़का अथवा लड़की होने की सांख्यिकीय संभावना भी 50 : 50 होती है।
12. जैव विकास का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:- जैव विकास (Biological evolution) का तात्पर्य एक ऐसी प्रक्रिया से है, जिसके अंतर्गत जीवों में पीढ़ी दर पीढ़ी क्रमिक परिवर्तन होता है। इसके कारण समय के साथ सरल जीवों से जटिल जीवों का विकास होता है, जीवों की प्रजातियों में बदलाव आता है और नई प्रजातियाँ बनती हैं। यह एक धीमी प्रक्रिया है जिसमें उत्परिवर्तन, प्राकृतिक चयन और आनुवंशिक विचलन जैसे कारकों की भूमिका होती हैं।
13. जैव-विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्र किस प्रकार परस्पर संबंधित है?
उत्तर:- जैव-विकास समय के साथ सरल जीवों से जटिल जीवों के विकास को दर्शाता है। यह जीवों में पीढ़ी दर पीढ़ी क्रमिक परिवर्तन द्वारा विभिन्न स्पीशीज के बीच विकासीय संबंध को दर्शाता है। वहीं जीवों में वर्गीकरण का अध्ययन उन में विद्यमान समानताओं और भेदों के आधार पर किया जाता है, जो जैव-विकास का ही प्रतिफल है। इस प्रकार जैव-विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्र परस्पर संबंधित है।
14. वे कौन से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है?
उत्तर:- प्राकृतिक चयन और पारिस्थितिक अनुकूलन ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है।
15. वंशागत और उपार्जित लक्षणों के बीच अंतर बताइए। प्रत्येक का एक-एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:- जनकों से संतति तक पहुँचने वाले लक्षण वंशागत लक्षण होते हैं। उदाहरण के लिए बीजों का रंग, नेत्र का रंग।
एक व्यष्टि के जीवन-काल में बनने वाले लक्षण उपार्जित लक्षण होते हैं जो अगली पीढ़ी में संचारित नहीं होते। उदाहरण के लिए मोटापा, दुर्घटना में उँगली का कट जाना।
जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 7 के महत्वपूर्ण प्रश्न
16. एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यतः अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते। क्यों?
उत्तर:- एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण उसके जनन कोशिकाओं के DNA में कोई परिवर्तन नहीं कर पाता है, इसलिए एक एकल जीव द्वारा उपार्जित लक्षण सामान्यतः अगली पीढ़ी में वंशानुगत नहीं होते।
17. बाघों की संख्या में कमी आनुवंशिकता के दृष्टिकोण से चिंता का विषय क्यों है।
उत्तर:- बाघों की संख्या में कमी आनुवंशिकता के दृष्टिकोण से एक गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि इससे बाघ समष्टि में आनुवंशिक विभिन्नता में कमी आ सकती है, जिससे वे बदलते पर्यावरण के प्रति कम अनुकूल हो सकते हैं और विलुप्त होने के खतरे में पड़ सकते हैं।
18. किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है?
उत्तर:- 1953 में स्टेनली मिलर और हेरोल्ड उरे ने एक प्रयोग, जिसमें प्राचीन पृथ्वी के समान वातावरण बनाया गया था, द्वारा दिखाया कि अकार्बनिक पदार्थों से सरल कार्बनिक अणु, जैसे कि अमीनो एसिड बनाए जा सकते हैं। इन अणुओं से ही बाद में जटिल कार्बनिक अणु, जैसे कि प्रोटीन, का निर्माण हुआ होगा, जो जीवन का आधार हैं। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है।
19. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर:- अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं। क्योंकि, लैंगिक जनन में दो अलग-अलग जीवों के आनुवंशिक पदार्थों का संयोजन होता है, जिससे संतति में अधिक आनुवंशिक विविधता उत्पन्न होती है और ये पीढ़ी-दर-पीढ़ी संयोजित होती रहती हैं। ये विभिन्नताएँ लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों के विकास को प्रभावित करती है, जिससे उन्हें बदलते पर्यावरण में जीवित रहने और अनुकूलित होने में मदद मिलती है। ये विभिन्नताएँ पीढ़ी-दर-पीढ़ी संयोजित होकर नयी स्पीशीज के उद्भव में भी सहायक होती है।
20. वे कौन से कारक हैं जो नयी स्पीशीज के उद्भव में सहायक हैं?
