
कर्मवीर कथा पाठ का अर्थ Class 10 Sanskrit Chapter 8 Question Answer and Notes : Introduction
This article contains all VVI Question Answers (2 marks each) from Class 10th Sanskrit book “Piyusham Part-2” Chapter 8 “Karmaveer Katha”. This also contains the hindi meaning of Karmaveer Katha chapter.
Dear students, the team of NextGen Study (#1 Online Study Portal for Bihar Board Exams) has provided the Class 10 Sanskrit Chapter 8 Question Answer here. Before this you will see the hindi meaning of Karmaveer Katha chapter.
प्रिय विद्यार्थियों, बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्कृत पाठ 8 प्रश्न उत्तर को पढ़ने से पहले आपको कर्मवीर कथा पाठ का अर्थ जानना आवश्यक हो जाता है। क्योंकि इस पाठ को हिन्दी में पढ़ने के पश्चात् ही आप इसमें लिखी बातों को अधिक आसानी से याद कर पाएँगे।
इसलिए आज हम सबसे पहले कर्मवीर कथा पाठ का अर्थ हिन्दी में पढ़ेंगे और तत्पश्चात प्रश्न उत्तर को भी पढ़ कर याद करने का प्रयास करेंगे।
कर्मवीर कथा पाठ का अर्थ (हिन्दी में)
संस्कृत विषय तब तक कठिन लगता हैं जब तक कि उसका हिन्दी अनुवाद हमें पता नहीं रहता। यदि पाठ कोई कथा हो तो उसका हिन्दी में अनुवाद कर पढ़ने पर वह बहुत रोचक लगने लगता है। कर्मवीर कथा पाठ में एक ऐसे बालक की कहानी है जो बिहार राज्य के दुर्गम क्षेत्र के क गाँव ‘भीखनटोला’ में जन्म लेता है। वह अपने खेल-कौशल के कारण एक शिक्षक की दृष्टि में आ जाता है और उनके सानिध्य में अपनी प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करता है। वह बालक शिक्षा को जीवन की परम गति मानकर परिश्रम पूर्वक अध्ययन करता है और अंततः केन्द्रीय सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करता है। यहाँ हम कर्मवीर कथा पाठ का हिन्दी अनुवाद करते हुए इसके अर्थ को भी समझेंगे। परंतु इन सबसे पहले कर्मवीर कथा पाठ की कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की जानकारी प्राप्त करते हैं।
कक्षा 10 संस्कृत पाठ 8 नोट्स
- 'कर्मवीर कथा' पाठ में समाज के दलित ग्रामवासी की कथा है।
- कर्मवीर उसे कहते है जो अपने प्रबल इच्छाशक्ति से विद्या प्राप्त कर उच्च पद को प्राप्त करता है और समाज में सर्वत्र सम्मानित होता है।
- कर्मवीर रामप्रवेश राम को कहा गया है।
- कर्मवीर कथा पाठ (कहानी) सीखाता है कि निराश नहीं होना है, बल्कि उत्साह के साथ हर काम करने में सक्षम होना है।
Class 10 Sanskrit Chapter 8 Notes
- 'भीखनटोला' ग्राम बिहार राज्य के दुर्गम क्षेत्र में अवस्थित है।
- भीखनटोला ग्राम में निर्धन, शिक्षा विहीन और कठिनाई से जीवन जीने वाले लोग निवास करते थे।
- भीखनटोला ग्राम से बाहर एक जर्जर कुटिया थी। यह कुटिया परिवारजनों को न तो धूप से बचा सकता था और न ही वर्षा से। इसमें चार लोग रहते थे – गृहस्वामी, उसकी पत्नी, एक पुत्र और सबसे छोटी पुत्री। यह रामप्रवेश राम का परिवार था।
Class 10 Sanskrit Chapter 8 Hindi Anuvad
- भीखनटोला ग्राम से एक कोश दूर प्रशासन द्वारा स्थापित एक प्राथमिक विद्यालय था। यही पर नवीनदृष्टि संपन्न और सामाजिक समरसता के पक्षपाती एक शिक्षक का आगमन हुआ।
- शिक्षक ने भीखनटोला ग्राम में खेलने में मग्न एक दलित बालक को देखा। वे उसकी शैली को देखकर आकर्षित हुए। शिक्षक उसे अपने विद्यालय में लाकर पढ़ाने लगे।
- बालक भी शिक्षक की शिक्षणशैली से प्रभावित होकर और शिक्षा को ही जीवन की परम गति मानकर परिश्रमपूर्वक अध्ययन करने लगा।
- बालक ने उच्च विद्यालय में शिक्षकों के अध्यापन और अपने स्वाध्ययन से प्रथम स्थान को प्राप्त किया।
- 'छात्रों के लिए अध्ययन करना ही तपस्या है', अपने शिक्षक से इस उपदेश को बार-बार सुनकर बालक ने अपने पिता के पास साधनों की कमी के बावजूद, छात्रवृत्ति तथा अन्य छात्रों को पढ़ाने से अर्जित धन से शहर के एक महाविद्यालय (कॉलेज) में प्रवेश लिया।
कर्मवीर कथा पाठ का हिन्दी अनुवाद
- वह बालक महाविद्यालय में भी अध्यापकों का प्रिय बन गया। वह हमेशा समय नष्ट किए बिना ध्यानपूर्वक स्वाध्याय करता था। उसने महाविद्यालय के पुस्तकालय में अनेक विषयों के पुस्तकों को पढ़कर आत्मसात कर लिया।
- रामप्रवेश राम ने स्नातक की परीक्षा में विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त कर अपने महाविद्यालय की ख्याति बढ़ाई। इससे नगर में और विश्वविद्यालय परिसर में सभी ओर रामप्रवेश राम का नाम सुनाई देने लगा।
कर्मवीर कथा पाठ का हिन्दी अर्थ
- वर्ष के अंत में, रामप्रवेश राम ने अपने स्वाध्याय और विविध विषयों के ज्ञान के माध्यम से केंद्रीय सिविल सेवा परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
- साक्षात्कार समिति के सदस्यगण रामप्रवेश राम के व्यापक ज्ञान, उनकी पारिवारिक स्थिति और उनके कठिन परिश्रम से बहुत प्रसन्न हुए।
Karmaveer Katha Notes PDF Download
- आज रामप्रवेश राम की प्रतिष्ठा अपने राज्य बिहार एवं केन्द्र सरकार में देखी जा रही है। उनकी प्रशासन क्षमता और संकट काल में निर्णय लेने का सामर्थ्य सभी के लिए आकर्षक है।
- लक्ष्मी उद्योगी पुरुष को ही प्राप्त होती है। अर्थात परिश्रम करने वाले को ही धन की प्राप्ति होती है।
यहाँ पर कर्मवीर कथा पाठ का अर्थ समाप्त हुआ। आशा है कि आप इन इन्हें समझ कर याद कर लिए होंगे।
अब हम “कर्मवीर कथा” अध्याय के महत्वपूर्ण लघु उत्तरीय प्रश्न और उनके उत्तर पढ़ेंगे। इससे आप कर्मवीर कथा पाठ के तथ्यों को और अधिक सरलता से समझ पायेंगे और परीक्षा में इस पाठ से पूछे गए प्रश्नों का answer भी दे सकेंगे।
Class 10 Sanskrit Chapter 8 Question Answer
In the annual board examination of Sanskrit subject, 16 short answer type questions are asked, in which 1 or 2 questions from the chapter “Karmaveer Katha” are definitely included. Out of these 16 questions, only 8 questions have to be answered and 2 marks are fixed for each of these questions.