गुणाकर मुले का जीवन परिचय | नागरी लिपि पाठ के महत्वपूर्ण वाक्य

Prabhakar
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Gunakar Mule
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गुणाकर मुले का जीवन परिचय और नागरी लिपि पाठ के महत्वपूर्ण वाक्य: Introduction

In this article, the biography of Gunakar Mule and his works have been described according to Class 10th Godhuli (Prose) Chapter-5 “Nagari Lipi”. Also some important sentences from that chapter are included here. All these will help you to solve objective questions easily.


Dear students, यहाँ “गुणाकर मुले का जीवन परिचय और नागरी लिपि पाठ के महत्वपूर्ण वाक्य” के अन्तर्गत आपके हिन्दी विषय (गोधूलि भाग-2) के गद्यखंड के अध्याय “नागरी लिपि” से सभी महत्वपूर्ण वाक्यों को संकलित कर प्रकाशित किया गया है। साथ ही गुणाकर मुले का जीवन परिचय का संक्षिप्तीकरण सरल शब्दों में दिया गया है।

तो चलिए आज हम सबसे पहले गोधूलि भाग-2 के अनुसार गुणाकर मुले का परिचय एवं उनकी रचनाओं आदि की जानकारी लेते हैं और तत्पश्चात “नागरी लिपि” के महत्वपूर्ण वाक्यों को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।


गुणाकर मुले का जीवन परिचय

‘नागरी लिपि’ शीर्षक पाठ के लेखक गुणाकर मुले है। यहाँ पर उनके जन्म, शिक्षा, उपलब्धियाँ, योगदान, व्यक्तित्व, रचनाएँ आदि के बारे में बताया गया है। ये जानकारी वैकल्पिक प्रश्नों को हल करने के लिए बहुत उपयोगी है। गुणाकर मुले का व्यक्ति-परिचय पाठ्य पुस्तिका के अनुसार निम्नलिखित है।


नागरी लिपि पाठ के लेखक कौन है

नागरी लिपि पाठ के लेखक गुणाकर मुले है। इनका अध्ययन एवं कार्य का क्षेत्र बड़ा ही व्यापक है। उन्होंने गणित, खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, विज्ञान का इतिहास, पुरालिपिशास्त्र और प्राचीन भारत का इतिहास व संस्कृति जैसे विषयों पर खूब लिखा है।


गुणाकर मुले के जीवन के महत्वपूर्ण तथ्य

जन्म :- सन् 1935 ई०
जन्म-स्थान :- अमरावती जिला का एक गाँव, महाराष्ट्र

निधन :- सन् 2009

गुणाकर मुले की शिक्षा

  • गुणाकर मुले की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा ग्रामीण परिवेश में हुई। शिक्षा की भाषा मराठी थी। उन्होंने मिडिल स्तर तक मराठी पढ़ाई भी।
  • वर्धा में दो वर्षों तक नौकरी करने के साथ-साथ अंग्रेजी व हिंदी का अध्ययन किया।
  • इलाहाबाद आकर उन्होंने गणित विषय में मैट्रिक से लेकर एम० ए० तक की पढ़ाई की।

गुणाकर मुले : कार्य

  • गुणाकर मुले ने शुरुआत में मिडिल स्तर तक मराठी पढ़ाया। फिर वर्धा में दो वर्षों तक नौकरी की।
  • गुणाकर मुले के अध्ययन एवं कार्य का क्षेत्र बड़ा ही व्यापक है। उन्होंने गणित, खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, विज्ञान का इतिहास, पुरालिपिशास्त्र और प्राचीन भारत का इतिहास व संस्कृति जैसे विषयों पर खूब लिखा है।
  • पिछले पच्चीस वर्षों में मुख्यतः उपरोक्त विषयों से संबंधित उनके 2500 से अधिक लेखों तथा तीस पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है।

गुणाकर मुले : पुरस्कार और उपाधि

पाठ्य-पुस्तक में गुणाकर मुले जी को मिले किसी भी पुरस्कार या उपाधि का उल्लेख नहीं है।