उत्तर:- भौगोलिक विचलन, प्राकृतिक चयन, आनुवंशिक विचलन, डी. एन. ए. में परिवर्तन ऐसे कुछ कारक हैं जो नयी स्पीशीज के उद्भव में सहायक हैं।
आनुवंशिकता एवं जैव विकास पाठ के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
21. क्या भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारण हो सकता है? क्यों या क्यों नहीं?
उत्तर:- नहीं, भौगोलिक पृथक्करण स्वपरागित स्पीशीज के पौधों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारण नहीं हो सकता है। क्योंकि स्वपरागित स्पीशीज के पौधों में जीन प्रवाह एक ही समष्टि के भीतर सीमित होता है। इसलिए भौगोलिक पृथक्करण का इस पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता है।
22. क्या भौगोलिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति उद्भव का प्रमुख कारक हो सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर:- नहीं, भौगोलिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति उद्भव का प्रमुख कारक नहीं हो सकता है। क्योंकि अलैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न संतति में परस्पर बहुत कम अंतर होता है और समानताएँ बहुत अधिक होती हैं। जो थोड़ी बहुत विभिन्नता होती है, वह केवल DNA प्रतिकृति बनने के समय न्यून त्रुटियों के कारण होती है।
23. अपेक्षाकृत बड़ी समष्टि की अपेक्षा, बहुत छोटी समष्टि के विलुप्त हो जाने के खतरे अधिक होते हैं। इसकी उपयुक्त आनुवंशिक व्याख्या कीजिए।
उत्तर:- किसी स्पीशीज की केवल कुछेक व्यष्टियों में व्यापक अंतःप्रजनन की संभावना होती है। इसलिए बहुत छोटी समष्टि वाले स्पीशीज में विविधताओं की संभावना सीमित हो जाती हैं, जिससे वह समष्टि पर्यावरण में परिवर्तन होने की स्थितियों का सामना करने में असमर्थ होती हैं, अतः वे विलुप्त हो सकती हैं। इस प्रकार हम देखते हैं कि अपेक्षाकृत बड़ी समष्टि की अपेक्षा, बहुत छोटी समष्टि के विलुप्त हो जाने के खतरे अधिक होते हैं।
24. उन अभिलक्षणों का एक उदाहरण दीजिए जिनका उपयोग हम दो स्पीशीज के विकासीय संबंध निर्धारण के लिए करते हैं?
उत्तर:- किन्हीं दो स्पीशीज के प्राणियों के ऐसे अंग जो अपने वातावरण के अनुसार भिन्न-भिन्न कार्यों का संपादन करते हैं, परंतु उनकी आधारभूत संरचना एक समान होती है, तो उन्हें समजात अंग कहते हैं। इस समजात अभिलक्षण का उपयोग हम दो स्पीशीज के विकासीय संबंध निर्धारण के लिए करते हैं।
25. समजात अंग की परिभाषा उदाहरण के साथ दें।
उत्तर:- दो अलग-अलग प्राणियों के ऐसे अंग जो संरचना और उत्पत्ति की दृष्टि से तो एक समान होते हैं, परंतु अपने वातावरण के अनुसार वह भिन्न-भिन्न कार्यों का संपादन करते हैं, समजात अंग कहलाते हैं। उदाहरण – बिल्ली तथा मनुष्य के अग्रपाद।
Class 10 Science Chapter 9 Question Answer in Hindi
26. समजात अंग एवं समरूप अंग से आप क्या समझाते है?
उत्तर:- दो अलग-अलग प्राणियों के ऐसे अंग जो संरचना और उत्पत्ति की दृष्टि से तो एक समान होते हैं, परंतु अपने वातावरण के अनुसार वह भिन्न-भिन्न कार्यों का संपादन करते हैं, समजात अंग कहलाते हैं। जैसे– बिल्ली तथा मनुष्य के अग्रपाद। ऐसे अंग जो संरचना और उत्पत्ति की दृष्टि से एक-दूसरे भिन्न होते हैं, परंतु एक ही प्रकार का कार्य करते हैं, समरूप अंग कहलाते हैं। जैसे– पक्षी एवं चमगादड़ के पंख।
27. क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है? क्यों अथवा क्यों नहीं?