गुणाकर मुले की प्रमुख रचनाएँ

  1. अशोक के फूल
  2. अक्षरों की कहानी
  3. भारत : इतिहास और संस्कृति
  4. प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक
  5. आधुनिक भारत के महान वैज्ञानिक
  6. मैंडलीफ
  7. महान वैज्ञानिक
  8. सौर मंडल
  9. सूर्य
  10. नक्षत्र-लोक
  11. भारतीय लिपियों की कहानी
  12. अंतरिक्ष-यात्रा
  13. ब्रह्मांड परिचय
  14. भारतीय विज्ञान की कहानी
  15. अक्षर कथा

विशेष: गणित, खगोल विज्ञान, अंतरिक्ष विज्ञान, विज्ञान का इतिहास, पुरालिपिशास्त्र और प्राचीन भारत का इतिहास व संस्कृति जैसे विषयों पर गुणाकर मुले की 2500 से अधिक लेखों तथा तीस पुस्तकों का प्रकाशन हो चुका है।

अक्षर कथा पुस्तक में उन्होंने संसार की प्रायः सभी प्रमुख पुरालिपियों की विस्तृत जानकारी दी है।


नागरी लिपि पाठ का स्त्रोत

अध्याय ‘नागरी लिपि’ को गुणाकर मुले की पुस्तक ‘भारतीय लिपियों की कहानी’ से लिया गया है। यह एक निबंध है।


नागरी लिपि पाठ का सार

‘नागरी लिपि’ गुणाकर मुले की पुस्तक ‘भारतीय लिपियों की कहानी’ से लिया गया एक निबंध है। इस निबंध में हिंदी की अपनी लिपि नागरी या देवनागरी के ऐतिहासिक विकास की रूपरेखा स्पष्ट की गयी है। इस निबंध में हमारी लिपि की प्राचीनता, व्यापकता और शाखा विस्तार का प्रवाहपूर्ण शैली में प्रामाणिक आख्यान प्रस्तुत किया गया है।

यह निबंध सादगी और सहजता के साथ जरूरी ऐतिहासिक जानकारियाँ देते हुए नागरी लिपि के बारे में हमारे भीतर आगे की जिज्ञासाएँ जगाने की कोशिश करता है।


यहाँ पर गुणाकर मुले का परिचय और उनकी रचनाओं की जानकारी पूर्ण हुई। आशा है कि आप गुणाकर मुले के जीवन से परिचित हो गए होंगे और उनके कार्यों और रचनाओं को याद कर लिए होंगे।

अब हम “नागरी लिपि” पाठ से कुछ महत्वपूर्ण वाक्यों का अध्ययन कर याद करने का प्रयास करेंगे।


नागरी लिपि पाठ के महत्वपूर्ण वाक्य

आपके हिन्दी विषय की बोर्ड परीक्षा में कुछ वस्तुनिष्ठ प्रश्न इस प्रकार पूछे जाते हैं – एक वाक्य दिया जाता है और प्रश्न किया जाता है कि ‘यह किस पाठ की पंक्ति है?’ अतः नागरी लिपि पाठ के महत्वपूर्ण वाक्यों को याद करना आवश्यक हो जाता है।


नागरी लिपि पाठ के नोट्स


1. जिस लिपि में यह लेख छपा है, उसे हम नागरी या देवनागरी लिपि कहते हैं।


2. बंगला लिपि प्राचीन नागरी लिपि की पुत्री नहीं, तो बहन अवश्य है।


3. बाकि नगर सिर्फ नगर हैं, परंतु काशी देवनगरी है।


4. आठवीं-नौवीं सदी से आरंभिक हिंदी का साहित्य मिलने लग जाता है।


5. कर्नाटक का श्रवणबेलगोला स्थान जैनों का एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है।


6. धारानगरी का परमार शासक भोज अपने विद्यानुराग के लिए इतिहास में प्रसिद्ध है।

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