उत्तर:- नहीं, एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि इन दोनों के पंख उड़ने में सहायता तो करते हैं परंतु इनकी आधारभूत संरचना भिन्न होती है।
28. जीवाश्म क्या हैं? वे जैव-विकास प्रक्रम के विषय में क्या दर्शाते हैं?
उत्तर:- जीवाश्म करोड़ों वर्षों तक पृथ्वी के गहरे सतह में दबे हुए पौधों और पशुओं के अवशेष हैं। इनके अध्ययन से विभिन्न स्पीशीज के जीवों के बीच विकासीय संबंध को जाना जा सकता है। वे जैव-विकास प्रक्रम के विषय में यह दर्शाते हैं कि समय के साथ जीवों में कैसे बदलाव आया है, कैसे नयी स्पीशीज उत्पन्न हुई और कुछ प्रजातियाँ कैसे विलुप्त हो गईं।
29. विकासीय संबंध स्थापित करने में जीवाश्म का क्या महत्त्व है?
उत्तर:- विकासीय संबंध स्थापित करने में जीवाश्म का विशेष महत्त्व है। जीवाश्म के अध्ययन से विभिन्न स्पीशीज के जीवों के बीच विकासीय संबंध को जाना जा सकता है। साथ ही यह भी पता लगाया जा सकता है कि समय के साथ जीवों में कैसे बदलाव आया है, कैसे नयी स्पीशीज उत्पन्न हुई और कुछ प्रजातियाँ कैसे विलुप्त हो गईं।
30. जीवाश्मों की उन तीन महत्त्वपूर्ण लक्षणों की चर्चा कीजिए जो विकास का अध्ययन करने में मदद करते हैं।
उत्तर:- जीवाश्मों के निम्नलिखित तीन लक्षण विकास का अध्ययन करने में मदद करते हैं –
(क) जीवाश्म प्राचीन स्पीशीज के परिरक्षण की विधियों का निरूपण करते हैं।
(ख) जीवाश्मों से जीवों और उनके पूर्वजों के बीच विकासीय विशेषकों (लक्षणों) को स्थापित करने में सहायता मिलती है।
(ग) जीवाश्मों से उस समय-काल का पता लगाने में सहायता मिलती है जिसमें वे जीव पाए जाते थे।
Heredity and Biological Evolution Biology Class 10 Chapter 7
31. रेडियोकार्बन काल-निर्धारण क्या है?
उत्तर:- रेडियोकार्बन काल-निर्धारण जीवाश्म की आयु ज्ञात करने का वैज्ञानिक तरीका है, जो कार्बन-14 नामक रेडियोधर्मी समस्थानिक के क्षय पर आधारित है। इस विधि में जीवाश्म में उपस्थित कार्बन-14 समस्थानिक की मात्रा को मापकर यह अनुमान लगाया जाता है कि जीवाश्म कितना पुराना है।
32. आण्विक जातिवृत से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:- DNA अनुक्रम के तुलनात्मक अध्ययन द्वारा किसी जीव के पूर्वजों की खोज आण्विक जातिवृत कहलाता है।
33. क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं?
उत्तर:- आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं, क्योंकि इनकी शारीरिक संरचना, अंगों का संगठन, क्रियाविधि एकसमान है। इनमें गुणसूत्रों की संख्या भी समान है। इनका डी.एन.ए. भी काफी मिलता-जुलता है। आकृति, आकार, रंग-रूप में भिन्नताएँ आभासी है जो मात्र भौगौलिक विचलन का परिणाम है।
34. विकास के आधार पर क्या आप बता सकते हैं कि जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी में किसका शारीरिक अभिकल्प उत्तम है? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:- विकास के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता है कि जीवाणु, मकड़ी, मछली तथा चिम्पैंजी में से किसका शारीरिक अभिकल्प उत्तम है। क्योंकि प्रत्येक जीव अपने विशिष्ट वातावरण में जीवित रहने और प्रजनन करने के लिए अनुकूलित है। किसी एक जीव के शारीरिक अभिकल्प को दूसरे से बेहतर कहना उचित नहीं है।
यहाँ पर आनुवंशिकता एवं जैव विकास अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न उत्तर समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन सभी प्रश्नों को समझ गए होंगे और याद भी कर लिए होंगे। इन्हें अपने नोटबुक में लिखने का प्रयास करें।
अब हम आनुवंशिकता एवं जैव विकास अध्याय के महत्वपूर्ण दीर्घ उत्तरीय प्रश्न उत्तर को पढ़ेंगे।
Class 10 Biology Chapter 7 Question Answer (Long Answer Type)
In the annual board examination of Science subject, 2 long answer type questions are asked in Biology section, in which 1 question may be from the chapter “Heredity and Biological Evolution”. Out of these 2 questions, only 1 question has to be answered and 5 marks are fixed for each of these questions.
जीव विज्ञान कक्षा 10 अध्याय 7 नोट्स
1. मेंडल के प्रयोगों द्वारा कैसे पता चला कि विभिन्न लक्षण स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं?
उत्तर:- मेंडल ने अपने कुछ प्रयोगों में मटर के पौधे के दो विकल्पी लक्षणों वाले जोड़ों का संकरण कराया। इसके लिए उन्होंने गोल एवं हरे (RRyy) बीजों वाले पौधे और झुर्रीदार एवं पीले (rrYY) बीजों वाले पौधे के बीच संकरण कराया और पाया कि –
(क) पहली पीढ़ी के सभी पौधे गोल तथा पीले बीज वाले थे। इससे पता चला कि बीज का गोल आकार और पीला रंग प्रभावी लक्षण है।
(ख) पहली पीढ़ी से प्राप्त में गोल तथा पीले बीज वाले पौधों के बीच स्वपरागण कराया गया तो दूसरी पीढ़ी में गोल एवं पीले बीज वाले और झुर्रीदार एवं हरे बीज वाले पौधे के साथ-साथ गोल एवं हरे बीज वाले और झुर्रीदार एवं पीले बीज वाले पौधे भी प्राप्त हुए। इस प्रकार मेंडल के प्रयोगों द्वारा पता चला कि विभिन्न लक्षण (इस उदाहरण में, गोल/झुर्रीदार तथा पीला/हरा) स्वतंत्र रूप से वंशानुगत होते हैं।
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2. विभिन्नता क्या है? जननिक विभिन्नता एवं कायिक विभिन्नता का वर्णन करें।
उत्तर:- ऐसे परिवर्तन जिनके कारण एक ही जाति के दो सदस्य अथवा एक ही माता-पिता की दो संतानें आपस में एक-दूसरे से भिन्न हो जाती हैं, विविधता या विभिन्नता कहलाते हैं। यह विभिन्नता जनन कोशिकाओं में परिवर्तन या वातावरण और खान-पान के कारण हो सकती है।
जननिक विभिन्नता : इस प्रकार की विभिन्नताएँ जनन कोशिकाओं के गुणसूत्र (क्रोमोसोम) या जीन की संरचना या उनके गुणों में परिवर्तन के कारण होती है। ऐसी विभन्नताएँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में वंशागत होती हैं, इसलिए इसे आनुवंशिक विभिन्नता भी कहते हैं। जैसे– आँखों एवं बालों का रंग, शारीरिक गठन, लम्बाई में परिवर्तन आदि।
कायिक विभिन्नता : इस प्रकार की विभिन्नताएँ जलवायु एवं वातावरण के प्रभाव, पोषण के प्रकार, परिवेशीय जीवों के साथ परस्पर व्यवहार जैसे कारणों से से होती हैं। ऐसी विभिन्नताएँ क्रोमोसोम या जीन परिवर्तन के कारण नहीं होती हैं। अतः ये पीढ़ी-दर-पीढ़ी वंशागत नहीं होती हैं। ऐसी विभिन्नताएँ उपार्जित होती हैं और इनका जैव विकास में कोई महत्त्व नहीं होता है। जैसे– शरीर की मोटाई, भार परिवर्तन, कार्य-कुशलता आदि।